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Hindi Diwas Poem: हिंदी दिवस पर स्कूल में जमाना है इंप्रेशन? पढ़ें ये बेस्ट कविताएं, नंबर 5 है सबसे खास

Hindi Diwas famous poems for students: इस लेख में हिंदी दिवस पर छात्रों के लिए बेहद ही आसान कविताएं हैं, जो जल्दी से याद की जा सकती हैं। इसमें अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर सूरदास तक की कुछ आसान और गहरी कविताएं शामिल हैं।
Hindi Diwas 2025

Hindi Diwas 2025

Hindi Diwas Famous Poems: हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस दिन हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि का दर्जा हासिल हुआ था। ऐसे में ये पल गर्व का था। इसके बाद से इसे सरकारी कामकाज में लागू किया जाने लगा, ताकि आमजनों में हिंदी के प्रति सम्मान और अपनापन बढ़े। हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का भी एक अहम हिस्सा है। आज हिंदी न सिर्फ भारत बल्कि विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है। हर साल हिंदी दिवस के खास मौके पर देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताएं, पाठ, भाषण और निबंध लेख जैसे आयोजन होते हैं। ऐसे में इस खास मौके पर हम आपके लिए लाए हैं कुछ आसान और छोटी हिंदी की कविताएं, जो बच्चे, छात्र और शिक्षकों के लिए एकदम आसान है।

हिंदी दिवस 2025 (13 September 2025) को अपने स्कूल या फिर कॉलेज में खास बनाने के लिए और अपना इंप्रेशन जमाने के लिए आप इन आसान सी कविताओं को कम समय में याद कर सकते हैं। इसमें अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर मैथिली शरण गुप्त जैसे दिग्गजों की आसान और गहरी कविताएं शामिल हैं।

भाषा की मधुरता- सूरदास

हिंदी भाषा की मूरत प्यारी,

सबके मन की करती है सवारी

ये गीतों की माला है

ये भावों की छाला है

इसकी मिठास में जो खो जाए

वो जीवन में रंग लाए

हिंदी है जीवन की धड़कन

इसे अपनाएं हम सभी जन

गूंजी हिंदी विश्व में- अटल बिहारी वाजपेयी

गूंजी हिंदी विश्व में

गूंजी हिंदी विश्व में

स्वप्न हुआ साकार

राष्ट्र संघ के मंच से

हिंदी का जयकार

हिंदी का जयकार,

हिंदी हिंदी में बोला

देश स्वभाषा-प्रेम,

विश्व अचरज से डोला;

कह कैदी कविराय,

मेम की माया टूटी

भारत माता धन्य

स्नेह की सरिता फूटी!

करो अपनी भाषा पर प्यार- मैथिली शरण गुप्त

करो अपनी भाषा पर प्यार

जिसके बिना मूक रहते तुम, रुकते सब व्यवहार

जिसमें पुत्र पिता कहता है, पत्नी प्राणाधार,

और प्रकट करते हो जिसमें तुम निज निखिल विचार

बढ़ाओ बस उसका विस्तार

करो अपनी भाषा पर प्यार

भाषा बिना व्यर्थ ही जाता ईश्वरीय भी ज्ञान,

इन दानों से बहुत बड़ा है ईश्वर का यह दान

असंख्यक हैं इसके उपकार

करो अपनी भाषा पर प्यार

यही पूर्वजों का देती है तुमको ज्ञान-प्रसाद,

और तुम्हारा भी भविष्य को देगी शुभ संवाद

बनाओ इसे गले का हार।

करो अपनी भाषा पर प्यार।।

मेरी हिंदी प्यारी है

मेरी हिंदी प्यारी है

सबसे न्यारी न्यारी है

बोलूं जब भी हिंदी मैं

मन में खुशियां सारी हैं

ये मेरी पहचान बनी

इसमें अपनी जान बनी

गर्व मुझे इस भाषा पर,

ये तो मेरी शान बनी।

मेरी हिंदी- अटल बिहारी वाजपेयी

मेरी हिंदी मेरा अभिमान है,

मेरी मातृभूमि का सम्मान है।

जो बोले इसे दिल से प्यारा,

उसे देखता हर देशवासी नजारा।

हिंदी है भारत की जान,

इसकी शक्ति का नहीं कोई प्रमान।

इसे सहेजना हमारा फर्ज है,

इसकी रक्षा करना हमारा धर्म है।

एक डोर में सबको बांधती वह हिंदी है- गिरिजाकुमार माथुर

एक डोर में सबको जो है बांधती

वह हिंदी है

हर भाषा को जो सगी बहन मानती

वह हिंदी है

भरी-पूरी हों सभी बोलियां

यही कामना हिंदी है

गहरी हो पहचान आपसी

यही साधना हिंदी है।

सौत विदेशी रहे ना रानी

यही भावना हिंदी है

तत्सम, तद्भव, देशी, विदेशी

सब रंगों को अपनाती

जैसे आप बोलना चाहें

वही मधूर, वह मन भाती।

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