प्रयागराज

UP News: कभी IG पिता ने किया था कांस्टेबल बर्खास्त, अब बेटी ने ही केस लड़कर दिलवाई नौकरी

उत्तर प्रदेश में पेशेवर ईमानदारी का उदाहरण तब सामने आया जब बरेली रेंज के तत्कालीन आईजी राकेश सिंह द्वारा बर्खास्त कांस्टेबल तौफीक अहमद को उन्हीं की बेटी की पैरवी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहाल कर दिया।
IG had dismissed a constable, her daughter faught case

पिता के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में की बेटी ने पैरवी (सांकेतिक तस्वीर)

Prayagraj News: ड्यूटी के बीच व्यक्तिगत रिश्तों को आड़े न आने देना भले किताबी चीज मालूम होती हो लेकिन उत्तर प्रदेश में अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदारी का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। यहां एक बेटी ने अपने ही पिता के आदेश के खिलाफ पैरवी की।

पिता के आदेश के खिलाफ बेटी ने की पैरवी

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक साल 2023 में बरेली रेंज के तत्कालीन महानिरीक्षक (आईजी) राकेश सिंह ने एक पुलिस कांस्टेबल को बर्खास्त किया था, उस मामले में आईजी की ही बेटी की पैरवी पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बहाल करने का फैसला सुनाया।

2023 का था मामला

कांस्टेबल तौफीक अहमद को 13 जनवरी 2023 को एक महिला यात्री से छेड़छाड़ और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) थाने में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज अपराधों के आरोपों पर विभागीय कार्रवाई के बाद बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके लिए उन्हें जेल भी हुई थी। जिसके बाद आईजी सिंह ने आरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए अहमद को सेवा से हटाने का सख्त फैसला लिया था।

निकाली तकनीकी खामी

अहमद ने बर्खास्तगी को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जहां उनकी तरफ से पैरवी करने वाली आईजी की बेटी अनुरा ने विभागीय जांच में गंभीर तकनीकी कमी को उजागर करते हुए दलील दी कि जांच अधिकारी ने न केवल आरोप साबित किए बल्कि सीधे सजा की सिफारिश भी कर दी, जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस अधीनस्थ श्रेणी (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 14(1) के तहत यह अधिकार केवल डिस्पिलनरी अथॉरिटी का है।

नए सिरे से होगी जांच

न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने सहमति जताते हुए जांच रिपोर्ट और बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर दिया और अहमद को बहाल करने का निर्देश दिया, साथ ही तीन महीने के भीतर नए सिरे से जांच पूरी करने का निर्देश दिया।

पिता को भी नाज

अनुरा ने रविवार को कहा, "मैंने एक वकील के रूप में काम किया और मेरे पिता ने एक सरकारी प्रतिनिधि के रूप में काम किया, लेकिन उच्च न्यायालय व्यक्तिगत रिश्तों से ऊपर है।" सेवानिवृत्त आईजी राकेश सिंह ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी ने अपनी पेशेवर भूमिका निभाई। अहमद ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें मामले के दौरान दोनों के संबंधों के बारे में पता नहीं था।

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    Nishant Tiwari author

    निशांत तिवारी टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में सिटी डेस्क से जुड़े हुए हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में शुरुआती पड़ाव पर हैं, लेकिन समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण ...और देखें

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