लखनऊ

सड़कों के मकड़जाल से घिरा UP, ट्रैफिक के लिए खुले इतने Expressway; जानें 'एक्सप्रेस स्टेट ऑफ इंडिया' में कितने एक्सप्रेसवे

Expressway State of India: यूपी एक्सप्रेसवे की संख्या के मामले में देशभर में टॉप पर काबिज है। राज्य के पास 18 हाईटेक एक्सप्रेसवे हैं, जिनमें से 7 ट्रैफिक के लिए खोल दिए गए हैं। सभी नेटवर्क खुलने के बाद देश के कोने-कोने तक पहुंचने में काफी सहूलियत होगी। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश नेशनल एक्सप्रेसवे नेटवर्क का बेस कैंप बनने के साथ 'एक्सप्रेसवे स्टेट ऑफ इंडिया' बन चुका है। इस आर्टिकल के जरिए हम जानने की कोशिश करेंगे कि ये एक्सप्रेसवे किन शहरों को आपस में कनेक्ट करते हैं और इन्हें निर्मित करने में कितना बजट खर्च किया गया। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे की ताजा अपडेट भी जानेंगे।
Expressway State of India.

भारत में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य

Expressway State of India: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हाईटेक सड़क मार्गों का मकड़जाल फैलाया जा रहा है। राज्य के पास लगभग 18 एक्सप्रेसवे हैं, जिनमें से अबतक 7 यातायात के लिए खोल दिए गए हैं, शेष 3 का निर्माण कार्य जारी है और 8 प्रस्तावित हैं। उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जिससे पास देश के कुल एक्सप्रेसवे की संख्या का 42 फीसदी हिस्सा है। यानी यूपी को 'एक्सप्रेसवे स्टेट ऑफ इंडिया' कहा जा सकता है। प्रदेश का सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है, जिसका विस्तार देहरादून और उधर, मिर्जापुर तक प्रस्तावित है, जबकि, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे और कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पूरा होने की कगार पर हैं। वहीं, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को वाया फर्रूखाबाद, गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे तथा जेवर एयरपोर्ट लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से चल रहा है। आइये जानते हैं संचालित एक्सप्रेसवे से जुड़ी सभी जानकारी और निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे की क्या ताजा अपडेट है?

यूपी में कितने किलोमीटर एक्सप्रेसवे सड़कें

उत्तर प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है, जहां 2000 किमी से अधिक एक्सप्रेसवे परियोजानों पर काम हो रहा है। यूपी में बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई जैसे क्षेत्रों को भी एक्सप्रेसवे परियोजनाओं से जोड़ा जा रहा है। देशभर में जहां कुल 2900 किमी. एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे (Access Controlled Expressway) मौजूद हैं, जिनमें 1200 किमी से ज्यादा एक्सप्रेसवे अकेले यूपी में हैं। यह पूरे देश के कुल एक्सप्रेसवे के नेटवर्क का 38 प्रतिशत है। अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के खुलने से यह आंकड़ा अब बढ़कर 42% हो गया है। मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी) का उद्घाटन होने के बाद उत्तर प्रदेश में अकेले देश का एक्सेस कंट्रोल्ड नेटवर्क 62% हो जाएगा। यानी देश में बने हर 10 किलोमीटर एक्सप्रेसवे में से 6 किलोमीटर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में होंगे।

यूपी में संचालित एक्सप्रेसवे

  1. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
  2. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
  3. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
  4. यमुना एक्सप्रेसवे
  5. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
  6. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे
  7. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे

यमुना एक्सप्रेसवे

यमुना एक्सप्रेसवे का उद्घाटन समाजवादी पार्टी की सरकार में 9 अगस्त 2012 को हुआ था। यह उत्तर प्रदेश का पहला एक्सप्रेसवे था, जो दिल्ली को आगरा से कनेक्ट करता है। इसे ताज एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है। 165 किलोमीटर लंबा और 6 लेन का यह एक्सप्रेसवे देश के सबसे बड़े एक्सेस एक्सप्रेसवे में से एक है। यमुना एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा के परी चौक से से शुरू होकर एनएच-2 पर कुबेरपुर आगरा के पास कानपुर की ओर समाप्त होता है।

