प्रयागराज

UP: गंगा-यमुना का रौद्र रूप, खतरे की जद में वाराणसी और प्रयाग; बाढ़ ने छीना चैन सूकून; 24×7 अलर्ट पर रेस्क्यू टीमें

मूसलाधार बारिश से गंगा-यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। खासकर, तराई क्षेत्र में बसे प्रयागराज और वाराणसी बाढ़ से प्रभावित हैं, जिससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस ने मोर्चा संभाल रखा है। हालांकि, अब धीरे-धीरे दोनों ही नदियों के जलस्तर में कमी आ रही है।
Varanasi Flood

वाराणसी में बाढ़ (फोटो-PTI)

UP Flood : पहाड़ों और मैदानी इलाकों में जारी मानसूनी बारिश के कारण गंगा, यमुना और बेतवा समेत कई प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। करीब 13 जिले से अधिक जिले बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं। राहत आयुक्त कार्यालय ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी की जिसमें गंगा नदी वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर और बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि यमुना औरैया, कालपी, हमीरपुर, प्रयागराज और बांदा में लाल निशान से ऊपर है। प्रयागराज का कछार इलाका पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ है। लोग का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है।

कहां कितनी बाढ़?

इधर, बुंदेलखंड में अत्यधिक बारिश के कारण बेतवा नदी हमीरपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मौजूदा वक्त में राज्य के 13 जिले बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं। इन जिलों में प्रयागराज, जालौन, औरैया, हमीरपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर देहात, बलिया, बांदा, इटावा, फतेहपुर, कानपुर नगर और चित्रकूट शामिल हैं।

वाराणसी में सोमवार सुबह गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे घाट जलमग्न हो गए और अधिकारियों को दाह संस्कार और अन्य धार्मिक अनुष्ठान छतों और ऊंचे चबूतरों पर करने के आदेश देने पड़े। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, सोमवार सुबह तक गंगा नदी 72.1 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो खतरे के स्तर 71.262 मीटर से ऊपर है। दशाश्वमेध घाट पर प्रसिद्ध गंगा आरती अब छतों पर की जा रही है, जबकि मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर दाह संस्कार ऊंचे चबूतरों पर किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर नदी में नावों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में गश्त कर रही हैं और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं।

वाराणसी में बाढ़ से जनजीवन पर बुरा हाल

वाराणसी में बाढ़ की सबसे अधिक मार सामने घाट इलाके में दिखाई पड़ रही है। यहां पर दुकान और कॉलोनियां पूरी तरीके से जलमग्न हो गई हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की टीम ग्राउंड जीरो पर रिपोर्टिंग के दौरान एक ऐसे ही मकान में पहुंची जो पूरे तरीके से पानी में समा चुका था। मकान के ग्राउंड फ्लोर पर पानी भरा हुआ था। गृहस्थी के सारे सामान कमरे में तैरते दिखाई पड़े। लोगों ने कहा कि पिछले दो दिनों से यहां पर बिजली आपूर्ति नहीं है। पानी की आपूर्ति नहीं है खाने के लिए समान नहीं है। लिहाजा अब उन्हें अपने रिश्तेदारों के घर जाना पड़ रहा है।

प्रयागराज में बाढ़ से बिगड़े हालात

प्रयागराज में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण शनिवार से गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 84.73 मीटर से ऊपर है, जिससे जिले के 200 से ज़्यादा गांव और शहर की लगभग 60 बस्तियां बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। सोमवार को नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 86.04 मीटर दर्ज किया गया, जबकि फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 86.03 मीटर दर्ज किया गया। जिला प्रशासन ने शहर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों के लिए बाढ़ राहत शिविर केंद्र स्थापित किए हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित स्कूलों में शिक्षण कार्य स्थगित कर दिया गया है।

प्रयागराज के इन गावों में घुसा पानी

अधिकारियों ने बताया कि शहर में सदर तहसील के अंतर्गत 107 वार्ड और मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें राजापुर, बेली कछार, चांदपुर सलोरी, गोविंदपुर, छोटा बघाड़ा और बड़ा बघाड़ा प्रमुख रूप से प्रभावित हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में फूलपुर तहसील के 18, सोरांव के आठ, मेजा के 12, बारा तहसील के आठ और हंडिया तहसील के छह गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।

कम हो रहा गंगा यमुना का जलस्तर

हालांकि, यमुना नदी का जलस्तर घटना शुरू हो गया है। गंगा नदी का जलस्तर अभी भी मामूली रूप से बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में नैनी में यमुना नदी का जल 8 सेंटीमीटर कम हुआ है, जबकि फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 6 सेंटीमीटर कम हुआ है। वहीं, छतनाग में गंगा नदी का जल एक सेंटीमीटर घटा है। मंगलवार सुबह 10 बजे गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 86.09 मीटर और छतनाग में 85.36 मीटर दर्ज किया गया, जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर सुबह 10:00 बजे 85.96 मीटर दर्ज किया गया।

जिले में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस ने मोर्चा संभाल रखा है। शहरी क्षेत्र में बनाए गए 18 बाढ़ राहत शिविरों में 7000 से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। राहत शिविरों में लोगों के लिए भोजन, पानी और दवाइयों का इंतजाम किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी दो स्थानों पर विस्थापन करना पड़ा है। डीएम मनीष वर्मा ने खुद मोर्चा संभाल रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सूख राशन बतौर राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। बाढ़ ग्रस्त इलाकों से लगातार लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।

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Pushpendra Kumar author

गंगा यमुना के दोआब में स्थित उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से ताल्लुक है। गांव की गलियों में बचपन बीता और अब दिल्ली-एनसीआर में करियर की आपधापी जारी है।...और देखें

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