जयपुर

हंगामे के बीच राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पास; समाज में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कानून जरूरी, सरकार का दावा

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को लंबी बहस और हंगामे के बीच ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025’ पारित कर दिया गया। इस विधेयक का उद्देश्य जबरन या छलपूर्वक धर्मांतरण पर रोक लगाना है। सरकार इसे समाज में सुरक्षा का कदम बता रही है, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा मान रहा है।
हंगामे के बीच राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पास; समाज में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कानून जरूरी, सरकार का दावा

Rajasthan Assembly News: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को लंबी बहस और भारी हंगामे के बीच ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025’ को पारित कर दिया गया। इस विधेयक को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। बहस में विभिन्न दलों और निर्दलीय विधायकों ने अपनी-अपनी राय प्रस्तुत की। भारतीय आदिवासी पार्टी के विधायक थावरचंद ने कहा कि आदिवासी किसी भी वर्ण व्यवस्था में शामिल नहीं हैं और उनकी स्वतंत्र संस्कृति एवं धर्म है। उन्होंने यह भी कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन की स्थिति में आदिवासियों को हिंदू धर्म में शामिल करने के बजाय उनके मूल धर्म, यानी आदिवासी धर्म, के तहत गिना जाना चाहिए। इस बीच, कांग्रेस के विधायकों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया और सदन में हंगामा करते रहे। विधेयक पारित होने के तुरंत बाद विधानसभा की कार्यवाही 10 सितंबर सुबह तक स्थगित कर दी गई।

विधेयक के प्रमुख प्रावधान

इस बिल में जबरन, प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर या डराकर धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:

  • सामूहिक धर्मांतरण पर कार्रवाई: किसी संस्था द्वारा सामूहिक धर्मांतरण कराए जाने पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • संस्थाओं की संपत्ति पर बुलडोजर कार्रवाई: धर्म परिवर्तन करवाने वाली संस्थाओं के भवनों को प्रशासन जब्त कर सकता है। यदि भवन अतिक्रमण पर बना है या नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे तोड़ा भी जा सकता है। यह कार्रवाई केवल जांच के बाद ही की जाएगी।
  • शादी और धर्म परिवर्तन: यदि कोई शादी केवल धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से की जाती है, तो उसे धर्मांतरण माना जाएगा। ऐसे मामलों में अदालत उस शादी को रद्द कर सकती है।
  • लव जिहाद का संदर्भ: बिल में उन मामलों को शामिल किया गया है, जहां झूठे वादे, बहकावे या दबाव के जरिए शादी कर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। इसे व्यापक तौर पर लव जिहाद से जोड़कर देखा जा रहा है।

भजनलाल सरकार का रुख

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने कहा है कि यह विधेयक समाज में जबरन और धोखे से किए जा रहे धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए जरूरी है। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन किसी भी प्रकार की जबरन या छलपूर्वक धर्मांतरण की कोशिश पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजस्थान विधानसभा में पारित इस बिल को सत्तारूढ़ दल सामाजिक सुरक्षा का कदम बता रहा है, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा करार दे रहा है। अब यह देखना होगा कि कानून लागू होने के बाद धर्म परिवर्तन से जुड़े मामलों पर इसका क्या असर पड़ता है।

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लखवीर सिंह शेखावत author

पत्रकारिता में पिछले सात साल से सक्रिय हैं, वर्तमान में टाइम्स नाउ में राजस्थान ब्यूरो हेड हैं। इससे पहले, ज़ी मीडिया और न्यूज़18 नेटवर्क के राजस्थान ...और देखें

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