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एजुकेशन

National Sports Day 2025: राष्ट्रीय खेल दिवस पर ऐसे लिखें दमदार निबंध, पढ़िए हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद से जुड़ी खास बातें

National Sports Day 2025 Essay In Hindi, Major Dhyan Chand Biography In Hindi: हर साल हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के जन्म दिवस को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया (National Sports Day Essay) जाता है। इस दिन स्कूल में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया (Major Dhyan Chand Biography In Hindi) जाता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए राष्ट्रीय खेल दिवस पर शानदार निबंध लेकर आए हैं। साथ ही आप यहां मेजर ध्यान चंद के बारे में कुछ खास बातें भी जान सकते हैं।

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National Sports Day 2025 Essay In Hindi, Major Dhyan Chand biography In Hindi: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी खेल और फिटनेस अभियान की योजना (Major Dhyan Chand biography) बनाई है। राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल 29 अगस्त को हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के रूप में मनाया (Major Dhyan Chand biography In Hindi) जाता है। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद से तो आप सब (National Sports Day Essay In Hindi) वाकिफ होंगे। हॉकी में मेजर ध्यानचंद को वो मुकाम हासिल है जो क्रिकेट में डॉन ब्रेडमैन को और फुटबॉल में पेले को है। उन्होंने अपने दम पर हॉकी को ना केवल नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया बल्कि विश्व स्तर पर गौरवान्वित भी किया।

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National Sports Day 2025: राष्ट्रीय खेल दिवस पर ऐसे लिखें दमदार निबंध, पढ़ें मेजर ध्यान से जुड़ी खास बातें

कहा जाता है कि जब वह हॉकी खेलते थे, तो मानो गेंद उनकी स्टिक से चिपक जाती थी। हॉलैंड में तो एक बार उनके स्टिक को तोड़कर यह चेक करने की कोशिश की गई कि कहीं उसमें चुंबक तो नहीं लगा है। इतना ही नहीं जापान में एक मैच के दौरान उनकी स्टिक में गोंद लगे होने की बात की गई थी। हालांकि हर बार की तरह इस बार भी ऐसा कुछ साबित नहीं हुआ। भारतवर्ष में उनके जन्म दिवस को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही इस दिन के महत्व व इतिहास का जिक्र करने के लिए भाषण व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए राष्ट्रीय खेल दिवस पर निबंध व मेजर ध्यानचंद के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें लेकर आए हैं।

Major Dhyan Chand Biography In Hindi: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से ताल्लुक

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता समेश्वर दत्त सिंह भारतीय सेना में सिपाही थे और हॉकी खेलना पसंद करते थे। अपने पिता को देखते हुए उन्होंने सेना में जाने का फैसला किया। 1922 में महज 16 साल की उम्र में उन्होंने ब्रिटिश आर्मी ज्वाइन कर लिया था। कहा जाता है कि उस वक्त आर्मी के जवानों की दिलचस्पी हॉकी और फुटबॉल की तरफ ज्यादा थी। लेकिन ध्यान चंद जी को हॉकी खेलने में कोई इंटरेस्ट नहीं था इसलिए वह अपने साथी जवानों को चुपचाप बैठकर हॉकी खेलते हुए देखते थे। इस बात का जिक्र मेजर ध्यान चंद के ऊपर लिखी गई किताब द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ मेजर ध्यान चंद में किया गया है। (Pic Credit Twitter)

Major Dhyan Chand Biography: ध्यान सिंह से ध्यान चंद नाम कैसे पड़ा

कहा जाता कि एक बार दोस्तों के कहने पर ध्यान सिंह जी हॉकी खलने के लिए मैदान में उतरे। इस दौरान जब वह हॉकी से बॉल को मार रहे थे तो सुबेदार बाले खड़े होकर देख रहे थे। जब वह बॉल को नहीं पार पाए तो सुबेदार जी ने कहा कि हॉकी कोई बच्चों का खेल नहीं। बस फिर क्या था इसके बाद ध्यान चंद जी लगातार हॉकी की प्रैक्टिस करने लगे। धीरे-धीरे हॉकी के प्रति उनका जुनून बढ़ता गया। जिसके बाद उन्हें जैसे ही थोड़ा समय मिलता वह हॉकी स्टिक लेकर मैदान में उतर जाया करते थे। इतना ही नहीं वह कई बार चांदनी रात में भी हॉकी की प्रैक्टिस किया करते थे। यही कारण था कि उनके दोस्तों ने उन्हें ध्यानचंद कहना शुरू कर दिया था। आगे चलकर यी नाम उनकी पहचान बन गया।

Major Dhyan Chand Jeevan Parichay: ओलंपिक में तीन स्वर्ण पदक भारत के नाम

इंग्लिश इंडियन हॉकी टीम के खिलाड़ी के तौर पर एम्सटर्डम में हुए ओलंपिक में डेब्यू किया था। एम्सटर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक में उन्होंने कुल 39 गोल किए थे। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 में हिस्सा लिया था और तीनों ओलंपिक में भारत को लगातार तीन स्वर्ण पदक दिलवाया था। कहा जाता है कि 1928 से 1948 तक उन्होंने अपने करियर में 400 से ज्यादा इंटरनेशनल गोल किए थे। जबकि अपने पूरे करियर में उन्होंने लगभग 1000 गोल किए थे। वर्ष 1956 में मेजर ध्यान चंद को देश के तीसरे सबड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। (Pic Credit Twitter)

National Sports Day Essay In Hindi राष्ट्रीय खेल दिवस पर ऐसे लिखें निबंध

यदि आप भी राष्ट्रीय खेल दिवस पर निबंध लिखने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसकी एक रूपरेखा तैयार कर लें। राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है? राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है? राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास? राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व? साथ ही अपने निबंध में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के बारे में उल्लेख करना ना भूलें। बिना इसके आपका निबंध अधूरा माना जाएगा।

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आदित्य सिंह author

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें

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