दिल्ली

Fake Drugs: दिल्ली में नकली जीवनरक्षक दवाओं के रैकेट का भंडाफोड़, छह आरोपी गिरफ्तार

Fake Drugs in Delhi: आरोपी बेहद संगठित तरीके से काम करते थे। सोशल मीडिया के जरिए नए लोगों की भर्ती होती थी और व्हाट्सएप जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर बातचीत होती थी। दवाओं की पैकिंग सामग्री बद्दी और कर्नाल से लाई जाती थी।
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प्रतीकात्मक फोटो (फोटो:istock)

Fake Drugs in Delhi: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी गैंग स्क्वॉड (AGS) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए उत्तर भारत में फैले एक नकली जीवनरक्षक दवाओं के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुख्य सरगना भी शामिल है। ये लोग जाली दवाओं का निर्माण, बिक्री और देशभर में सप्लाई कर रहे थे। गिरोह की पहुंच उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक फैली हुई थी।

पुलिस ने जिंद (हरियाणा) और बद्दी (हिमाचल प्रदेश) में दो फैक्ट्रियों पर छापेमारी कर भारी मात्रा में नकली दवाएं, मशीनें और पैकिंग सामग्री जब्त की है। जब्त दवाएं नामी दवा कंपनियों जैसे जॉनसन एंड जॉनसन, जीएसके और अल्केम के नाम से पैक की गई थीं। इनमें Ultracet, Augmentin 625, Pan-40, और Betnovate-N जैसी दवाएं शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

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पुलिस को अपने सोर्स के जरिए सूचना मिली थी कि नकली दवाओं की एक बड़ी खेप दिल्ली पहुंचने वाली है। इसके बाद इंस्पेक्टर पवन कुमार के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया गया। 30 जुलाई को सिविल लाइन्स के HP CNG पंप पर एक वैगनआर कार को रोका गया, जिसमें मोहम्मद आलम और मोहम्मद सलीम नामक दो व्यक्ति भारी मात्रा में नकली दवाएं लेकर जा रहे थे।

जांच में पता चला कि दवाओं की पैकिंग असली कंपनियों के मानकों से मेल नहीं खा रही थी। लैब जांच में भी दवाएं नकली पाई गईं। इसके बाद पुलिस ने कई राज्यों में छापेमारी कर गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया।

जिंद स्थित फैक्ट्री में नकली दवाओं का निर्माण होता था और फिर रेलवे व निजी गाड़ियों से देशभर में भेजी जाती थीं। पेमेंट हवालों और फर्जी खातों के जरिए लिया जाता था।

गिरोह ग्रामीण इलाकों के झोलाछाप डॉक्टरों और गैर-पंजीकृत मेडिकल दुकानों को ये नकली दवाएं बेचता था। कई नामचीन दवाओं की लाखों गोलियां, क्रीम और इंजेक्शन पुलिस ने बरामद किए हैं।

जब्त की गई प्रमुख नकली दवाएं:

Ultracet: 9,015 टैबलेट्स

Augmentin 625: 6,100 टैबलेट्स

Pan-40: 1,200 टैबलेट्स

Betnovate-N क्रीम: 1,166 ट्यूब

Amoxicillin: 25,650 टैबलेट्स

Kanacort इंजेक्शन: 74 बॉक्स

अन्य भारी मात्रा में Loose टैबलेट्स, कैप्सूल और पैकिंग सामग्री

राजेश मिश्रा (गोरखपुर): गिरोह का मास्टरमाइंड, पहले फार्मा इंडस्ट्री में काम कर चुका है।

परमानांद (जिंद, हरियाणा): नकली दवाओं की फैक्ट्री चलाता था।

मोहम्मद आलम और सलीम (मुरादाबाद): नकली दवाएं दिल्ली लाते थे।

जुबैर (मुरादाबाद): दवाओं की सप्लाई में शामिल था।

प्रेम शंकर (देवरिया): निर्माण इकाई से दवाएं लाकर वितरकों तक पहुंचाता था।

गिरफ्तार सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है। पुलिस इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है और पैकिंग सामग्री के सोर्स, वित्तीय लेनदेन व कच्चे माल की आपूर्ति पर भी जांच कर रही है।

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मोहित ओम author

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