Nepal Gen-Z आंदोलन : जानें कौन हैं बालेन शाह, जिनके लिए नारेबाजी कर रहे आंदोलनकारी

नेपाल में Gen-Z आंदोलन को धार दे रहे बालेन शाह (फोटो - facebook.com/balenOfficial)
आज नेपाल में जब Gen-Z आंदोलन चरम पर है और इस आंदोलन के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है तो हर किसी की जुबान पर बालेन शाह (Balen Shah) का ही नाम है। आंदोलनकारी बालेन का नाम लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। कल रात को लिखे गए बालेन के इस फेसबुक पोस्ट से कुछ-कुछ तस्वीर साफ होती जा रही है और बालेन शाह इस आंदोलन का केंद्र बनते जा रहे हैं। उन्होंने फेसबुक और X पर नेपाली भाषा में यह पोस्ट किया -
तेरो भरौटेहरूको पो बा भइस् ।
साँच्चै नै कहिले बा हुन पाएको भए पो छोरा छोरीको मृत्युको पीडा बुज्थिस ।
यस्तो आतङ्क वाद यो विश्वले कहिले देखेको थिएन ।
त नेता त के मान्छे पनि बन्न सकेनस, आतङ्क बादी होस ।
बालेन शाह उर्फ बलेंद्र के नेपाली भाषा में लिखे इस फेसबुक पोस्ट को हिंदी में अनुवाद किया जाए तो उन्होंने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के लिए लिखा -
तुम तो सिर्फ दामाद बने।
अगर सच में कभी पिता बने होते तो बेटे-बेटी को खोने का दर्द समझ पाते।
दुनिया ने ऐसा आतंकवाद कभी नहीं देखा।
तुम न नेता बन सके, न इंसान — तुम तो आतंकवादी हो। #kpoliisterriorist
बालेन शाह के इस पोस्ट पर जमकर कमेंट आ रहे हैं, जिसमें से एक Now or never #balen भी कमेंट किया गया है। सोशल मीडिया पर बैन लगाने के बाद Gen-Z में भड़के गुस्से ने देखते ही देखते हिंसा का रूप ले लिया और कई मंत्रियों के साथ ही नेपाल की संसद को भी आग के हवाले कर दिया। आज जब हर किसी की जुबान पर बालेन का नाम है तो चलिए जान लेते हैं यह बलेन हैं कौन?
कौन हैं बालेन शाह
सीधे शब्दों में कहें तो बालेन शाह एक रैपर हैं, जिनकी आज की युवा पीढ़ी में काफी पैठ है। पेशे से वह एक स्ट्रक्चरल इंजीनीयर हैं और फिलहाल नेपाल की राजधानी काठमांडू के मेयर हैं। इसके अलावा नेपाल में भड़के Gen-Z आंदोलन में जो एक नाम सबसे ज्यादा उभरकर सामने आ रहा है वह बालेन शाह का ही है।
27 अप्रैल 1990 को जन्मे बालेंद्र शाह (Balendra Shah) उर्फ बालेन शाह काठमांडू के 15वें मेयर हैं। वह पहले निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं, जिसने काठमांडू के मेयर का चुनाव जीता। साल 2010 से ही वह नेपाली हिप-हाप से जुड़े हुए हैं। साल 2022 के चुनाव में उन्होंने नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार सिरजना सिंह और सीपीएन (यूएमएल) के प्रत्याशी केशव स्थापित को हराकर चुनाव जीता था।
युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं बालेन शाह
जिस तरह से आंदोलनकारी बालेन शाह का नाम लेकर नारेबाजी कर रहे हैं, इससे यह तो साफ है कि युवाओं में वह खासे पसंद किए जाते हैं। बालेन अगर सोशल मीडिया पर कोई बात छेड़ देते हैं तो उनका पोस्ट तेजी से वायरल होने लगता है और उनकी बात पर बहस चल पड़ती है। युवा उनके रहन-सहन, स्टाइल और जीवनशैली से खासे प्रभावित हैं। आज वह नेपाल में भड़के आंदोलन का केंद्र बिंदु बन गए हैं। लेकिन दुनिया में वह पिछले कुछ वर्षों से अपनी पहचान छोड़ने में कामयाब रहे हैं।
टाइम मैगजीन में नाम
बालेन शाह का नाम साल 2024 में टाइम मैगजीन में छप चुका है। मैगजीन ने उन्हें शीर्ष 100 शख्सियतों की सूची में शामिल किया था। यही नहीं द न्यू यॉर्क टाइम्स जैसे अखबारों ने भी उन्हें अपने पन्नों पर जगह दी है।
बालेन का भारत से संबंध?
