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कौन हैं सैकड़ों बच्चों को बाल विवाह से बचाने वाले IAS सिद्धार्थ जायसवाल, जानें कितनी थी UPSC रैंक

IAS officer Siddharth Jaiswal Inspirational Story, UPSC Rank: 2016 बैच के आईएएस अधिकारी सिद्धार्थ जायसवाल चर्चा में हैं। सिद्धार्थ जायसवाल ने 100 से भी ज्यादा लड़कियों की जिंदगी को बदलकर रखने का काम किया है। उन्होंने सैकड़ों बच्चों को बाल विवाह से बचाने का काम किया है। उनके आईएएस बनने की कहानी काफी प्रेरक है।
IAS officer Sidharth Jaiswal Inspirational story

IAS officer Sidharth Jaiswal Inspirational story (Photo: Twitter)

Who is IAS officer Siddharth Jaiswal Know his UPSC Journey: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का जिक्र आते ही कई सारे आईएएस अधिकारियों का ख्याल दिमाग में आता है। मगर आज हम जिस अधिकारी की बात करेंगे, वो न सिर्फ अपनी यूपीएससी रैंक को लेकर चर्चा में रहे, बल्कि उन्होंने समाज को एक अलग दिशा में मोड़ने का काम किया। 2016 बैच के आईएएस अधिकारी सिद्धार्थ जायसवाल चर्चा में हैं। सिद्धार्थ जायसवाल ने 100 से भी ज्यादा लड़कियों की जिंदगी को बदलकर रखने का काम किया है। उन्होंने सैकड़ों बच्चों को बाल विवाह से बचाने का काम किया है। उनके आईएएस बनने की कहानी काफी प्रेरक है।

100 से ज्यादा लड़कियों को दी नई जिंदगी

आईएएस अधिकारी सिद्धार्थ शिव जायसवाल (Dr Siddharth Shiv Jaiswal) ने एक अहम अभियान की शुरुआत की है और इसी के चलते वे चर्चा में भी हैं। वैसे तो पहले भी कई दफा वे सुर्खियों में रहे हैं मगर इस बार वे बाल विवाह रोकने की अपनी कोशिशों को लेकर चर्चा में हैं। जायसवाल ने हाल ही में अपने अभियान के तहत त्रिपुरा के सेपाहिजला जिले में 100 से भी ज्यादा लड़कियों को बाल विवाह से बचाया है।

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सेना में दे चुके हैं सेवाएं

2016 बैच के आईएएस अधिकारी सिद्धार्थ जायसवाल ने यूपीएएससी में 410वीं रैंक हासिल की थी। सिविल सेवा में शामिल होने से पहले उन्होंने भारतीय सेना में भी अपनी सेवाएं दी हैं। उन्हें पूर्व सिक्किम में तीन सालों तक 13,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात किया गया था और इसके लिये वे हाई अल्टीट्यूड मेडल और सिक्किम लिली मेडल से भी सम्मानित हो चुके हैं।

सिद्धार्थ जायसवाल ने संभाली कई जिम्मेदारियां

कोरोना महामारी के समय दो सालों तक वह नेशनल हेल्थ मिशन के एमडी के तौर पर पोस्टेड थे। इसके अलावा वे अगरतला नगर निगम के कमिश्नर, सामाजिक कल्याण विभाग के निदेशक, धलाई और साउथ त्रिपुरा के डीएम और कलेक्टर भी रह चुके हैं। 6 जुलाई 2024 को उन्होंने सेपाहिजला जिले के डीएम और कलेक्टर के रूप में पदभार संभाला।

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बाल विवाह रोकने की दिशा में उठाए ये कदम

सिद्धार्थ जायसवाल वर्तमान में त्रिपुरा राज्य के सेपाहिजला जिले के जिला मजिस्ट्रेट (DM) और कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने 6 जुलाई, 2024 को इस पद का कार्यभार संभाला था। सेपाहिजला को बाल विवाह की समस्या से निजात दिलाने के लिये उन्होंने कई सारे जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं। साथ ही उन्होंने स्थानीय कानूनों का पालन ना करने वालों के खिलाफ सख्ती से भी कार्रवाई की।

इस पहल से साबित होता है कि अगर प्रशासन और समाज एक साथ मिलकर काम करें तो बाल विवाह जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म किया जा सकता है। सिद्धार्थ जैस्वाल अन्य जिलों और राज्यों के लिये एक प्रेरणा बन गए हैं। बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने की दिशा में उनके कदमों की हर तरफ तारीफ हो रही है।

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    कुसुम भट्ट author

    टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर एजुकेशन जर्नलिस्ट कार्यरत कुसुम भट्ट शिक्षा जगत से जुड़ी हर छोटी-बड़ी हलचल पर पैनी नजर रखती हैं। वे पिछले 5 सालों से...और देखें

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