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क्या हैं पंचशील के वो 5 सिद्धांत जिनके आधार पर 1954 में तय हुए थे भारत-चीन संबंध?

पिछले कुछ वर्षों में भारत-चीन के संबंधों में आए तनाव के बीच पीएम मोदी का चीन दौरा और जिनपिंग से उनकी मुलाकात बेहद अहम है। दोनों देशों के संबंधों का इतिहास दशकों पुराना है, कभी भारत-चीन करीब थे और पंचशील सिद्धांत इन संबंधों की नींव बने थे। पंचशील क्या है, और भारत-चीन संबंधों के संदर्भ में इसकी पहली बार कब चर्चा हुई थी? इसका इतिहास जानने की कोशिश करते हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे के बाद एक बार फिर भारत-चीन संबंधों की मजबूती को लेकर कयास लग रहे हैं। हालिया दिनों में दोनों देशों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ मार झेली है और अब एक साथ आकर इससे निपटने की तैयारी में हैं। चीन के तियानजिन में हो रहे एससीओ समिट में पीएम मोदी-शी जिनपिंग मुलाकात चर्चा में रही। मुलाकात में दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों की मजबूती पर जोर दिया। खास तौर पर मौजूदा वैश्विक परिदृश्य और अमेरिका के रवैये में आए बदलाव ने संबंधों की जमीन मजबूत करने की जरूरत को अहम बना दिया है। पिछले कुछ वर्षों में भारत-चीन के संबंधों में आए तनाव के बीच पीएम मोदी का चीन दौरा और जिनपिंग से उनकी मुलाकात बेहद अहम है। दोनों देशों के संबंधों का इतिहास दशकों पुराना है, कभी भारत-चीन करीब थे और पंचशील सिद्धांत इन संबंधों की नींव बने थे। लेकिन चीन के रवैये और आक्रामक कार्रवाई ने संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचाया।

भारत-चीन रिश्तों में क्या है पंचशील के 5 सिद्धांत?

मोदी-जिनपिंग मुलाकात

चीन ने फिर किया पंचशील के सिद्धांतों का जिक्र

अब एक बार फिर दोनों देश करीब आने को उत्सुक दिख रहे हैं। एससीओ सम्मेलन से इसकी शुरुआत हुई है। दोनों देशों की ओर से जारी बयान बताते हैं कि वे विवादों को दूर रखना चाहते हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा कि मोदी-जिनपिंग ने अक्टूबर 2024 में कजान में हुई अपनी पिछली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति और निरंतर प्रगति का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश विकास के साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं, और उनके मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए। वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों या पंचशील का जिक्र किया गया। उसने कहा कि 70 साल पहले चीन और भारत के नेताओं की पुरानी पीढ़ी द्वारा समर्थित शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों को संजोया और बढ़ावा दिया जाना चाहिए। पंचशील क्या है, और भारत-चीन संबंधों के संदर्भ में इसकी पहली बार कब चर्चा हुई थी? इसका इतिहास जानने की कोशिश करते हैं।

पंचशील के 5 सिद्धांत क्या हैं?

1947 में भारत की आजादी और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) के निर्माण के बाद दोनों देशों ने संबंधों की शर्तें तय करने की कोशिश की। इनमें से एक अहम मुद्दा तिब्बत का भविष्य था। कई दौर की वार्ता के बाद 29 अप्रैल, 1954 को चीन और भारत के तिब्बत क्षेत्र के बीच व्यापार और संबंधों पर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें पंचशील या शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का जिक्र था।

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