पटना

NABARD की मदद से बिहार के ग्रामीण इलाकों में सड़कों का नया युग, नालंदा से पटना तक विकास की रफ्तार तेज

बिहार में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की सहायता से ग्रामीण सड़कों का व्यापक नेटवर्क तैयार हो चुका है, जिससे ग्रामीण इलाकों की शहरों से कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। इस पहल से न सिर्फ गांवों की दूरी कम हुई है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिली है। वर्ष 2023 में मंजूर की गई सड़कों और पुलों के निर्माण का कार्य तेजी से पूरा हो रहा है।
Rural Road Development in Bihar (Representative Photo: Canva)

बिहार में ग्रामीण सड़क विकास (सांकेतिक फोटो: Canva)

Rural Road Development Bihar: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की मदद से बिहार में ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क लगभग पूरा हो चुका है। राज्य में बड़ी संख्या में ग्रामीण सड़कों के निर्माण से गांवों और शहरों के बीच की दूरी लगातार कम हो रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न जिलों में स्वीकृत सड़कों के निर्माण की ग्रामीण कार्य विभाग ने जिलावार प्रगति रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में राज्य में कुल 2024 ग्रामीण सड़कों के निर्माण की प्रशासनिक मंजूरी दी गई थी, जिनमें से अब तक 1857 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। नाबार्ड के सहयोग से बनी इन सड़कों की कुल लंबाई 4,822 किलोमीटर से अधिक है। इसके अलावा, इन सड़कों के साथ कुल 1234 पुलों के निर्माण का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया था, जिनमें से 900 पुलों का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और बाकी पुलों का निर्माण जारी है।

कई जिलों का प्रदर्शन रहा शानदार

नालंदा समेत कई जिलों का प्रदर्शन ग्रामीण सड़कों के निर्माण में शानदार रहा है। ग्रामीण कार्य विभाग की जानकारी के अनुसार, नालंदा जिला सबसे आगे है, जहां कुल 214 सड़कों की मंजूरी में से 199 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। नालंदा में अब तक 370.712 किलोमीटर से अधिक सड़कें बन चुकी हैं, जबकि कुल लक्ष्य 396.194 किलोमीटर था। इसके साथ ही नालंदा में 67 पुलों का निर्माण तय था, जिनमें से 59 पुल बनकर तैयार हो चुके हैं। वहीं गया जिले में कुल 129 सड़कों के निर्माण की मंजूरी मिली थी, जिनमें से 120 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। गया में 395.245 किलोमीटर सड़कें बनाने का लक्ष्य था, जिसमें अब तक 365.782 किलोमीटर सड़क बन चुकी है। साथ ही गया में निर्माणाधीन 57 पुलों में से 46 पुल भी तैयार हो चुके हैं।

166 ग्रामीण सड़कों के निर्माण को मंजूरी

राजधानी पटना जिले में कुल 166 ग्रामीण सड़कों के निर्माण की मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 157 सड़कों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। पटना में कुल 360 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण लक्ष्य रखा गया था, जिसमें अब तक 329.708 किलोमीटर सड़क बन चुकी है। पटना के ग्रामीण इलाकों में 54 पुलों के निर्माण का कार्य चल रहा है, जिनमें से 46 पुल बनकर तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा, औरंगाबाद में 244.856 किलोमीटर, दरभंगा में 235.740 किलोमीटर, पूर्वी चंपारण में 230.772 किलोमीटर, मुंगेर में 202.814 किलोमीटर, रोहतास में 176.462 किलोमीटर, जहानाबाद में 169.606 किलोमीटर, सीतामढ़ी में 151.346 किलोमीटर और मुजफ्फरपुर में 139.682 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। साथ ही जमुई, मधुबनी, समस्तीपुर, गोपालगंज, किशनगंज और नवादा जिलों में भी ग्रामीण सड़कों के निर्माण का कार्य लगभग समाप्ति के करीब है।

सड़क निर्माण में बिहार के टॉप 10 जिले

ग्रामीण सड़कों के निर्माण में बिहार के शीर्ष 10 जिलों में नालंदा सबसे आगे है, जहां 370.712 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके बाद गया जिले का स्थान है, जहां 365.728 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनी हैं। पटना जिले में 329.708 किलोमीटर, औरंगाबाद में 244.856 किलोमीटर, दरभंगा में 235.782 किलोमीटर, पूर्वी चंपारण में 230.772 किलोमीटर, मुंगेर में 202.814 किलोमीटर, रोहतास में 176.462 किलोमीटर, जहानाबाद में 169.606 किलोमीटर और सीतामढ़ी में 151.346 किलोमीटर सड़कों का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।

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    Nilesh Dwivedi author

    निलेश द्विवेदी वर्तमान में टाइम्स नाऊ नवभारत की सिटी टीम में 17 अप्रैल 2025 से बतौर ट्रेनी कॉपी एडिटर जिम्मेदारी निभाते हैं। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज...और देखें

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