जानकारी विवरण
एक्सप्रेसवे का नामयमुना एक्सप्रेसवे (ताज एक्सप्रेसवे)
यमुना एक्सप्रेसवे की लंबाई165 किलोमीटर
यमुना एक्सप्रेसवे की लागत12839 करोड़
लेन संख्या 6
शुरुआती बिंदुपरी चौक (ग्रेटर नोएडा)
अंतिम बिंदुकुबेरपुर गांव (आगरा)
निर्माणकर्ता कंपनीयीडा
उद्घाटन की तिथि 2012

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण से ताजनगरी आगरा और राजधानी लखनऊ के बीच सफर बेहद आसान हो गया। पहले यात्रा में 6 घंटे से अधिक समय लगता था, लेकिन अब साढ़े तीन घंटे में सफर कंपलीट हो जाता है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा है। यह एक्सप्रेसवे समाजवादी पार्टी की सरकार में तात्कालीन सीएम अखिलेश यादव के हाथों यूपी के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के तौर पर उद्घाटन हुआ था। यह एक्सप्रेसवे फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, हरदोई और उन्नाव जिले से होते हुए लखनऊ में एनएच-40 पर समाप्त होता है।

जानकारी विवरण
एक्सप्रेसवे का नाम आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की लंबाई 302 किलोमीटर
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की लागत15000 करोड़ रुपये
लेन संख्या 6
शुरुआती बिंदु एत्मादपुर मडरा गांव (आगरा)
अंतिम बिंदुसरोसा भरोसा गांव, मोहान रोड लखनऊ
निर्माणकर्ता कंपनी UPEIDA
उद्घाटन की तिथि21 नवंबर 2026

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway)

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे यूपी के 9 जिलों को कवर करता है। लखनऊ-सुलतानपुर रोड के चंदसराय गांव से शुरू होकर गाजीपुर में मोहम्मदाबाद-बक्सर राजमार्ग पर हैदरिया गांव में समाप्त होता है। 341 किलोमीटर यह सड़क मार्ग लखनऊ होते हुए बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को कवर करता है। इस एक्सप्रेसवे के रूट पर 18 फ्लाईओवर, सात रेलवे ब्रिज, 6 टोल, 5 रैंप पास और 7 अंडरपास हैं। इसके अलावा 118 छोटे पुल और 502 पुलिया हैं। इसके निर्माण से पूर्वांचल के कई राज्यों के लोगों को काफी सहूलियचत हो रही है।

जानकारीविवरण
एक्सप्रेसवे का नामपूर्वांचल एक्सप्रेसवे
पूर्वांचलएक्सप्रेसवे की लंबाई 341 किमी
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की लागत 22496 करोड़ रुपये
लेन संख्या6
शुरुआती बिंदु चंदसराय गांव (लखनऊ-सुलतानपुर रोड
अंतिम बिंदुहैदरिया गांव (मोहम्मदाबाद-बक्सर राजमार्ग
निर्माणकर्ता कंपनीUPEIDA
उद्घाटन की तिथि 16 नवंबर 2021

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे रूट मैप

296 किमी फोरलेन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण पर यूपीडा ने करीब 14850 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसे भविष्य में 6 लेन तक विकसित किया जा सकता है। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से गुजरता है। यह चित्रकूट जिले के भरतकूप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से लेकर इटावा के कुदरैल गांव तक फैला है,जहां आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे ( Agra Lucknow Expressway) में मिलता है। इस सड़क मार्ग को सोलर एक्सप्रेसवे के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके आसपास औद्योगिक सिटी बसाकर लोगों को रोजगार से जोड़ने का प्लान है। यह सबसे कम 28 महीने में बनकर तैयार होने वाला मार्ग है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। यह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है। इस एक्सप्रेसवे पर 18 ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 4 रेलवे ओवरब्रिज और 266 छोटे पुल हैं। इसके निर्माण से बुंदेलखंड के ट्रांसपोर्टेशन और विकास में तेजी देखी जा रही है।

जानकारीविवरण
एक्सप्रेसवे का नाम बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे296 किलोमीटर
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे14850 करोड़ रुपये
लेन संख्या 4 ( 6 तक बढ़ाया जा सकता है)
शुरुआती बिंदु गोंडा गांव
अंतिम बिंदुकुदरैल गांव
निर्माणकर्ता कंपनीUPEIDA
उद्घाटन2022

