क्राइम

ऐसी हैवानियत कि सुनकर खून खौल जाए... कोर्ट ने बेटी से रेप करने वाले बाप की 10 साल की सजा रखी बरकरार

दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 साल की बेटी से कई महीने तक लगातार बलात्कार करने के दोषी पिता की 10 सजा कैद की सजा बरकरार रखा है। अदालत ने माना कि पीड़ित पक्ष ने ऐसे मजबूत और विश्वनीय सबूत रखे, जिससे POCSO एक्ट की धारा 29 के तहत आरोपी पर लगाए गए आरोपों को साबित किया जा सका।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने एक कलयुगी पिता की सजा को बरकरार रखते हुए उसकी अपील खारिज कर दी है। निचली अदालत ने 2017 में 9 साल की नाबालिग बेटी से लगातार रेप करने के मामले में उसे दोषी मानते हुए 10 साल के लिए जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया था।

बेटी से रेप करने वाले पिता की 10 साल की सजा बरकरार

जस्टिस मनोज कुमार ओहरी का अहम फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने अपने आदेश में कहा कि दोषी पिता की दलीलें न तो अभियोजन पक्ष के गवाहों की विश्वसनीयता पर कोई असर डाल सका और न ही मेडिकल रिपोर्ट (MLC) और फॉरेंसिक (FSL) रिपोर्ट में सामने आए सबूतों को झुठला सका। अदालत ने माना कि पीड़ित पक्ष ने ऐसे मजबूत और विश्वनीय सबूत रखे, जिससे POCSO एक्ट की धारा 29 के तहत आरोपी पर लगाए गए आरोपों को साबित किया जा सका।

पीड़ित बेटी और उसकी मां गवाही में पलटी, फिर भी सबूत मजबूत

अदालत ने आदेश देते हुए कहा कि भले ही पीड़िता और उसकी मां गवाही के दौरान अपने बयान से पलट गईं, इसके बावजूद मेडिकल और फॉरेंसिक सबूतों ने आरोपी पिता की इस दुष्कर्म में संलिप्तता साफ कर दी। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता और उसके मां की शुरुआत में दिए गए बयानों को खारिज नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इसके अलावा पीड़िता की स्कूल टीचर, फॉरेंसिक एक्सपर्ट, डॉक्टर के साथ ही अन्य सबूत दुष्कर्म की तस्दीक करते हैं।

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