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Explainer: राधाकृष्णन Vs सुदर्शन रेड्डी...उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन किसके साथ, कौन बनेगा किंगमेकर?

9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति पद चुनाव में सत्ताधारी एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है। खास बात यह है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं।
vice president poll

उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन पड़ेगा भारी?

उपराष्ट्रपति पद चुनाव के लिए सियासी गहमागहमी का आखिरी दौर है। मुकाबला राधाकृष्णन बनाम सुदर्शन रेड्डी का है और हर किसी की निगाहें इस ओर लगी हैं कि आखिर में बाजी किसके हाथ लगती है। इस हाई प्रोफाइल चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा। एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन के सामने विपक्षी इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी होंगे। फिलहाल संख्याबल एनडीए के पक्ष में दिख रहा है। इस बीच ऐसी पार्टियों पर भी सबकी निगाहें हैं जिन्होंने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है। क्या हैं जीत के लिए समीकरण और कौन किसके खेमे में है, कौन बन सकता है किंगमेकर, इसे विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।

राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला

9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति पद चुनाव में सत्ताधारी एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है। खास बात यह है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं जबकि रेड्डी का नाता तेलंगाना से है। उपराष्ट्रपति चुनाव को विपक्ष वैचारिक लड़ाई बता रहा है, वहीं एनडीए ने समीकरणों के दम पर भी जीत के लिए पूरी तरह कमर कस ली है। फिलहाल संख्याबल सत्तारूढ़ एनडीए के पक्ष में दिख रहा है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 बजे शुरू होगा और शाम 5 बजे समाप्त होगा।

क्या तटस्थ दल बनेंगे किंगमेकर?

हालांकि पलड़ा फिलहाल एनडीए के उम्मीदवार के पक्ष में दिख रहा है, ऐसे में सभी की निगाहें तटस्थ दलों पर टिकी हैं। इनमें नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी), के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), और जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी जैसे दल शामिल हैं, जिन्होंने अभी तक अपना रुख जाहिर नहीं किया है। बीजेडी के सात राज्यसभा सांसद हैं जबकि बीआरएस के चार सांसद है। वाईएसआरसीपी के राज्यसभा में 7 और लोकसभा में 5 सांसद हैं। बताया जा रहा है कि अधिकतर दक्षिणी दल एनडीए उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं।

बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने अभी तक किसी उम्मीदवार के लिए अपनी पसंद का खुलासा नहीं किया है। बीआरएस, बीजेडी और वाईएसआरसीपी ने पहले भी संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किया है, लेकिन विपक्षी रणनीतिकारों को इन दलों के कुछ सांसदों द्वारा क्रॉस-वोटिंग की उम्मीदें हैं। मतदाताओं की कुल संख्या 781 है, जिसमें सात मौजूद नहीं हैं। इनमें शिबू सोरेन का नाम भी शामिल है, जिनका मतदाता सूची तैयार होने के बाद निधन हो गया था।

जोखिम नहीं उठाना चाहती बीजेपी

एनडीए की प्रमुख सहयोगी और उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुनने वाली पार्टी होने के नाते भाजपा कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है। उसने अपने सभी सांसदों को मंगलवार को होने वाले चुनाव से पहले सोमवार तक दिल्ली पहुंचने को कहा है। उसने सांसदों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण भी देना शुरू कर दिया है कि वे सही तरीके से वोट डालें और किसी भी तकनीकी त्रुटि से बचें। अभी तक के आंकड़े बता रहे हैं अगर सभी सांसद दलीय आधार पर वोट करते हैं, तो एनडीए के उम्मीदवार महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के मुकाबले 439-324 के अंतर से आगे चल रहे हैं।

एनडीए में शामिल अहम दल

  • भारतीय जनता पार्टी (BJP)
  • जनता दल यूनाइटेड
  • तेलुगूदेशम पार्टी
  • शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)
  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट)
  • लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान)
  • अपना दल (सोनेलाल)
  • नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP)
  • नैशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP)
  • ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AISU)
  • सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM)
  • रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) (RPI)
  • असम गण परिषद (AGP)
  • हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम)
  • जन सेना पार्टी (JSP)

विपक्ष की क्या रणनीति?

इंडिया गुट छोड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने सुदर्शन रेड्डी को अपने 10 सांसदों का समर्थन देने का वादा किया है। क्योंकि मतदान गुप्त होता है, इसलिए दोनों पक्ष क्रॉस-वोटिंग की उम्मीद कर रहे हैं। इस लड़ाई को संविधान बनाम आरएसएस-भाजपा के रूप में पेश करते हुए विपक्षी गुट, सुदर्शन रेड्डी के तेलुगु होने और अन्य राजनीतिक कारणों का हवाला देकर टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस और जनसेना के सांसदों पर निशाना साध रहा है। उसकी निगाहें क्रॉस वोटिंग पर भी टिकी हुई हैं।

इंडिया ब्लॉक में कौन-कौन से प्रमुख दल?

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPIM)
  • तृणमूल कांग्रेस (TMC)
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI)
  • द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK)
  • जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC)
  • झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)
  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) (NCP SP)
  • राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
  • समाजवादी पार्टी (SP)
  • शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (SHS UBT)
  • अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB)
  • इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML)
  • विकासशील इंसान पार्टी (VIP)

2022 में जगदीप धनखड़ को मिले थे 528 वोट

अगर विपक्ष के सभी 324 वोट पड़ जाते हैं और वे हार भी जाते हैं, तो यह किसी भी हारने वाले उम्मीदवार के लिए सबसे ज़्यादा वोट होंगे। इससे पहले 2002 में सुशील कुमार शिंदे के नाम यह रिकॉर्ड था, जब उन्हें 305 वोट मिले थे। तब विजेता भैरों सिंह शेखावत को 454 वोट मिले थे। यह अब तक का सबसे कड़ा उपराष्ट्रपति चुनाव था। 2022 के चुनावों में जब तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने वोट नहीं डाला था, तब जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे, जबकि इससे पहले एम वेंकैया नायडू को 516 वोट मिले थे। क्या इस बार आंकड़ा 500 के पार जाएगा, उसकी उम्मीद कम ही दिख रही है।

बीजेपी-कांग्रेस को अवैध वोटों की चिंता

पिछले दिनों कांग्रेस ने लगातार दो बैठकें आयोजित करते हुए पार्टी के हर 15 सांसदों के लिए समन्वयक नियुक्त किया है ताकि सांसदों को मॉक पोल में शामिल होने और असल मतदान के लिए ट्रेनिंग दी जा सके। बीजेपी ने भी अपने सांसदों के लिए इसी तरह की व्यवस्था की है। दोनों पक्षों के चुनाव प्रबंधकों की बड़ी चिंता है कि कहीं सांसदों का वोट अवैध न हो जाए। 2022 में 15 वोट अवैध थे, जबकि 2017 में यह संख्या 11 थी। सबसे ज्यादा अवैध वोट 1997 में थे, जब 46 सांसदों के वोट अवैध पाए गए थे।

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अमित कुमार मंडल author

पत्रकारिता के सफर की शुरुआत 2005 में नोएडा स्थित अमर उजाला अखबार से हुई जहां मैं खबरों की दुनिया से रूबरू हुआ। यहां मिले अनुभव और जानकारियों ने खबरों ...और देखें

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