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे मेरठ को दिल्ली से जोड़ता है। इसके बनने से एनसीआर के शहरों तक पहुंचना आसान है। यह 96 किलोमीटर का 14 लेन एक्सप्रेसवे है, जो भारत का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे कहा जाता है। हालांकि, इस 8.7 किलोमीटर का पहला चरण ही 14 लेन का है, शेष 6 लेन का है। इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली मेरठ तक 2 से 3 घंटे लगने वाला यात्रा का समय घटकर 45 से 50 मिनट रह गया है।

जानकारी विवरण
एक्सप्रेसवे का नाम दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की लंबाई 96 किलोमीटर
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की लागत 8346 करोड़ रुपये
लेन संख्या14 (8.7 किमी. तक) शेष 6
शुरुआती बिंदु सराय काले खां (दिल्ली)
अंतिम बिंदु परतापुर मेरठ
निर्माणकर्ता एनएचएआई
उद्धाटन की तारीख 1 अप्रैल 2021

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे एनसीआर के लिए वरदान साबित हुआ। यह फिल्म सिटी में महामाया फ्लाईओवर के पास से शुरू होकर परी चौक तक जाता है। 24.53 किलोमीटर लंबा 6 लेन एक्सप्रेसवे को साल 2022 में ट्रैफिक के लिए खोला गया था। इसकी अधिकतम सीमा 75 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है। इसके समानांतर एक और 29 किलोमीटर का नया एक्सप्रेसवे भी प्रस्तावित है।

जानकारीविवरण
एक्सप्रेसवे का नाम नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे 24.53 किलोमीटर
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे की लागत 400 करोड़ रुपये
लेन संख्या6
शुरुआती प्वाइंटमहामाया फ्लाईओवर (फिल्म सिटी, नोएडा)
अंतिम बिंदुपरी चौक (नोएडा)
निर्माणकर्ता कंपनी जीएनआईडीए
उद्घाटन 2022

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा होते ही यातायात के लिए खोल दिया गया है। इसके बनने से लखनऊ से गोरखपुर जाने में 4 घंटे से भी कम समय लगेगा। यह 4 लेन एक्सप्रेसवे गोरखपुर और आजमगढ़ को कनेक्ट करेगा, जिस पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाए जा सकेंगे। इस एक्‍सप्रेसवे से गोरखपुर से दिल्‍ली और आगरा जाना भी आसान हो जाएगा। यह लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ से होकर गुजरेगा। यह सड़क मार्ग राप्ती नदी, आमीनदी, कुआनों और घाघरा नदी से होकर निकलेगा। इसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है।

जानकारी विवरण
एक्सप्रेसवे का नामगोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे91 किलोमीटर
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे7283 करोड़ रुपये
लेन संख्या4
शुरुआती बिंदु जैतपुर (गोरखपुर)
अंतिम बिंदु सलारपुर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
निर्माणकर्ता कंपनी UPEIDA
उद्घाटन20 जून 2025

यूपी में निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे

  • गंगा एक्सप्रेसवे
  • कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे
  • बलिया लिंक एक्सप्रेसवे

गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga ExpressWay)

गंगा एक्सप्रेसवे की शुरुआत मेरठ से होगी और यह प्रयागराज में जाकर खत्म होगा। हालांकि, इसे इधर देहरादून और उधर मिर्जापुर तक विस्तारित करने की योजना है। फिलहाल, यूपी के सबसे लंबे 594 किलोमीटर निर्माणधीन गंगा एक्सप्रेसवे कुल 12 जिलों को कवर करेगा। इस प्रोजेक्ट पर 36,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन से पहले खोला जाना था, लेकिन कार्य पूरा न होने के कारण देरी हुई। गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेरठ से प्रयागराज महज 8 घंटे में पहुंच जाएंगे। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकें। इसके अलावा बीच-बीच में भी टोल प्लाजा होंगे, ताकि बीच में कहीं एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाली गाड़ियों से टोल लिया जा सके। ऐसे कुल 12 रैम्प टोल प्लाजा बनेंगे। इसके अलावा शाहजहांपुर के पास एयरस्ट्रीप भी बनाई जाएगी ताकि, आपातकालीन परिस्थिति में हेलिकॉप्टर या प्लेन उतारा जा सके। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज तक जाएगा।

