फरीदाबाद

हरियाणा पुलिस की साइबर यूनिट की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों के लेन-देन में शामिल दो फर्जी कंपनियों का पर्दाफाश

हरियाणा पुलिस की साइबर यूनिट ने पानीपत में साइबर ठगों का भांड़ाफोड़ करते हुए एक के बाद एक दो फर्जी कंपनियों का खुलासा किया। पुलिस बताया कि साइबर ठगों द्वारा कई बैंक खातों का इस्तेमाल अवैध धन को घुमाने के लिए किया जा रहा है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है।
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हरियाणा पुलिस की साइबर यूनिट की बड़ी कार्रवाई (फोटो - Canva)

हरियाणा पुलिस की साइबर यूनिट ने पानीपत जिले में साइबर ठगों को बड़ा झटका देते हुए म्यूल अकाउंट्स और फर्जी कंपनियों के माध्यम से किए जा रहे बड़े वित्तीय अपराध का भंडाफोड़ किया है। हालिया जांच में खुलासा हुआ कि दो फर्जी कंपनियों के जरिये करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन को अंजाम दिया जा रहा था । साइबर यूनिटी की जांच के दौरान "ट्रू आर्टिफिशियल ज्वेल्स प्राइवेट लिमिटेड" नामक कंपनी पूरी तरह से फर्जी निकली।

इस फर्जी कंपनी ने बैंक ऑफ इंडिया की पानीपत शाखा में खाता खोलकर केवल सात महीने के दौरान 51.82 करोड़ रुपये का लेन-देन किया। हैरान कर देने वाली बात ये है कि इस खाते से 51.79 करोड़ रुपये पहले ही निकाले जा चुके थे और मात्र 3.13 लाख रुपये ही शेष रह गई है। कंपनी का पता और निदेशक मंडल की जानकारी भी फर्जी पाई गई। इतना ही नहीं, मौके पर कोई वास्तविक कंपनी मौजूद नहीं पाई गई । साफ है कि यह कंपनी धोखाधड़ी और अवैध धन को घुमाने का एक माध्यम थी।

एक के बाद एक कंपनी का भंडाफोड़

इसी क्रम में एक और कंपनी का भंडाफोड़ हुआ। इस कंपनी का नाम "इंडो कैरियर एजेंसी" बताया गया है। कंपनी के खाते में 24 दिसंबर 2024 से 27 अगस्त 2025 तक 32.92 लाख रुपये जमा हुए थे, जिनमें से 31.70 लाख रुपये पहले ही निकाल लिए गए और अब केवल 1.21 लाख रुपये खाते में बचे हैं। साइबर यूनिट ने बताया कि इस कंपनी का पता भी फर्जी निकला और मौके पर कोई कंपनी नहीं पाई गई। जांच के दौरान जिन संदिग्ध व्यक्तियों के नाम सामने आए, उनमें प्रमोद कुमार, धर्मेंद्र कुमार, निशांत और सनी कुमार शामिल हैं। पुलिस का मानना है कि इन खातों और कंपनियों के पीछे एक सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र है, जिसका मकसद ठगी की रकम को तुरंत निकालकर कानून की पकड़ से बचना था।

गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस ने राज्यभर में व्यापक जांच कर 91 एसी बैंक शाखाओं की पहचान की है, जिन पर संदेह है कि वहां साइबर अपराधियों के म्यूल अकाउंट्स संचालित हो रहे हैं और इनके जरिये बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के लेन-देन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पानीपत जिला में 4 संदिग्ध बैंक शाखाओ की पहचान की गई है। पुलिस ने इन शाखाओं को चिन्हित कर चरणबद्ध तरीके से सत्यापन, निरीक्षण और कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।

संदिग्ध शाखाओं पर पुलिस की छापेमारी

साइबर अपराध शाखा की विशेष टीमें इन 91 शाखाओं के रिकॉर्ड की गहन जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं बैंक कर्मचारियों की लापरवाही या मिलीभगत से साइबर अपराधियों को फायदा तो नहीं मिला। टीम KYC मानकों की अनदेखी, खाता खोलने में प्रक्रियागत खामियां और बैंक स्टाफ की भूमिका का विश्लेषण कर रही है। इस अभियान की निरंतरता में आज पुलिस ने करनाल और यमुनानगर जिलों की संदिग्ध शाखाओं पर छापेमारी की, जहाँ बैंक रिकॉर्ड खंगाले गए और कई खातों की गहन जांच की गई।

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