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GST का अटल बिहारी वाजपेयी से क्या है नाता ? आसान नहीं थी जीएसटी की यह लंबी यात्रा

GST में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गई है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। जीएसटी की यह यात्रा कई पड़ाव पार करके अपने इस रूप में आई है। जानें देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से इसका क्या कनेक्शन है...

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जीएसटी परिषद (GST Council) ने 3 सितंबर को आम सहमति से माल एवं सेवा कर में व्यापक सुधारों को मंजूरी दे दी। जीएसटी (GST) में 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है। मोदी सरकार के इस अहम फैसले से आम जनता को बड़ी राहत मिलने जा रही है। गुटखा, तंबाकू और तंबाकू उत्पादों तथा सिगरेट को छोड़कर सभी उत्पादों पर नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी। इसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। पर क्या आपको पता है कि जो जीएसटी का जो रूप अभी आपको दिख रहा है उसके पीछे उसकी काफी लंबी यात्रा है। इसका पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) से भी गहरा संबध, जानें इससे जुड़ी रोचक जानकारियां...

GST का अटल बिहारी वाजपेयी से क्या था नाता (फोटो: टाइम्स नाउ नवभारत)

परिषद ने जीएसटी को मौजूदा चार स्लैब 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की जगह सिर्फ दो दरें 5 और 18 प्रतिशत रखने को मंजूरी दे दी। GST में सुधारों के तहत साबुन, साइकिल, टीवी और व्यक्तिगत स्वास्थ्य तथा जीवन बीमा पॉलिसी जैसे आम उपयोग के उत्पादों पर जीएसटी की दरें कम की गयी हैं।

आम इस्तेमाल की चीजें होंगी सस्ती

जीएसटी परिषद का फैसला लागू होने के बाद रोटी, पराठा से लेकर हेयर ऑयल, आइसक्रीम और टीवी तक आम इस्तेमाल की चीजें सस्ती होंगी। वहीं निजी स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर से पूरी तरह से राहत मिलेगी। निजी इस्तेमाल की लगभग सभी चीजों पर दरों में कटौती की गई है। दरअसल, सरकार घरेलू खर्च को बढ़ावा देने और अमेरिकी शुल्क के आर्थिक प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है। यह उसी दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।

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