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क्या है अब्राहम समझौता? इसमें शामिल होने वाला 5वां देश बनेगा ये राष्ट्र, जानें इजरायल और अमेरिका की क्या है भूमिका

ग्लोबल न्यूज प्लेटफॉर्म सेमाफॉर के मुताबिक मॉरिटानिया के राष्ट्रपति मोहम्मद ओल्द गजवानी अमेरिका में हो रहे यूएस-अफ्रीका समिट के दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात कर सकते हैं। मॉरिटानिया के अलावा पश्चिमी अफ्रीका के चार अन्य देश—गैबोन, गिनी-बिसाउ, लाइबेरिया और सेनेगल भी इस सम्मेलन में शामिल हुए।

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What is Abraham Accords? मध्य पूर्व नें शांति कायम करने की दिशा में व्हाइट हाउस की तरफ से एक बार फिर बड़ी कोशिश की जा रही है। इजरायल के साथ मुस्लिम देशों के रिश्ते सामान्य करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में इस समझौते की पहल की थी, अब इसमें एक बार फिर नए सिरे से जान फूंकी और अन्य देशों को इससे जोड़ने की कोशिश की जा रही है। रिपोर्टों की मानें ते अब्राहम अकॉर्ड से एक और इस्लामिक देश मॉरिटानिया जुड़ सकता है। अगर ऐसा होता है तो अब्राहम अकॉर्ड से जुड़ने वाले देशों की संख्या बढ़कर पांच हो जाएगी। अब तक इस अकॉर्ड को यूएई, मोरक्को, बहरीन और सूडान मान्यता दे चुके हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि बीते बुधवार को व्हाइट हाउस में मॉरिटानिया के प्रतिनिधियों की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से हुई। हालांकि, इस बैठक के बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

अब्राहम अकॉर्ड में शामिल हो सकता है अफ्रीकी देश मॉरिटानिया।

मॉरिटानिया के राष्ट्रपति से नेतन्याहू की हो सकता है मुलाकात

ग्लोबल न्यूज प्लेटफॉर्म सेमाफॉर के मुताबिक मॉरिटानिया के राष्ट्रपति मोहम्मद ओल्द गजवानी अमेरिका में हो रहे यूएस-अफ्रीका समिट के दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात कर सकते हैं। मॉरिटानिया के अलावा पश्चिमी अफ्रीका के चार अन्य देश—गैबोन, गिनी-बिसाउ, लाइबेरिया और सेनेगल भी इस सम्मेलन में शामिल हुए। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान ऐसी रिपोर्टें आई थीं कि मॉरिटानिया और इजरायल के बीच अमेरिका समझौता कराने के करीब था लेकिन लेकिन ट्रंप के कार्यकाल के खत्म होने से पहले यह संभव नहीं हो सका।

अब्राहम अकॉर्ड क्या है?

डोनाल्ड ट्रंप 2017 में जब पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने इजरायल के साथ अरब देशों के रिश्ते सामान्य बनाने की दिशा में एक ठोस पहल की। उन्होंने अब्राहम अकॉर्ड के जरिए इजरायल और अरब देशों को एक साथ लाने की कोशिश की। ट्रंप की कोशिश इजरायल और अरब (विशेषकर सुन्नी मुस्लिम) देशों के बीच राजनयिक एवं कूटनीतिक संबंधों को सामान्य बनाना था। अमेरिकी मध्यस्थता में 2020 में इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), मोरक्को, सूडान और बहरीन के बीच अब्राहम समझौता हुआ। हालांकि, अब तक केवल UAE और बहरीन ने इजरायल के साथ संबंधों को व्यवहारिक रूप में बेहतर किया है। इस समझौते के जरिए दशकों से चले आ रहे इजरायल का खाड़ी देशों पर प्रतिबंध समाप्त हुआ। यह पिछले 26 वर्षों में इजरायल और किसी अरब देश के बीच हुआ पहला शांति समझौता था।

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