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Jammu Kashmir: किश्तवाड़-डोडा हाईवे पर भूस्खलन से हड़कंप; बैली ब्रिज के निर्माण में जुटी सेना, राहत कार्य जारी

लगातार बारिश के चलते जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ और डोडा जिलों में भारी तबाही मची है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। ऐसे में सेना ने हालात को संभालते हुए बैली ब्रिज के जरिए वैकल्पिक रास्ते बहाल करने का अभियान शुरू कर दिया है।

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Kishtwar Doda Highway Landslide: पिछले सप्ताह की रिकॉर्ड बारिश के कारण इन इलाकों में भारी तबाही हुई है। कई पुल और मकान बह गए, जिससे जीवन रेखा कहे जाने वाले एनएच-244 पर थात्री के पास संपर्क पूरी तरह टूट गया। सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने 'एक्स' (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी दी कि, "जम्मू क्षेत्र में विनाशकारी बाढ़ से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। डोडा और किश्तवाड़ जिलों का संपर्क कट गया है। ऐसे में सेना के इंजीनियरिंग दल ने जंगलवार नाले पर बैली ब्रिज के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि आंशिक रूप से संपर्क बहाल किया जा सके।"

सेना ने संभाला मोर्चा

मौसम और दुर्गम भू-भाग की चुनौती के बावजूद, सेना के इंजीनियर नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर कार्य में जुटे हैं। क्षेत्र की सुरक्षा, यातायात नियंत्रण और पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही है। इससे पहले 29 अगस्त को सेना ने 12 घंटे के अभियान में बाढ़ से क्षतिग्रस्त तवी पुल पर 110 फुट लंबा बैली ब्रिज तैयार कर जम्मू शहर का यातायात बहाल किया था।

अब तक 130 से अधिक लोगों की मौत

रामबन जिले में भी चिनाब नदी में बाढ़ से बट्टी का पुल बह जाने के बाद सेना ने वहां एक अस्थायी पुल बनाने में प्रशासन की मदद की। इससे गूल उप-मंडल, रामबन तहसील और कई राष्ट्रीय परियोजनाओं का संपर्क फिर से स्थापित हो पाया। गौरतलब है कि 14 अगस्त से जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़, कठुआ, रियासी और रामबन जिलों में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से अब तक 130 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। 120 से ज्यादा घायल हुए हैं और 33 लोग अब भी लापता हैं। मरने वालों में बड़ी संख्या तीर्थयात्रियों की है।

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