जयपुर

जहां आफत पड़े, वहां मुझे जाना पड़ता है: किरोड़ी लाल मीणा बोले – बाढ़ का मंत्री हूं, जिम्मेदारी मेरी है, जनता को अकेला नहीं छोड़ेंगे

राजस्थान के कृषि व आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि बाढ़ और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश से 193 लोगों की मौत हुई, जिनमें 13 लोग रील बनाते समय बह गए। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद दी जाएगी।
जहां आफत पड़े, वहां मुझे जाना पड़ता है: किरोड़ी लाल मीणा बोले – बाढ़ का मंत्री हूं, जिम्मेदारी मेरी है, जनता को अकेला नहीं छोड़ेंगे

राजस्थान के कृषि और आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि उनके विभाग की जिम्मेदारी हर उस जगह तक पहुंचने की है, जहां संकट आता है। सोमवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय मसाला क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा— “जहां आफत पड़े वहां मुझे जाना पड़ता है। बाढ़ का मंत्री हूं, जिम्मेदारी मेरी है। मकान गिरे तो मैं जाऊं, बिजली गिरे तो मैं जाऊं। जब-जब आफत आएगी, मुझे ही जाना होगा।”

22 साल बाद फिर वही जिम्मेदारी

डॉ. मीणा ने अपने राजनीतिक अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह महज संयोग है कि उन्हें दूसरी बार भी आपदा राहत का मंत्रालय मिला है। उन्होंने कहा— “पहले 2003 से 2008 तक जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं, तब भी मैं आपदा मंत्री था। अब 22 साल बाद फिर मंत्री बना तो भजनलाल शर्मा ने मुझे आपदा विभाग ही दे दिया। शायद इन्होंने मेरा पुराना चार्ज देख लिया होगा।”

बारिश से 193 मौतें, 13 लोग रील बनाते हुए बहे

मंत्री ने प्रदेश में हाल ही में हुई अतिवृष्टि पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि भारी बारिश, बिजली गिरने और बाढ़ जैसी आपदाओं के चलते अब तक 193 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 13 लोग सोशल मीडिया पर वीडियो और रील बनाने के दौरान बह गए। डॉ. मीणा ने कहा— “आप रील बनाने के चक्कर में मत पड़ना। अभी बरसात और होगी। रील बनाते-बनाते 13 लोग अपनी जान गंवा बैठे।” उन्होंने आश्वस्त किया कि मृतकों के परिजनों को हर संभव आर्थिक सहायता दी जाएगी। “डबल इंजन की सरकार है, राजस्थान में राहत और मुआवजे की कोई कमी नहीं रहने वाली।”

वसुंधरा राजे को याद किया

कार्यक्रम में मंत्री ने एक पुराना किस्सा साझा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने बताया कि एक बार सवाई माधोपुर जाते समय वे लालसोट में रुके तो ग्रामीणों ने बताया कि बिजली गिरने से एक व्यक्ति और उसकी दो बकरियां मर गईं। पीछे उसकी विधवा अकेली रह गई थी। डॉ. मीणा ने तुरंत वसुंधरा राजे से फोन पर बात की और स्थिति बताई। उसी वक्त राजे ने उस विधवा को 50 हजार रुपये की सहायता दिलवाई। “उस समय वसुंधरा जी ने जिस संवेदनशीलता से तुरंत मदद दिलवाई, उसके लिए मैं उन्हें आज भी धन्यवाद देता हूं।”

आफत में जनता को अकेला नहीं छोड़ेंगे

अपने संबोधन के अंत में डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि आपदा राहत विभाग का मकसद सिर्फ आंकड़े गिनना नहीं, बल्कि पीड़ितों तक तुरंत पहुंचना है। जनता को यह भरोसा होना चाहिए कि जब भी कोई आफत आएगी, सरकार उनके साथ खड़ी मिलेगी।

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लखवीर सिंह शेखावत author

पत्रकारिता में पिछले सात साल से सक्रिय हैं, वर्तमान में टाइम्स नाउ में राजस्थान ब्यूरो हेड हैं। इससे पहले, ज़ी मीडिया और न्यूज़18 नेटवर्क के राजस्थान ...और देखें

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