चण्डीगढ़

Punjab: वोट चोरी के बाद अब केंद्र पर अनाज चोरी का आरोप; पंजाब और केंद्र सरकार आमने-सामने

वोट चोरी के आरोपों के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र पर गरीबों का राशन रोकने का आरोप लगाया, जबकि केंद्र ने राज्य में फर्जी लाभार्थियों और राशन घोटाले का दावा किया। ई-केवाईसी प्रक्रिया को लेकर दोनों पक्षों में विवाद है।
After vote chori, Central government accused of grain theft

वोट चोरी के बाद केंद्र पर अनाज चोरी का आरोप

Punjab News: वोट चोरी के आरोपों के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर अनाज चोरी का आरोप लगाया है। मान का कहना है कि केंद्र सरकार पंजाब के हिस्से का पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) का राशन रोकने की साजिश कर रही है। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने राज्य में 'फर्जी लाभार्थियों' और 'राशन घोटाले' के आरोप लगाए हैं। दोनों पक्षों के तीखे बयानों से यह मामला अब पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चुका है।

मान का आरोप- केंद्र गरीबों से राशन छीनना चाहती है

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया कि केंद्र सरकार जानबूझकर पंजाब के गरीबों को मिलने वाला मुफ्त राशन रोकने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 1.53 करोड़ राशन कार्डधारक हैं, जिनमें से 55 लाख का राशन बंद करने की योजना बनाई जा रही है। मान ने आरोप लगाया कि जुलाई महीने में 23 लाख लोगों का राशन ई-केवाईसी के बहाने रोका गया और अब 30 सितंबर से 32 लाख और लोगों का राशन रोके जाने की चेतावनी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने केंद्र पर राजनीतिक द्वेष का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीबों से उनका हक छीना जा रहा है और इसका विरोध किया जाएगा।

केंद्र का पलटवार

मुख्यमंत्री के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब देते हुए कहा कि राशन वितरण में ई-केवाईसी की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लागू की गई है। केंद्र ने केवल राज्यों से इसे लागू करने को कहा है। उन्होंने बताया कि पंजाब को मार्च 2023 से ई-केवाईसी शुरू करने की सलाह दी गई थी और डेडलाइन भी तीन बार बढ़ाई गई, इसके बावजूद एक दिन के लिए भी राशन रोका नहीं गया।

जोशी ने बताया कि जून से अगस्त 2025 के बीच पंजाब को 1.74 लाख मीट्रिक टन अनाज आवंटित किया गया। एनएफएसए के तहत पंजाब को 1.41 करोड़ लाभार्थियों की सीमा दी गई है, जिनमें से अब तक 90% की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है। लाभार्थियों की पहचान और वितरण की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की है।

केंद्र ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

केंद्र सरकार ने राज्य के राशन कार्ड डेटाबेस में बड़ी अनियमितताओं का खुलासा किया है। मंत्रालय के अनुसार, पंजाब में 12 लाख से अधिक संदिग्ध लाभार्थी पाए गए हैं। इनमें ऐसे लोग शामिल हैं जो या तो मृतक हैं, डुप्लीकेट कार्डधारी हैं या फिर “साइलेंट लाभार्थी” हैं, जिनके नाम पर राशन आवंटित हुआ लेकिन उन्होंने कभी लिया नहीं।

आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में 10 लाख फर्जी राशन कार्ड पाए गए हैं। इनमें से 10,000 से अधिक डुप्लीकेट, 7,511 मृतक और 21,370 साइलेंट लाभार्थी थे।

“मान को आरोप लगाने के बजाय कार्रवाई करनी चाहिए”

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री को आरोप लगाने के बजाय भ्रष्टाचार और अपात्र लोगों को राशन मिलने की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लॉबीज़ का दबाव है कि अपात्र लोगों को भी राशन दिया जाए, और मुख्यमंत्री उसी दबाव में काम कर रहे हैं।

जोशी ने दोहराया कि केंद्र का मकसद पारदर्शिता और सही लोगों तक लाभ पहुंचाना है, लेकिन राज्य सरकार इस प्रक्रिया को राजनीतिक विवाद बना रही है।

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हिमांशु तिवारी author

हिमांशु तिवारी एक पत्रकार हैं जिन्हें प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक का 16 साल का अनुभव है। मैंने अपना करियर क्राइम रिपोर्टर के रूप में शुरू किया था...और देखें

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