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बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, वरिष्ठ नेता अशोक राम JDU में शामिल

बिहार में दलित वोट बैंक हमेशा से चुनावी समीकरणों में अहम भूमिका निभाता है। अशोक राम का कांग्रेस छोड़कर जदयू में आना न केवल पार्टी की आंतरिक कमजोरियों को उजागर करता है, बल्कि जदयू को सामाजिक संतुलन साधने में भी मदद कर सकता है।

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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक राम ने रविवार को कांग्रेस छोड़कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) यानी जदयू का दामन थाम लिया। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है।

बिहार कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष अशोक राम जदयू में शामिल (फोटो- JDU)

कांग्रेस से 40 साल पुराना नाता तोड़ा

अशोक राम चार दशक से अधिक समय से कांग्रेस से जुड़े थे और कई बार विधायक के रूप में पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस पर दलितों की लगातार अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अब उस पार्टी का हिस्सा नहीं रह सकते, जो सामाजिक न्याय की बात तो करती है, लेकिन व्यवहार में उसका पालन नहीं करती। अशोक राम ने कहा- "दलितों को कांग्रेस में सिर्फ भाषणों और नारों तक सीमित कर दिया गया है। अब समय आ गया है कि ज़मीन पर काम करने वाली पार्टी के साथ खड़ा हुआ जाए। नीतीश कुमार एक दूरदर्शी नेता हैं जो विकास और सामाजिक समरसता के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

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