गाजियाबाद

Meerut: अब्दुल्ला रेजीडेंसी के अवैध हिस्से पर बुलडोजर एक्शन; जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई

मेरठ के हापुड़ रोड स्थित अब्दुल्ला रेजीडेंसी में अवैध निर्माण और सांप्रदायिक भेदभाव के आरोपों के चलते प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की। जांच में 300 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर कब्जा पाए जाने के बाद बाउंड्रीवाल गिरा दी गई। यह कार्रवाई योगी सरकार की 'जीरो टॉलरेंस पॉलिसी' के तहत की गई।
Meerut: अब्दुल्ला रेजीडेंसी के अवैध हिस्से पर बुलडोजर एक्शन; जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई

Abdullah Residency Meerut Controversy: मेरठ के हापुड़ रोड पर स्थित अब्दुल्ला रेजीडेंसी कॉलोनी को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद अब बुलडोजर एक्शन तक पहुंच गया है। योगी सरकार की सख्ती के तहत अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने कॉलोनी के पीछे के हिस्से की बाउंड्रीवाल को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई हिंदुओं को प्रवेश और प्रॉपर्टी खरीदने से रोकने के आरोपों के बाद हुई। मेरठ के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में हापुड़ रोड पर पिछले 10 वर्षों से विकसित हो रही अब्दुल्ला रेजीडेंसी पर सांप्रदायिक भेदभाव के गंभीर आरोप लगे थे।

ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने दावा किया कि यहां केवल मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही फ्लैट या प्लॉट बेचे जा रहे हैं, जबकि हिंदू खरीदारों को ‘नो एंट्री’ का बोर्ड दिखाया जा रहा है। कॉलोनी में कुल 75 प्लॉट्स में से मात्र 4 ही हिंदू समुदाय के पास हैं, जो 90% से अधिक मुस्लिम खरीदारों की ओर इशारा करता है। इसके अलावा, कॉलोनी के अंदर मस्जिद निर्माण की योजना भी विवाद का कारण बनी। मंत्री तोमर ने डीएम को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की और चेतावनी दी कि यदि खामियां पाई गईं तो बुलडोजर जरूर चलेगा। इस शिकायत पर जिला प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लिया।

तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन

विवाद बढ़ने के बाद डीएम ने जॉइंट मजिस्ट्रेट दीक्षा जोशी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। इसमें एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी और आवास विकास के एसई राजीव कुमार शामिल थे। टीम ने कॉलोनी की पैमाइश की, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। स्वीकृत मानचित्र के अनुसार कॉलोनी का क्षेत्र 22,000 वर्ग मीटर था, लेकिन मौके पर अतिरिक्त 300 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा पाया गया। यह कब्जा बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माणों के रूप में था।

अवैध हिस्से को किया गया ध्वस्त

आवास विकास परिषद और पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने जांच पूरी होने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए अब्दुल्ला रेजीडेंसी के अवैध हिस्से को ध्वस्त कर दिया। अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने पुष्टि की कि लगभग 300 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले अतिक्रमण को हटाया गया है। मंगलवार को अचानक बुलडोजर कॉलोनी के पिछले हिस्से में पहुंचा और बाउंड्रीवाल को गिरा दिया गया। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा, जिससे इलाके में हलचल का माहौल बन गया। रेजीडेंसी के साझेदार रिटायर्ड मेजर जनरल जावेद इकबाल और नोएडा के बिल्डर महेंद्र गुप्ता के खिलाफ अवैध अतिक्रमण के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का उदाहरण

बीजेपी नेता सोमेंद्र तोमर ने इस कार्रवाई को योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ का उदाहरण बताते हुए कहा कि ना तो अवैध निर्माण और ना ही किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक भेदभाव बर्दाश्त किया जाएगा। 10 सितंबर 2025 को अब्दुल्ला रेजीडेंसी प्रबंधन ने प्रॉपर्टी विजिट पर अस्थायी रोक लगा दी, जिससे संभावित खरीदारों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। बिल्डर पक्ष का दावा है कि क्षेत्र मुस्लिम बहुल होने के कारण अधिकतर प्लॉट वहीं बिके हैं, जबकि हिंदू खरीदारों को 10 हजार रुपये की छूट देकर संतुलन बनाने की कोशिश की गई। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जांच अब भी जारी है, और यदि आगे कोई अन्य अनियमितता पाई गई तो अतिरिक्त कार्रवाई की जाएगी।

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    Abhishek Raj author

    मैं अभिषेक राज वर्तमान में टाइम्स नाउ नवभारत में सीनियर रिपोर्टर के पद पर कार्यरत हूँ, मैं टाइम्स नाउ नवभारत के लिए national crime इंवेस्टिगेशन और स्प...और देखें

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