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प्रोटीन की कमी झेल रहे 73% भारतीय, B-12 की कमी से आधा देश परेशान, NFHS रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

Malnutrition In India: हाल ही में एनएफएचएस NFHS की रिपोर्ट ने भारतीयों में पोषण की कमी को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट की मानें तो 73% भारतीय प्रोटीन की कमी से जूझ रहे हैं और आधा देश B-12 की कमी का शिकार है। जानिए इसके कारण, स्वास्थ्य पर असर और समाधान।
Malnutrition In India

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तस्वीर साभार : iStock

Malnutrition In India: क्या आप जानते हैं कि हर 10 में से 7 भारतीय प्रोटीन की कमी से जूझ रहे हैं? नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) की ताजा रिपोर्ट ने हैरान करने वाले आंकड़े सामने रखे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की 73% आबादी प्रोटीन डिफिशियेंसी की शिकार है, वहीं करीब आधी जनसंख्या विटामिन B-12 की कमी झेल रही है। इसका सीधा असर लोगों की सेहत, इम्यूनिटी और जीवनशैली पर पड़ रहा है। यह स्थिति न सिर्फ बच्चों और महिलाओं के लिए चिंताजनक है बल्कि देश की कामकाजी आबादी पर भी भारी असर डाल रही है। आइए जानते हैं आखिर क्यों बढ़ रही है यह समस्या और इससे बचने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं।

भारत में प्रोटीन डिफिशियेंसी का बढ़ता संकट

NFHS रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 73% लोग अपनी रोज़ाना डाइट में पर्याप्त प्रोटीन नहीं ले पा रहे हैं। प्रोटीन शरीर के विकास, मसल्स की मजबूती और इम्यूनिटी के लिए जरूरी है, लेकिन भारतीय डाइट में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा और प्रोटीन कम पाया जाता है। यही कारण है कि यह कमी हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है।

विटामिन B-12 की कमी से आधा देश परेशान

रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब आधी भारतीय आबादी विटामिन B-12 डिफिशियेंसी से जूझ रही है। यह कमी थकान, कमजोरी, डिप्रेशन और याददाश्त पर असर डालती है। खासतौर पर वेजिटेरियन डाइट लेने वालों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है क्योंकि B-12 के स्रोत ज्यादातर नॉनवेज और डेयरी प्रोडक्ट्स होते हैं।

बच्चों और महिलाओं पर सबसे ज्यादा असर

प्रोटीन और B-12 की कमी का सबसे बुरा असर बच्चों और महिलाओं पर पड़ता है। बच्चों में यह कमी ग्रोथ, ब्रेन डेवलपमेंट और इम्यूनिटी को प्रभावित करती है। वहीं महिलाओं में एनीमिया, थकान और प्रेग्नेंसी से जुड़ी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।

गलत डाइट पैटर्न है बड़ी वजह

भारतीय डाइट में दाल, अंडा, दूध, पनीर और दही जैसे प्रोटीन स्रोत पर्याप्त मात्रा में शामिल नहीं होते। फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और कार्बोहाइड्रेट ज्यादा लेने की आदत से यह समस्या और गहरी हो गई है। लोगों के खाने में बैलेंस की कमी के चलते न्यूट्रिशनल गैप बढ़ रहा है।

सेहत पर खतरनाक असर

प्रोटीन और B-12 की कमी से शरीर कमजोर होता है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे इम्यूनिटी गिर जाती है, थकान बनी रहती है और लंबे समय में यह हार्ट, लिवर और किडनी हेल्थ पर भी असर डाल सकती है।

इस तरह पूरी की जा सकती है कमी

विशेषज्ञों के मुताबिक, डाइट में दालें, अंकुरित अनाज, दूध, दही, पनीर, अंडा, मछली और चिकन जैसी चीजें शामिल करनी चाहिए। शाकाहारी लोग दूध और दही के साथ-साथ सोया, पनीर और मूंगफली को डाइट में जोड़कर प्रोटीन की कमी पूरी कर सकते हैं। वहीं डॉक्टर की सलाह से B-12 सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है।

NFHS की रिपोर्ट से साफ है कि भारत में प्रोटीन और विटामिन B-12 की कमी एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन चुकी है। अगर समय रहते खानपान पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले सालों में यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। ज़रूरी है कि लोग बैलेंस्ड डाइट लें, पोषण से भरपूर भोजन करें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लें। तभी देश इस पोषण संकट से बाहर निकल पाएगा।

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Vineet author

विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्हें हेल्थ, फिटनेस और न्य...और देखें

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