भोपाल

सिंहस्थ पर रंग जमाएगी मेट्रो? बनने जा रही उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर लाइन; बनेंगे 11 स्टेशन; 135 KM होगी रफ्तार

Indore-Ujjain Metro Route Map : एमपी के 4 शहरों को मेट्रो कनेक्टिविटी देने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। भोपाल (निर्माणाधीन कॉरिडोर) के बाद उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर 84 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन (Ujjain-Indore-Pithampur Metro Line) का सर्वे पूरा कर लिया गया है। सिंहस्थ 2028 (Simhastha) तक इंदौर-उज्जैन मेट्रो कॉरिडोर (Indore-Ujjain Metro Corridor) को विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हालांकि, 10 हजार करोड़ के बजट समेत अन्य चुनौतियों के कारण यह कार्य नियत समय में कितना संभव होगा, ये आने वाले सालों में साफ हो पाएगा?
Indore-Ujjain Metro Corridor.

इंदौर-उज्जैन मेट्रो

Indore-Ujjain Metro : मध्य प्रदेश में शहरों के अंदर जाम से मुक्ति और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए मेट्रो के संचालन पर जोर दिया जा रहा है। फिलहाल, इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के कुछ हिस्से पर मेट्रो का कमर्शियल रन चालू है। अब आने वाले दिनों में भोपाल मेट्रो (Bhopal Metro) के कुछ हिस्से का उद्घाटन किया जा सकता है। हालांकि, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से एम्स के बीच मेट्रो का ट्रायल रन पूरा किया गया, जिसकी अभी फुल टेस्टिंग बाकी है। इसी बीच सरकार ने नए रूटों पर हाईस्पीड प्रोजेक्ट उतारने के संकेत दिए हैं। हालिया की घोषणा में उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर मेट्रो लाइन (Ujjain-Indore-Pithampur Metro Line) 84 किलोमीटर लंबे ट्रैक के निर्माण की कवायत दिखी। इस रूट पर पर मेट्रो रेल परियोजना की डीपीआर बनाने के कार्य के लिए दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Delhi Metro Corporation Limited) से अनुमोदन किया गया है। उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर मेट्रो कॉरिडोर के पहले चरण में श्री महाकालेश्वर (Shri Mahakaleshwar) उज्जैन, लवकुश चौराहा इंदौर और दूसरे चरण में लवकुश चौराहा से पीथमपुर (धार) मेट्रो रेल परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी। आइये जानते हैं इस रूट पर कितने स्टेशन होंगे और मेट्रो की रफ्तार कितनी होगी?

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उज्जैन-इंदौर मेट्रो के स्टेशन नाम

इंदौर-उज्जैन के बीच 45 किलोमीटर लंबे रूट के बीच कुल 11 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। फिलहाल, तैयार डीपीआर के अनुसार इन स्टेशनो के नाम इंदौर की ओर भरवला, बरौली, धरमपुरी, तराना, सांवेर, पंथ पिपलाई, निनोरा, त्रिवेणी घाट, नानाखेड़ा, उज्जैन आईएसबीटी और उज्जैन रेलवे स्टेशन होंगे। उज्जैन में एलिवेटेड और भूमिगत मेट्रो दोनों शामिल होंगी। सड़क के बीच में पिलर खड़े किये जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, नानाखेड़ा से उज्जैन रेलवे स्टेशन (Ujjain Railway Station) तक भूमिगत ट्रैक बनाया जाएगा। हालांकि कितने किलोमीटर ट्रैक भूमिगत होगा ये अंतिम डीपीआर तय होने के बाद पता चलेगा। कयास लगाए जा रहे हैं लवकुश चौराहे से उज्जैन तक का सफर महज 45 से 50 मिनट में कवर होगा, जिससे दोनों शहरों और बीच के स्टेशनों से यात्रा करने वाले लोगों को काफी सहूलियत होगी। वर्तमान में दोनों शहरों के बीच सड़क मार्ग के जरिए करीब डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है। इस परियोजना के पूर्ण होने से कनेक्टिविटी काफी बेहतर और सुगम होगी। लोग कम समय में बाबा महाकाल के दर्शन समेत अन्य व्यापारिक गतिविधियों को पूरा कर अपने घर लौट सकेंगे।

जानकारीविवरण
परियोजना का नामउज्जैन-इंदौर-पीथमपुर मेट्रो लाइन
उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर मेट्रो लाइन की लंबाई84 किलोमीटर
इंदौर-उज्जैन मेट्रो रूट की लंबाई45 किलोमीटर
इंदौर-उज्जैन मेट्रो रूट की लागत10 हजार करोड़ अनुमानित
इंदौर-उज्जैन मेट्रो रूट के स्टेशन की संख्या11
इंदौर-उज्जैन मेट्रो की रफ्तार135 किमी./घंटे
डीपीआर निर्माण संस्थादिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन लिमिटेड
इंदौर-उज्जैन मेट्रो का कार्य पूरा होने की तिथिपता नहीं

इंदौर-उज्जैन मेट्रो के फायदे

अगर, सड़क मार्ग पर नजर डालें तो इंदौर और उज्जैन के बीच 55 किलोमीटर की लंबाई तय करनी होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस क्षेत्र से मेट्रो ट्रैक बनाया जा सकता है। हालांकि, पहले से ही 6 लेन सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है। लिहाजा, मेट्रो कॉरिडोर को विकसित करने के लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत होगी? जिससे भूमि मालिकों या संबंधित किसानों को सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। साथ ही संबंधित मेट्रो स्टेशनों के आसपास छोटी दुकानें, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल समेत अन्य शॉप खुलने से स्थायी और अस्थायी तौर पर लोगों को रोजगार मिलेगा।

इंदौर-उज्जैन मेट्रो की रफ्तार

मेट्रो स्टेशनों की दूरी कम होने के कारण मेट्रो ट्रेनों की गति उसके अनुसार निर्धारित की जाती है। लेकिन इंदौर-उज्जैन कॉरिडोर के बीच 11 स्टेशन हैं। लिहाजा दो स्टेशनों के बीच की दूरी 4 किलोमीटर के अंतर्गत होगी। ऐसे में इस रूट पर मेट्रो की गति 135 किलोमीटर प्रति घंटे यानी हाइब्रिड मोड पर किया जा सकता है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के हवाले से वर्तमान में दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन ( Delhi Airport Express Line) पर मेट्रो का संचालन ऐसे ही हाइब्रिड मोड पर किया जा रहा है। एमपी सरकार का प्रयास रहेगा कि सिंहस्थ मेले (2028) तक इस रूट पर मेट्रो का संचालन कर यात्रियों को सहूलियत प्रदान की जाए। इस कॉरिडोर को विकसित करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जा सकता है। हालांकि, सिंहस्थ तक मेट्रो का संचालन होगा या नहीं अभी कहना मुश्किल होगा, चूंकि सरकार के सामने भारी भरकम बजट समेत कई अन्य चुनौतियां हैं।

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Pushpendra Kumar author

गंगा यमुना के दोआब में स्थित उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से ताल्लुक है। गांव की गलियों में बचपन बीता और अब दिल्ली-एनसीआर में करियर की आपधापी जारी है।...और देखें

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