गाजियाबाद

Meerut: अब्दुल्ला रेजिडेंसी में प्लॉट बिक्री पर सांप्रदायिक भेदभाव का आरोप; हिंदू खरीदारों की अनदेखी या सिर्फ बाजार की मांग?

मेरठ के हापुड़ रोड स्थित अब्दुल्ला रेजिडेंसी इन दिनों एक गंभीर विवाद का केंद्र बनी हुई है। आरोप है कि यहां प्लॉट बिक्री में सांप्रदायिक भेदभाव किया गया है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक माहौल गर्म हो गया है। अब यह मामला जांच और सार्वजनिक चर्चा का विषय बन चुका है।
Communal Bias Allegations on Meerut's Abdullah Residency

मेरठ के अब्दुल्ला रेजीडेंसी पर सांप्रदायिक भेदभाव का आरोप

Abdullah Residency Meerut Controversy: मेरठ के हापुड़ रोड स्थित अब्दुल्ला रेजिडेंसी एक नए विवाद का केंद्र बन गई है। साउथ मेरठ के विधायक ने आरोप लगाया है कि इस रेजिडेंसी में हिंदू समुदाय के लोगों को प्लॉट नहीं बेचे जा रहे हैं और मुस्लिम खरीदारों को तरजीह दी जा रही है। विधायक का यह भी दावा है कि रेजिडेंसी परिसर में एक धार्मिक स्थल का निर्माण किया गया है। इन आरोपों के बाद इलाके में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज हो गई है, और मामला अब चर्चा का विषय बन गया है।

10% हिंदू खरीदार

बताया जा रहा है कि अब्दुल्ला रेजिडेंसी में कुल 75 प्लॉट बेचे गए हैं। इनमें से सिर्फ 4 प्लॉट हिंदू समुदाय के लोगों ने खरीदे हैं। यानी 90% से अधिक प्लॉट मुस्लिम खरीदारों के पास हैं। प्लॉट के मालिक के भाई के मुताबिक अब्दुल्ला रेजिडेंसी के दो पार्टनर हैं, मेजर जनरल जावेद इकबाल और महेंद्र गुप्ता। जावेद इकबाल के भाई आबिद इकबाल ने सफाई देते हुए कहा कि, यह एक व्यावसायिक प्रोजेक्ट है, जो सभी के लिए खुला है। यहां ज्यादातर निवेश मुस्लिम समुदाय ने किया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हिंदुओं को रोका गया। सिर्फ 10% हिंदू खरीदार हैं। साथ ही, इसे कोई धार्मिक स्थल नहीं बनाया गया है।

निष्पक्ष जांच की मांग

आबिद इकबाल ने निष्पक्ष जांच की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि यदि जांच होती है तो सच्चाई सामने आ जाएगी और सभी भ्रम दूर हो जाएंगे। अब्दुल्ला रेजिडेंसी में कुल 75 प्लॉट बिक्री के लिए उपलब्ध थे, जिनमें से अधिकांश बिक चुके हैं। अब यह प्रोजेक्ट स्थानीय स्तर पर चर्चा और विवाद का केंद्र बन गया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह मामला सचमुच सांप्रदायिक भेदभाव से जुड़ा है या फिर यह केवल बाजार की सामान्य मांग और निवेश की प्रवृत्ति का परिणाम है? जांच के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी। फिलहाल प्रशासन और स्थानीय निवासी इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।

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    Abhishek Raj author

    मैं अभिषेक राज वर्तमान में टाइम्स नाउ नवभारत में सीनियर रिपोर्टर के पद पर कार्यरत हूँ, मैं टाइम्स नाउ नवभारत के लिए national crime इंवेस्टिगेशन और स्प...और देखें

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