जी हां, भारत में अगर हम बालेन की बात कर रहे हैं तो भारत से उनके संबंधों पर भी बात होगी। उन्होंने कर्नाटक में विश्वसराया टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में Mtech की डिग्री ली है। इसके अलावा उनका संबंध भारत से ढूंढ़ेंगे तो वह बॉलीवुड फिल्म 'आदिपुरुष' से जुड़ता है। साल 2023 में जब यह फिल्म रिलीज हुई तो काठमांडू के मेयर बालेन शाह को फिल्म के कुछ डायलॉग्स को लेकर आपत्ति थी। उन्होंने इन डायलॉग्स को फिल्म से हटाने की मांग की। सा नहीं करने पर उन्होंने नेपाल और काठमांडू में किसी भी भारतीय फिल्म को न चलने देने की धमकी भी दी थी।
ओली बनाम बालेन कैसे हो गया टकराव
मौजूदा आंदोलन में अब दो पक्ष साफ नजर आने लगे हैं। एक तरफ 34 साल के काठमांडू मेयर बालेन शाह हैं और दूसरी तरफ 72 साल के केपी शर्मा ओली हैं, जिन्होंने आज ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया है। दोनों के बीच टकराव आज का नहीं, बल्कि पुराना है। बालेन शुरू से ही सरकारी नीतियों का विरोध करते आए हैं। दोनों के टकराव की जड़ में काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के 3500 से अधिक कर्मचारियों को लंबे समय से वेतन न मिलना भी है। काठमांडू के टीचर्स को भी चार महीने से सैलरी नहीं मिली, तो उन्होंने मेयर बालेन से मदद मांगी।
ताजा मामला ये है कि न्यू रोड में फुटपाथों का चौड़ीकरण किया जा रहा था। यूएमएल से जुड़े एक वार्ड अध्यक्ष ने इस परियोजना का विरोध किया। यूएमएल से जुड़े मंत्रालियों ने काम रोकने का आदेश भी जारी कर दिया। इस पर बालेन भड़क गए और उन्होंने विवादास्पद गिरि बंधु चाय बागान भूमि अदला-बदली घोटाले में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर नीतिगत भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया। यूएमएल के नेताओं ने बाले पर हमला करते हुए उन्हें पिल्ला कहा। स्वयं ओली ने बाले को राजनीति का बुलबुला बताकर खारिज कर दिया और कहा कि ये बुलबुला जल्द फूट जाएगा।
कैसे आंदोलन के केंद्र में आ गए बालेन शाह
नेपाल में राजनेताओं के बच्चों की भव्य जीवनशैली के खिलाफ सोशल मीडिया पर #Nepokid ट्रेंड करने लगा। इस पर सरकार ने इंटरनेट और सोशल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया। सरकार के इस कदम से युवा भड़क गए और इसे दुनिया का पहला Gen-Z आंदोलन कहा जाने लगा। हालांकि, युवाओं का प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन सरकार ने इस पर कठोर प्रतिक्रिया दी। पुलिस कार्रवाई में 20 लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हो गए। अकेले राजधानी काठमांडू में ही 18 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। बालेन ने इस पूरे आंदोलन को अपना समर्थन दिया। हालांकि, उन्होंने स्वयं Gen-Z नहीं होने के कारण इस आंदोलन में व्यक्तिगत तौर पर शामिल होने में असमर्थता जतायी। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, आयोजकों द्वारा निर्धारित आयु सीमा के कारण वे समें भाग नहीं ले सकते।
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साल 2006 से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। शुरुआत में हिंदुस्तान, अमर उजाला और दैनिक जागरण जैसे अखबारों में फ्रीलांस करने के बाद स्थानीय अखबारों और मै...और देखें

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