खुशखबरी! किसानों को बड़ी राहत, KCC पर मिलता रहेगा सस्ता लोन; देना होगा सिर्फ इतने % ब्याज

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन के ब्याज पर छूट जारी रहेगी
Kisan Credit Card: भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र के लिए कई योजनाएं लागू हैं, जिसके तहत सस्ते दर बीज-खाद और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सस्ते दर पर लोन मुहैया हो रहा है। अब सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस) को जारी रखने को मंजूरी दे दी है। इसके तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से सस्ती दर पर कम अवधि (शॉर्ट टर्म) ऋण (Loan) मिलता है। इस फैसले से किसानों को बड़ी सहूलियत होगी। किसान इस योजना के तहत अधिकतम 3 लाख रुपये ले सकते हैं। इस पहल के तहत किसानों को 2 प्रतिशत की ब्याज छूट और 3 प्रतिशत का त्वरित री-पेमेंट प्रोत्साहन दिया जाता है, जिससे ब्याज दर प्रभावी रूप से घटकर सालाना 4 फीसदी रह जाता है।
कम समय के लिए ब्याज ले सकतें हैं किसान
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एमआईएसएस को मौजूदा 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता के साथ जारी रखने का निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया। योजना को जारी रखने से सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। एमआईएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केसीसी के माध्यम से सस्ती ब्याज दर पर किसानों को अल्पकालिक (कम समय के लिए) ऋण उपलब्ध हो। एमआईएसएस के तहत किसानों को केसीसी के माध्यम से सात प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पावधि ऋण मिलता है, जिसमें पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाती है।
इसके अतिरिक्त, समय पर कर्ज चुकाने वाले किसान, शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में तीन प्रतिशत तक की प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र होते हैं। इससे केसीसी ऋण पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से कम हो कर चार प्रतिशत रह जाती है। केवल पशुपालन या मत्स्य पालन के ऋण पर ब्याज लाभ दो लाख रुपये तक हो सकता है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योजना की संरचना या अन्य हिस्सों में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं किया गया है।
भारत में कितने केसीसी खाते?
देश में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं। केसीसी के माध्यम से संस्थागत ऋण वितरण 2014 के 4.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर, 2024 तक 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गया। समग्र कृषि ऋण प्रवाह भी 2013-14 के 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये हो गया।
किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़े कुछ तथ्य
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के फायदे
- मौसमी सब्जियों-बागवानी फसल के लिए अल्पकालिक लोन देना
- लंबी अवधि की फसलों, जैसे-बागवानी फूल, फल, मसाले, बागान फसलें, सुगंधित पौधे और औषधीय पौधों की फसले के लिए लोन
- किसानों की पर्सनल आवश्यकताओं के लिए लोन
- कृषि संपत्तियों के रखरखाव के लिए लोन
- कृषि, मतस्य पालन, डेयरी, मुर्गीपालन, मशरूम, पशु पालन, रेशम उत्पाद, मधुमक्खी पालल आदि के लिए लो
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए कौन है पात्र?
- किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ किसान, चाहे व्यक्तिगत हों या संयुक्त उधारकर्ता हों, जो मालिकाना खेती करते हैं।
- काश्तकार किसान, मौखिक पट्टेदार और बटाईदार किसान
- किसानों के स्वंय समूह
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गंगा यमुना के दोआब में स्थित उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से ताल्लुक है। गांव की गलियों में बचपन बीता और अब दिल्ली-एनसीआर में करियर की आपधापी जारी है।...और देखें

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