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व्हाइट हाउस पीएम मोदी को रूस और चीन के करीब ला रहा है, ट्रंप के पूर्व सलाहकार जॉन बोल्टन की खरी-खरी

जॉन बोल्टन ने ट्रंप की टैरिफ नीति की आलोचना करते हुए कहा कि इसने भारत को तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) के साथ शीत युद्ध के संबंधों से दूर करने और चीन से बढ़ते खतरे से निपटने के पश्चिमी प्रयासों को दशकों से ध्वस्त कर दिया है।
John bolton

जॉन बोल्टन का ट्रंप पर निशाना (ANI)

John Bolton: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भारत पर टैरिफ लगाने के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी आलोचना की। उन्होंने भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस और चीन के करीब लाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को निशाने पर लिया। एक्स पर एक पोस्ट में बोल्टन ने कहा, व्हाइट हाउस ने मोदी को रूस और चीन के करीब लाकर अमेरिका-भारत संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया है। बीजिंग ने खुद को अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप के विकल्प के रूप में पेश किया है।

ट्रंप को टैरिफ नीति पर घेरा

उन्होंने ट्रंप की टैरिफ नीति की आलोचना करते हुए कहा कि इसने भारत को तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) के साथ शीत युद्ध के संबंधों से दूर करने और चीन से बढ़ते खतरे से निपटने के पश्चिमी प्रयासों को दशकों से ध्वस्त कर दिया है। एक्स पर कई पोस्ट में बोल्टन ने ट्रंप पर अपने आर्थिक दृष्टिकोण से रणनीतिक लाभ को खतरे में डालने का आरोप लगाया, साथ ही यह भी कहा कि इस नीति ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पूर्व में भू-राजनीतिक परिदृश्य को नया रूप देने का अवसर दिया है।

बोल्टन ने अपनी एक पोस्ट में लिखा, पश्चिम ने दशकों तक भारत को सोवियत संघ/रूस के प्रति शीत युद्ध के लगाव से दूर करने की कोशिश की है और चीन से उत्पन्न खतरे के प्रति उसे आगाह भी किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी विनाशकारी टैरिफ नीति से दशकों के प्रयासों को ध्वस्त कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कूटनीतिक कदमों को व्यापक रणनीतिक परिप्रेक्ष्य में देखने की अनिच्छा ने शी जिनपिंग को पूर्व की दिशा बदलने का अवसर दिया है।

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं बोल्टन

जॉन बोल्टन एक पूर्व अमेरिकी सरकारी अधिकारी हैं, जिन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में उनके पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (2018-19) के रूप में कार्य किया था। बाद में उन्होंने उस समय प्रशासन की विदेश नीति पर ट्रंप के साथ मतभेदों के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब नई दिल्ली, अमेरिका द्वारा भारतीय आयातों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद बढ़े आर्थिक तनाव के कारण वैश्विक अनिश्चितताओं का सामना कर रही है। रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण इस टैरिफ में 25 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोतरी भी की गई थी।

बोल्टन की यह टिप्पणी चीन के तियानजिन में 25वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) राष्ट्राध्यक्ष परिषद शिखर सम्मेलन के समापन के बाद आई है, जिसके दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन से इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। पुतिन के साथ अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और रूस के बीच मजबूत संबंधों पर जोर दिया और कहा कि दोनों देश हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं, यहां तक कि सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी। (एएनआई)

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अमित कुमार मंडल author

पत्रकारिता के सफर की शुरुआत 2005 में नोएडा स्थित अमर उजाला अखबार से हुई जहां मैं खबरों की दुनिया से रूबरू हुआ। यहां मिले अनुभव और जानकारियों ने खबरों ...और देखें

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