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दिल्ली पुलिस ने ISI जासूसी नेटवर्क का किया भंडाफोड़; नेपाल के नागरिक गिरफ्तार, स्पेशल सेल ने किया खुलासा

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (ईस्टर्न रेंज) ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई में नेपाल के नागरिक प्रभात कुमार चौरसिया को गिरफ्तार किया गया, जो भारतीय सिम कार्ड पाकिस्तान भेजता था। इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल ISI एजेंट्स भारत-विरोधी गतिविधियों और जासूसी के लिए कर रहे थे।
दिल्ली पुलिस ने ISI जासूसी नेटवर्क का किया भंडाफोड़; नेपाल के नागरिक गिरफ्तार, स्पेशल सेल ने किया खुलासा

Delhi Police ISI Bust: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (ईस्टर्न रेंज) ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े जासूसी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में नेपाल के नागरिक प्रभात कुमार चौरसिया (43) को गिरफ्तार किया गया है, जो भारतीय सिम कार्ड पाकिस्तान भेजता था। इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल पाकिस्तान में बैठे ISI एजेंट्स व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी और भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए कर रहे थे।

कैसे हुआ ऑपरेशन?

स्पेशल सेल को गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान में ISI भारतीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रही है। इस इनपुट के आधार पर इंस्पेक्टर राहुल कुमार और इंस्पेक्टर विनीत कुमार तेवतिया की टीम ने एसीपी कैलाश सिंह बिष्ट के निर्देशन में निगरानी शुरू की। 28 अगस्त को टीम को पता चला कि ISI से जुड़ा शख्स लक्ष्मी नगर, दिल्ली में मौजूद है। तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ और खुलासे

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में प्रभात ने कबूल किया कि उसने अपने आधार कार्ड की मदद से एयरटेल और जियो के 16 सिम कार्ड लिए और नेपाल भेजे। इनमें से 11 सिम कार्ड पाकिस्तान के लाहौर और बहावलपुर से ISI एजेंट्स द्वारा व्हाट्सऐप पर सक्रिय पाए गए। पुलिस ने आरोपी के पास से डिजिटल डिवाइस और कई सिम कार्ड के पैकेट बरामद किए हैं, जिनमें संदिग्ध और आपत्तिजनक सामग्री मिली है।

ISI एजेंट्स से कैसे जुड़ाव?

जांच में सामने आया कि प्रभात 2024 में नेपाल के जरिए ISI एजेंट्स के संपर्क में आया। उसे अमेरिकी वीजा और पत्रकारिता के नाम पर विदेश भेजने का लालच दिया गया। बदले में उससे भारतीय सिम कार्ड सप्लाई करने और DRDO व सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी जुटाने का काम दिया गया। प्रभात ने महाराष्ट्र के लातूर में बने अपने आधार कार्ड से बिहार और महाराष्ट्र में सिम निकाले और नेपाल के रास्ते ISI तक पहुंचाए। पाकिस्तान में इन्हीं नंबरों से व्हाट्सऐप अकाउंट बनाकर भारतीय सेना से संपर्क साधने और जासूसी की कोशिश की गई।

क्या है आरोपी का बैकग्राउंड?

प्रभात का जन्म 1982 में नेपाल में हुआ। उसने शुरुआती पढ़ाई नेपाल और बिहार के मोतिहारी से की। इसके बाद B.Sc (आईटी) और कंप्यूटर हार्डवेयर-नेटवर्किंग में डिप्लोमा किया। पेशेवर जीवन में वह फार्मा सेक्टर में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और एरिया मैनेजर रहा। 2017 में उसने काठमांडू में लॉजिस्टिक्स कंपनी शुरू की, लेकिन घाटे के बाद वह बंद हो गई। इसी दौरान विदेश जाने की चाह में वह ISI के संपर्क में आ गया।

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    अनुज मिश्रा author

    अनुज मिश्रा भारत के अग्रणी क्राइम और इन्वेस्टिगेटिव पत्रकारों में से एक हैं। वह वर्तमान में टाइम्स नाउ नवभारत में न्यूज़ एडिटर के रूप में कार्यरत हैं।...और देखें

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