लखनऊ

विकसित यूपी की ओर सीएम योगी का मजबूत कदम; गांव से वैश्विक मंच तक प्रदेश को ग्रोथ इंजन बनाने का संकल्प

वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने का संकल्प मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया है। इस लक्ष्य की आधारशिला उच्च शिक्षा, कौशल विकास और ग्रामीण अवसंरचना में व्यापक सुधार है। यह विजन न केवल राज्य को 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाएगा, बल्कि भारत की विकास यात्रा में यूपी को अग्रणी बनाएगा।
CM Yogi Adityanath (File Photo: ANI)

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो: ANI)

Viksit UP 2047: वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को ‘विकसित यूपी’ के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्धारित किया है। इस विजन की आधारशिला ग्रामीण युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ ग्राम स्वच्छता और ग्रामीण अवसंरचना को मजबूत बनाना है। सरकार का विश्वास है कि यदि आगामी 22 वर्षों में इन दोनों क्षेत्रों में व्यापक सुधार किए जाएं, तो उत्तर प्रदेश न केवल 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है, बल्कि भारत की विकास यात्रा में भी एक निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

साल 2017 से पहले उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में अनेक गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा था। राज्य की शिक्षा व्यवस्था रोजगार उन्मुख नहीं थी और तकनीकी शिक्षा के संस्थानों की संख्या भी सीमित थी। उस समय प्रदेश में केवल 526 पॉलीटेक्निक संस्थान और 2,642 आईटीआई संचालित हो रहे थे। अनुसंधान और नवाचार के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा भी बेहद कमजोर था। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति भी चिंताजनक थी। लाखों परिवार अब तक पक्के मकानों से वंचित थे, और गांवों में सड़क, बिजली तथा स्वच्छ पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव था। ग्राम पंचायतें संसाधनों और कार्य क्षमता की कमी से जूझ रही थीं, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ प्रभावी रूप से जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच पा रहा था।

"एक मंडल, एक विश्वविद्यालय" की रणनीति

पिछले साढ़े आठ वर्षों में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। "एक मंडल, एक विश्वविद्यालय" की रणनीति के तहत प्रदेश में अब 24 राज्य विश्वविद्यालय और 49 निजी विश्वविद्यालय कार्यरत हैं। इस अवधि में 6 नए राज्य विश्वविद्यालय और 23 नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। अब आईटीआई की संख्या बढ़कर 3,310 और पॉलीटेक्निक संस्थानों की संख्या 2,138 हो चुकी है। टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ साझेदारी के तहत 150 से अधिक सरकारी आईटीआई को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है। गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से 95 से अधिक संस्थानों को एनएएसी (NAAC) की मान्यता प्राप्त हुई है और 67 संस्थान राष्ट्रीय रैंकिंग में स्थान पा चुके हैं। युवाओं को डिजिटल युग से जोड़ने की दिशा में भी सरकार ने ठोस पहल की है। अब तक 49.86 लाख टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किए जा चुके हैं।

ग्राम पंचायतों को अटल भूजल योजना से जोड़ा

ग्रामीण अवसंरचना के क्षेत्र में योगी सरकार ने दूरगामी परिवर्तन लाने वाले कार्य किए हैं, जिनसे करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। अब तक 56.90 लाख परिवारों को पक्के मकान प्रदान किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के तहत 36.57 लाख आवास स्वीकृत किए गए, जिनमें से 36.34 लाख का निर्माण पूर्ण हो चुका है। गांवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने पर विशेष बल दिया गया है—165 ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन सड़कों से जोड़ा गया, 1,385 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण हुआ और 25,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण किया गया। जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण के लिए ‘अमृत सरोवर’ बनाए गए और 550 ग्राम पंचायतों को ‘अटल भूजल योजना’ से जोड़ा गया। पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने के लिए 24,489 नए पंचायत भवनों का निर्माण किया गया। प्रत्येक ग्राम पंचायत को अब सचिवालय की सुविधा मिली है और पंचायत सहायकों की तैनाती सुनिश्चित की गई है, जिससे शासन की योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन अब हर गांव में बेहतर और प्रभावशाली ढंग से हो रही है।

उत्पादन और निर्यात का केंद्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत @2047' विजन को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बनना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस लक्ष्य को मिशन मोड में अपनाते हुए अगले 22 वर्षों के लिए एक विस्तृत और ठोस रोडमैप तैयार किया है। उनका लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक प्रदेश के गांव केवल उत्पादन के केंद्र न रह जाएं, बल्कि उत्पादकता और निर्यात में भी अग्रणी भूमिका निभाएं। इस दिशा में सीड पार्क, उन्नत बीज, फसल विविधिकरण और फूड प्रोसेसिंग जैसी योजनाओं का विस्तार किया जाएगा। दीर्घकालिक दृष्टिकोण के तहत 2047 तक उत्तर प्रदेश को अनाज, फल और सब्जियों की उत्पादकता के मामले में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जाएगा। आधुनिक कृषि अनुसंधान एवं नवाचार केंद्रों की स्थापना की जाएगी, साथ ही दुग्ध और अंडा उत्पादन में राज्य को विश्व में शीर्ष स्थान दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पशुधन विज्ञान के क्षेत्र में भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के संस्थानों की स्थापना की जाएगी। साथ ही, हर परिवार को पक्का मकान, अपशिष्ट प्रबंधन की आधुनिक सुविधाएं, गरीबी उन्मूलन और समग्र सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। क्षेत्रीय असमानता को समाप्त करने के उद्देश्य से पूर्वांचल और बुंदेलखंड को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बराबर लाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।

6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की पहल

उत्तर प्रदेश का लक्ष्य वर्ष 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, जो उस समय भारत की अनुमानित जीडीपी का लगभग 20 प्रतिशत होगा। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य को 2025 से 2047 तक निरंतर 16 प्रतिशत की वार्षिक विकास दर बनाए रखनी होगी। इस विकास यात्रा में उच्च शिक्षा और कौशल विकास की अहम भूमिका होगी, जो प्रदेश को एक दक्ष और प्रतिस्पर्धी कार्यबल उपलब्ध कराएगा जो घरेलू ही नहीं, बल्कि वैश्विक उद्योगों की आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा। दूसरी ओर, ग्रामीण अवसंरचना के सुदृढ़ीकरण और कृषि उत्पादकता में वृद्धि से ग्रामीण आय और उपभोग क्षमता में व्यापक बढ़ोतरी होगी। इन दोनों क्षेत्रों, शिक्षा-कौशल और ग्रामीण विकास—का सम्मिलित प्रभाव उत्तर प्रदेश को प्रति व्यक्ति 26 लाख रुपये आय के स्तर तक पहुंचाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। लखनऊ (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

    Nilesh Dwivedi author

    निलेश द्विवेदी वर्तमान में टाइम्स नाऊ नवभारत की सिटी टीम में 17 अप्रैल 2025 से बतौर ट्रेनी कॉपी एडिटर जिम्मेदारी निभाते हैं। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज...और देखें

    End of Article

    © 2025 Bennett, Coleman & Company Limited