जानकारी विवरण
एक्सप्रेसवे का नामगंगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई594 किलोमीटर
गंगा एक्सप्रेसवे की लागत 40,000 करोड़
लेन संख्या6 से 8 तक विस्तार
शुरुआती बिंदुबिजौली गांव (मेरठ)
अंतिम बिंदुजूडापुर दांडू (प्रयागराज)
निर्माणकर्ता कंपनी UPEIDA
कार्य पूरा होने का तिथि2025

बलिया लिंक एक्सप्रेसवे

बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के साल 2025 तक उद्घाटन के आसार हैं। इसके खुलने से दिल्ली से वाया उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार में प्रवेश करना आसान होगा। बलिया लिंक एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway) पर चढ़ा जा सकेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की लंबाई 340 किलोमीटर है। 6 लेन चौड़ा यह मार्ग है। दावा है कि इसके शुरू होने के बाद बलिया से बिहार के बक्सर जिले तक पहुंचने में महज आधे घंटे का समय लगेगा। इधर, लखनऊ से पटना पहुंचने में अभी 7 घंटे 40 मिनट लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से 4 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा। उधर, बक्सर और बलिया की दूरी तय करने में सिर्फ 30 मिनट का समय खर्च होगा। फिर, उसके आगे बलिया से छपरा पहुंचने में सिर्फ एक घंटा ही लगेगा।

जानकारी विवरण
एक्सप्रेसवे का नाम बलिया एक्सप्रेसवे
बलिया एक्सप्रेसवे की लंबाई 35 किलोमीटर
बलिया एक्सप्रेसवे की लागत 1600 करोड़
लेन संख्या 6
शुरुआती बिंदु बदवलिया
अंतिम बिंदु पाह तीखा
निर्माणकर्ता कंपनीयूपीडा
कार्य पूरा होने की तिथि 2025

कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और कानपुर को आपस में कनेक्ट करने के लिए कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Kanpur-Lucknow Expressway) बनाया जा रहा है। 63 किमी. लंबा यह एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे दोनों शहरों के बीच 3 से 4 घंटे लगने वाले यात्रा के समय को घटाकर 35 से 45 मिनट के बीच कर देगा। इसका कार्य अंतिम दौर में है, कयास लगाए जा रहे हैं इसे इस साल यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। कुछ ही महीनों में इस पर आरामदायक सफर का आनंद मिलेगा। 63 किमी. लंबे एक्सप्रेसवे का काम दो पैकेज में बांटकर किया जा रहा है। एनएचआई का लक्ष्य साल 2025 के जून तक इसको खोलने का है। इधर, यह कानपुर और लखनऊ की रिंग रोड से भी कनेक्ट होगा।

जानकारीविवरण
एक्सप्रेसवे का नाम लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई 62.67 KM
परियोजना की लागत4700 करोड़ रुपये
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे- लेन संख्या 6 (8 तक विस्तार)
शुरुआती प्वाइंट शहीद पथ (लखनऊ)
आखिरी प्वाइंट आजाद चौराहा(उन्नाव)
निर्माणकर्ता कंपनी एनएचएआई
कार्य पूरा होने का समय 2025

यूपी में प्रस्तावित एक्सप्रेसवे

  • कानपुर-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे
  • आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे
  • गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
  • गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे
  • गाजीपुर-बलिया मांझी घाट एक्सप्रेसवे
  • विंध्य एक्सप्रेसवे
  • चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे
  • झांसी-जालौन एक्सप्रेसवे
  • हरदोई-इटावा लिंक एक्सप्रेसवे
प्रदेश में एक्सप्रेसवे के निर्माण से यातायात के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। एक्सप्रेसवे के किनारे होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे इत्यादि खुलने लोगों की आय में इजाफा हुआ है। कई छोटी बड़ी इकाइयां और मंडियां विकसित होने से स्थानीय लोगों के साथ अन्य लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। साथ ही रियल स्टेट क्षेत्र में काफी विकास हुआ है।

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Pushpendra Kumar author

गंगा यमुना के दोआब में स्थित उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से ताल्लुक है। गांव की गलियों में बचपन बीता और अब दिल्ली-एनसीआर में करियर की आपधापी जारी है।...और देखें

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