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जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश से त्रासदी; रामबन-रियासी में बाढ़ और भूस्खलन से 11 की मौत

जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश के चलते भारी आपदा की स्थिति बन गई है। रामबन और रियासी जिले में बादल फटने और भूस्खलन की दो घटनाओं में एक ही परिवार के सात सदस्यों सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई।

Ramban Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के एक दूरदराज गांव में शनिवार देर रात बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें दो भाइयों समेत चार लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता है। घटना राजगढ़ के पर्वतीय क्षेत्र में जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर हुई। बादल फटने के कारण दो मकान और एक प्राथमिक विद्यालय बह गए। जिला प्रशासन, स्थानीय स्वयंसेवक, पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने तत्काल राहत और बचाव अभियान चलाया, जिसमें मलबे से चार शव बरामद किए गए। मृतकों की पहचान अश्विनी शर्मा (24), द्वारका नाथ (55), विरता देवी (26) और ओम राज (38) के रूप में हुई है। लापता व्यक्ति शर्मा की भाभी विद्या देवी (55) बताई जा रही हैं।

रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण गुप्ता ने बचाव एवं राहत कार्यों की निगरानी की। स्थानीय निवासी अजय कुमार ने बताया कि बाढ़ पहाड़ी की चोटी पर स्थित स्कूल के पास आई, जिससे द्रुबला-गुडग्राम गांव में दो घर, एक स्कूल और एक गौशाला बह गए। उपायुक्त खान ने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद प्रदान कर रहा है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी दुख व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों के लिए सहायता का आश्वासन दिया।

रियासी 7 की दर्दनाक मौत

वहीं, रियासी जिले के कई हिस्सों में भारी लैंडस्लाइड के कारण रास्ते बंद हो गए हैं और लोग दुर्गम पहाड़ों से पैदल गुजरने को मजबूर हैं। रियासी के बद्दर इलाके में बादल फटने से एक ही परिवार के 7 लोगों की जान चली गई, जिनमें पांच बच्चे और दो युवा शामिल हैं। सभी लोग गहरी नींद में थे जब अचानक लैंडस्लाइड ने पूरे घर को अपने गर्त में ले लिया। इसके अलावा, रियासी से माहौर और बद्दर को जोड़ने वाले मार्ग पर कई जगह भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। लोग मजबूरी में पहाड़ों के कठिन रास्तों से पैदल यात्रा कर रहे हैं।

मलबा हटाने का कार्य जारी

बरसात का मौसम पहाड़ी जीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर चुका है। भारी लैंडस्लाइड हटाने का काम बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) कर रहा है, जिसकी टीम लगातार मलबा हटाने में जुटी है। हालांकि, पहाड़ से लगातार पत्थरों के गिरने के कारण राहत कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। वहीं, रियासी जिले के पलसू इलाके में कल देर रात बादल फटने से BRO का एक कैंप भी बह गया। जम्मू रीजन में इस बार बारिश और बादल मानो कहर बनकर टूट पड़े हैं।

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हिमांशु तिवारी author

हिमांशु तिवारी एक पत्रकार हैं जिन्हें प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक का 16 साल का अनुभव है। मैंने अपना करियर क्राइम रिपोर्टर के रूप में शुरू किया था...और देखें

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