नोएडा

Noida: फर्जी अंतरराष्ट्रीय पुलिस गैंग बनकर ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने किया खुलासा, NRI-OCI को बनाते थे निशाना

नोएडा के थाना फेस 3 पुलिस ने हाल ही में एक हाई-प्रोफाइल ठग गिरोह का खुलासा किया, जो खुद को अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन का प्रतिनिधि बताकर लोगों को ठग रहा था। यह गिरोह खासतौर पर NRI और OCI कार्ड धारकों को निशाना बनाता था और धमकी देता था कि सहयोग न करने पर भारत आने या OCI कार्ड जारी न होने की समस्या होगी।
Noida police's new revelation in fake international police gang case

फर्जी अंतरराष्ट्रीय पुलिस गैंग मामले में नोएडा पुलिस का नया खुलासा

Fake International Police Gang: नोएडा के थाना फेस 3 पुलिस ने हाल ही में एक हाई-प्रोफाइल ठग गिरोह का खुलासा किया, जो खुद को अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन का प्रतिनिधि बताकर लोगों को ठग रहा था। यह गैंग विशेष रूप से NRI और ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड धारकों को निशाना बनाता था। पुलिस ने तीन आरोपियों को पीसीआर लेकर पूछताछ की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह पीड़ितों को धमकी देता था कि अगर वे "जांच" में सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें भारत आने की अनुमति नहीं मिलेगी और भविष्य में OCI कार्ड भी जारी नहीं होगा।

ऐसे जीता पीड़ितों का भरोसा

गैंग माइक्रोसॉफ्ट टीम के जरिए वीडियो कॉल कर खुद को CBI, ED, क्राइम ब्रांच या सुप्रीम कोर्ट का अधिकारी बताता था। नकली दस्तावेज, लेटरहेड और सील दिखाकर पीड़ितों का भरोसा जीतता था। पीड़ितों से कहा जाता था कि उन्हें भारत सरकार से पुलिस क्लीयरेंस प्रमाण पत्र (Police Clearance Certificate) की आवश्यकता है, जिसे यह लोग दिला सकते हैं। आरोपियों ने पीड़ितों से कहा कि वे पैसे इस अकाउंट में ट्रांसफर करें, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी बेगुनाही साबित की जा सके। पैसे भेजने के बाद पीड़ितों को नकली अभिस्वीकृति पत्र (Acknowledgement Letter) दिया जाता था, जिस पर वित्तीय विभाग, सीबीआई और आरबीआई की फर्जी सील लगी होती थी।

ठगी की रकम अंतरराष्ट्रीय अकाउंट में ट्रांसफर

ठगी की रकम पहले अंतरराष्ट्रीय अकाउंट में ट्रांसफर की जाती थी और बाद में हवाला नेटवर्क के जरिए भारत लायी जाती थी। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह National Bureau of Social Investigation and Social Justice नाम की एक और फर्जी संस्था भी चला रहा था। इस संस्था के नाम पर आम लोगों को पुलिस सम्मन जैसे पत्र भेजकर दबाव बनाया जाता था। डीसीपी सेंट्रल शक्ति अवस्थी ने बताया कि पुलिस कस्टडी रिमांड पर आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस अब भी गिरोह के नेटवर्क और इसके अंतरराष्ट्रीय लिंक की जांच कर रही है।

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    Nilesh Dwivedi author

    निलेश द्विवेदी वर्तमान में टाइम्स नाऊ नवभारत की सिटी टीम में 17 अप्रैल 2025 से बतौर ट्रेनी कॉपी एडिटर जिम्मेदारी निभाते हैं। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज...और देखें

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