कम उम्र में भी बढ़ रहा है बीमारियों का खतरा, हर भारतीय को कराने चाहिए ये 3 जरूरी टेस्ट, लंबे जीवन कै है सीक्रेट

Essential Health Tests Every Indian Should Consider
Essential Health Tests Every Indian Should Consider In Hindi: आजकल के तेजी से बदलते जीवन में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं कम उम्र में ही सामने आने लगी हैं। हर दिन की भागदौड़ और अनियमित जीवनशैली के कारण कई लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और समय-समय पर कुछ जरूरी हेल्थ टेस्ट कराते रहें। हाल ही में, ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनन वोरा ने सोशल मीडिया पर पर तीन ऐसे जरूरू टेस्ट का जिक्र किया है, जिन्हें हर भारतीय को कराना चाहिए। ये टेस्ट न सिर्फ बीमारियों की पहचान में मदद करते हैं, बल्कि समय पर उपचार भी सुनिश्चित करते हैं। आइए, जानते हैं इन तीन आवश्यक परीक्षणों के बारे में विस्तार से।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid Profile Test)
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट सबसे पहला और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण है। यह परीक्षण आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को मापता है, जिसमें LDL (बुरा कोलेस्ट्रॉल), HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल), और ट्राइग्लिसराइड्स शामिल होते हैं। भारत में दिल के दौरे के प्रमुख कारणों में से एक हाई कोलेस्ट्रॉल है, जो अक्सर बिना किसी लक्षण के रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है। इस परीक्षण के माध्यम से आप अपने कोलेस्ट्रॉल स्तर को जान सकते हैं और आवश्यक कदम उठा सकते हैं।
ब्लड शुगर टेस्ट (Blood Sugar Test)
दूसरा महत्वपूर्ण टेस्ट ब्लड शुगर का है। भारत में मधुमेह के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, और यह परीक्षण आपके शरीर में ग्लूकोज के स्तर को मापता है। उच्च रक्त शर्करा का स्तर आपके दिल, किडनी और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है। समय पर इस परीक्षण से आप मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं और जीवनशैली में सुधार कर सकते हैं।
बोन डेंसिटी टेस्ट (Bone Density Test)
तीसरा टेस्ट हड्डी घनत्व का है। उम्र के साथ, हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, और 40 के बाद यह प्रक्रिया तेज हो जाती है। यह परीक्षण आपकी हड्डियों में कैल्शियम और मिनरल्स की मात्रा को मापता है। कम हड्डी घनत्व का मतलब है कि एक छोटी सी गिरावट भी गंभीर फ्रैक्चर का कारण बन सकती है। विशेष रूप से महिलाओं में, मेनोपॉज के बाद हड्डियों की ताकत कम हो जाती है, इसलिए यह परीक्षण महत्वपूर्ण है।
कब कराना चाहिए परीक्षण?
हेल्थ एक्सपर्ट सुझाव देते हैं कि लिपिड प्रोफाइल टेस्ट 18 साल की उम्र से कराना चाहिए। अगर रिजल्ट सामान्य हैं, तो हर 4-6 साल में इसे दोहराना चाहिए। वहीं, ब्लड शुगर की जांच की शुरुआत 30 से 45 वर्ष की उम्र के बीच होनी चाहिए, और सामान्य परिणाम होने पर हर 3 साल में इसे दोहराना चाहिए। बोन डेंसिटी टेस्ट आमतौर पर 65 वर्ष की उम्र में शुरू होता है, लेकिन यदि कोई विशेष जोखिम कारक हो, तो इसे पहले भी कराना चाहिए।
निष्कर्ष
स्वास्थ्य की देखभाल में प्रिवेंटिव स्क्रीनिंग का महत्व अत्यधिक है। इन तीन महत्वपूर्ण परीक्षणों को नियमित रूप से कराकर, आप न केवल अपनी बीमारियों का समय पर पता लगा सकते हैं, बल्कि एक लंबा और स्वस्थ जीवन भी जी सकते हैं। इसलिए, आज ही अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना शुरू करें और इन परीक्षणों को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करें। याद रखें, स्वस्थ जीवनशैली और समय पर परीक्षण ही आपकी सेहत का राज हैं।
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