भोपाल

शूटिंग की आड़ में कारतूसों की कालाबाजारी, 3 लाख कारतूस गायब, कांग्रेस ने उठाई CBI जांच की मांग

दरअसल पुलिस मुख्यालय के खूफिया विभाग को इनपुट मिला था कि शूटर्स कारतूसों की कालाबाजारी कर रहे हैं, इनपुट के बाद पुलिस ने अपना तंत्र सक्रिय किया तो पता चला कि शूटर्स को अलॉट 3 लाख कारतूसों का कोई लेखा-जोखा ही नहीं है...
फर्ज़ी शूटिंग रेंज

फर्ज़ी शूटिंग रेंज

मध्य प्रदेश बीते दिनों लव जिहाद ड्रग जिहाद और धर्मांतरण जैसे मामलों को लेकर चर्चा में रहा है, लेकिन आज जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं वह इससे भी कहीं ज्यादा संगीन और सनसनीखे है। दरअसल, प्रदेश की राजधानी भोपाल से ही शूटिंग अकादमी शूटिंग रेंज और शूटर की आड़ में हथियारों और कारतूसों की कालाबाजारी का खेल चलने की बात सामने आ रही है , और इसका सबूत है 3 लाख से ज्यादा मिसिंग कारतूस जिनका कहीं कोई हिसाब नहीं है।

तीन लाख कारतूसों का लेखा-जोखा नहीं

दरअसल पुलिस मुख्यालय के खूफिया विभाग को इनपुट मिला था कि शूटर्स कारतूसों की कालाबाजारी कर रहे हैं, इनपुट के बाद पुलिस ने अपना तंत्र सक्रिय किया तो पता चला कि शूटर्स को अलॉट 3 लाख कारतूसों का कोई लेखा-जोखा ही नहीं, इतने बड़े आंकड़े के सामने आने के बाद सवाल खड़े होते हैं कि क्या गायब कारतूसों से भी मध्यप्रदेश में अपराध बढ़ रहा है , क्या जानवरों का शिकार भी इन्हीं कारतूसों से हो रहा है , मिसिंग कारतूस का आंकड़ा सामने आने के बाद राज्य स्तरीय कमेटी गठित कर दी गई है।

रजिस्टर्स 77 शूटर्स रडार पर

भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी ने जानकारी दी कि राज्य स्तरीय कमेटी ने भोपाल में रजिस्टर्स 77 शूटर्स को रडार पर ले लिया है , अभी तक 45 शूटर्स को नोटिस भेजकर कारतूसों का हिसाब मांगा जा रहा है । वहीं कारतूस की काला बाजारी उजागर होने के बाद कांग्रेस प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है , कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने सवाल उठाया है कि क्या इन्हीं कारतूसों से गंभीर अपराध हो रहे हैं , ये बहुत गंभीर मामला है और इसकी जांच CBI और ATS ने करवानी चाहिए ।

लाइसेंस धारी शूटर सैयद शारिक बुखारी पर केस दर्ज किया गया है , परवलिया पुलिस के मुताबिक ये शूटर अपने लाइसेंस की आड़ में भोपाल के आउटर इलाके के एक फॉर्म हाउस में गुपचुप तरीके से शूटिंग रेंज चला रहा था। इसके अलावा और भी लोग जांच के दायरे में हैं।

आइए जानते हैं कि नियम क्या कहता है

  • भोपाल में हर साल शूटर को करीब 31 लाख कारतूस जारी होते हैं , लेकिन उनके उपयोग का हिसाब किताब अब तक नहीं रखा गया ।
  • लाखों की संख्या में कारतूस अलॉट तो किए जाते हैं लेकिन इस्तेमाल किए गए कारतूस के खोखों का हिसाब रखने की कोई व्यवस्था मेंटेन नहीं की गई।
  • भोपाल में 77 शूटर रजिस्टर्ड हैं । जिनसे बीते 5 सालों का हिसाब मांगा गया है।
  • तीन लाख कारतूसों का हिसाब नहीं मिला है, विदेश से लाए गए हथियारों की खरीद फरोख्त की भी बात सामने आई है।
  • सामान्य लाइसेंस धारी लोगों को साल भर में 200 कारतूस ही अलॉट किए जाते हैं, लेकिन नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया से प्रमाण पत्र लेने पर खिलाड़ियों को रियायती दरों पर रैंक के हिसाब से लाखों की संख्या में कारतूस मिल सकते हैं।
  • भोपाल की बाहरी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में कई फर्जी शूटिंग रेंज होने का भी खुलासा हुआ है , आशंका जताई जा रही है शूटिंग रेंज के नाम पर हथियार और कारतूस एलॉट करके उनके संचालक इनका दुरुपयोग कर रहे थे।
  • जानकारी के मुताबिक आमतौर पर शूटिंग के लिए 0.22 बोर की रायफल का उपयोग होता है, लेकिन ये शूटर्स बड़े कारतूसों वाली 315, 305, 306 बोर के कारतूसों को शूटिंग के नाम पर खरीद रहे थे।

एक-एक कारतूस का हिसाब देना होगा

अब मामले की गंभीरता को देखते हुए फरमान जारी किया गया है कि हर शूटर को एक-एक कारतूस का हिसाब देना होगा, साथ ही मिसिंग कारतूसों को लेकर भी पड़ताल की जा रही है, क्योंकि सवाल खड़े हो रहे हैं कि मिसिंग कारतूस का इस्तेमाल कहां कहां हुआ, सवाल ये भी खड़े हो रहे हैं कि क्या इन्हीं कारतूस से अपराध, शिकार और देशविरोधी गतिविधियां बड़ी हैं।

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मकरंद काले author

सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।\nततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि\n\nसाल 2008 में by chance journalist बना। 2013 से by choice journalist ह...और देखें

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