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Uttarakhand: भारी बारिश के चलते मुख्यमंत्री धामी ने दिए अधिकारियों को 24x7 अलर्ट रहने के निर्देश; राहत और बचाव कार्यों पर जोर

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश और संभावित आपदाओं को देखते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने, प्रभावित लोगों के पुनर्वास के विकल्प तलाशने और नदियों व मार्गों की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा।
Uttarakhand CM Orders 24x7 Disaster Vigil (Photo: ANI)

सीएम धामी ने चौबीसों घंटे आपदा निगरानी के दिए आदेश (फोटो: एएनआई)

Uttarakhand Heavy Rainfall Alert: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मौसम विज्ञान विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों के लिए अधिकांश जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए जाने के मद्देनजर जिला स्तरीय अधिकारियों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने का निर्देश दिया। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में अत्यधिक वर्षा के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं और आने वाले कुछ दिन और अधिक कठिन होंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। भूस्खलन के जोखिम के कारण मार्गों पर विशेष सतर्कता बरतने और मैदानों में जलभराव की आशंका के मद्देनजर सभी सावधानी उपाय करने को कहा।

पुनर्वास के विकल्प तलाशने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन को राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र से हर स्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों और जिलों के प्रतिनिधियों को राहत और बचाव कार्यों की प्रगति का आकलन करने और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार उन लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है जो आपदाओं में बेघर हुए हैं और उनके सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास के लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है। उन्होंने दोनों संभागीय आयुक्तों को आपदा प्रभावित लोगों के पुनर्वास पर शीघ्र कार्य करने और मैदान जिलों में पुनर्वास के विकल्प तलाशने का निर्देश दिया।

भावनाओं और संवेदनाओं से जुड़ाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कठिन आपदा के समय हम प्रभावित भाइयों और बहनों के दर्द को गहराई से समझते हैं। राज्य सरकार केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, हम उनके भावनाओं और संवेदनाओं से भी जुड़े हैं। उन्होंने अधिकारियों से उम्मीद जताई कि वे उनके दुख को अपने दुख के रूप में समझें और पूरी लगन के साथ उनके पुनर्वास में कार्य करें, ताकि जीवन सामान्य हो सके। इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिले के अधिकारी मैदान में मौजूद रहें और राहत तथा बचाव कार्य युद्धस्तर पर संचालित करें।

बेली ब्रिज से यातायात हो सुचारू

मुख्यमंत्री ने बीआरओ अधिकारियों से उस पुल की जानकारी ली जो ज्योतिर्मठ-मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तमक नाले में बह गया था। उन्होंने कहा कि यह पुल रणनीतिक दृष्टि से राज्य और देश दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए यहां जल्द से जल्द बेली ब्रिज बनाकर यातायात सुचारू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि बीआरओ को राज्य स्तर से किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो तो तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने PWD के सचिव पंकज कुमार पांडेय को बीआरओ अधिकारियों के संपर्क में रहने के निर्देश दिए।

रास्तों की मरम्मत हो जल्द शुरू

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गंगोत्री हाईवे को यात्रा शुरू होने से पहले सुरक्षित और बेहतर स्थिति में लाया जाए। उन्होंने कहा कि देश और विदेश से यात्री चार धाम यात्रा के लिए आते हैं, इसलिए उनकी यात्रा सुरक्षित सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है और इसमें कोई ढील नहीं दी जा सकती। मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि बारिश के बाद सभी रास्तों की मरम्मत और नई सड़क के निर्माण का काम किसी भी हाल में शुरू किया जाना चाहिए। इसके लिए टेंडर और अन्य सभी औपचारिकताएं इसी दौरान पूरी की जाएं।

24x7 राहत-बचाव टीमें तैनात

मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के हर्षिल और स्यानाचट्टी में बने झीलों की स्थिति और जल निकासी की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि स्यानाचट्टी की झील में जलस्तर बढ़ने की सूचना मिली है, इसलिए वहां 24x7 निगरानी और राहत-बचाव टीमें तैनात रखी जाएं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि पुल के लिए कोई खतरा न हो। मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि झील का जलस्तर कम करने और अधिक पानी निकालने के लिए उचित प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि स्यानाचट्टी के लोगों की सभी आवश्यकताएं पूरी की जाएं और बिजली एवं पानी हमेशा उपलब्ध रहें।

नदियों के जलस्तर की निगरानी

मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कहा कि हर्षिल और स्यानाचट्टी में बड़ी मात्रा में मलबा जमा हो गया है, जिसे नदी से निकालना बहुत जरूरी है। उन्होंने सुरक्षित स्थानों पर मलबा निपटान स्थलों का निर्माण करने और वहां मलबा डंप करने के निर्देश दिए। इसके संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेजने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में नदियों के जलस्तर पर कड़ी नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि नदियों के जलस्तर की निगरानी पहाड़ी और मैदानी, दोनों क्षेत्रों में रात के समय भी की जाए। यदि कोई खतरा महसूस हो तो लोगों को तुरंत चेतावनी दी जाए और सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएं।

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    Nilesh Dwivedi author

    निलेश द्विवेदी वर्तमान में टाइम्स नाऊ नवभारत की सिटी टीम में 17 अप्रैल 2025 से बतौर ट्रेनी कॉपी एडिटर जिम्मेदारी निभाते हैं। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज...और देखें

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