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अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद मत्स्यासन, बेली फैट घटाने में भी साबित होगा मददगार

Benefits Of Matsyasana In Hindi : अस्थमा और मोटापा दोनों अलग-अलग समस्याएं हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों समस्याओं से निजात पाने के लिए केवल योगासन कारगर है। जी हां आज हम आपको मत्स्यासन करने के फायदे बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
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Benefits Of Matsyasana In Hindi : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बैली फैट आम समस्या बन गई है। घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करना, असमय खानपान और तनाव का असर सबसे पहले पेट पर ही दिखता है। कई बार लोग घंटों जिम में पसीना बहाते हैं, लेकिन इसका बैली फैट पर कोई असर नहीं पड़ता। योग इससे निपटने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। इसके साथ ही योग से आप अस्थमा से भी काफी हद तक निजात पा सकते हैं। जी हां ये दोनों काम केवल एक योगासन की मदद से किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं इस योगासन के बारे में...

क्या है मत्स्यासन?

योग में यूं तो बैली फैट कम करने के कई आसन हैं, लेकिन 'मत्स्यासन' इस पर तेजी से काम करता है। मत्स्यासन का नाम दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है, 'मत्स्य' यानी मछली और 'आसन' यानी बैठने की मुद्रा। इस आसन में शरीर की स्थिति कुछ हद तक मछली जैसी हो जाती है, जिसमें छाती को ऊपर की ओर उठाया जाता है और सिर को पीछे की तरफ झुकाया जाता है।

बैली फैट कम करने में कारगर

आयुष मंत्रालय के मुताबिक, मत्स्यासन पेट की मांसपेशियों पर सीधा प्रभाव डालता है, जिससे वहां जमा फैट पर असर पड़ता है। जब आप इस आसन को सही तरीके से करते हैं, तो पेट की नसों और मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और फैट धीरे-धीरे कम होने लगती है।

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शरीर बनेगा फ्लैक्सिबल

बेली फैट घटाने के अलावा मत्स्यासन शरीर की कई और समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। सबसे पहले यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, जिससे पीठ दर्द और शरीर में अकड़न जैसी दिक्कतें कम होती हैं, जो लोग लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करते हैं, उनके लिए यह आसन एक राहत देने वाला अभ्यास है।

अस्थमा में लाभ

मत्स्यासन से सीने को मजबूती मिलती है और सांस लेने की क्षमता बेहतर होती है, जिससे फेफड़ों को ताकत मिलती है। यह उन लोगों के लिए भी उपयोगी है, जो अस्थमा या सांस की तकलीफ से जूझ रहे हैं।

मासिक धर्म में राहत

महिलाओं के लिए भी यह आसन बेहद फायदेमंद माना जाता है। खासकर जो महिलाएं मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द, ऐंठन या बेचैनी महसूस करती हैं, उनके लिए यह आसन काफी राहतकारी हो सकता है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों पर सकारात्मक असर डालता है और हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

इनपुट - आईएएनएस

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गुलशन कुमार author

गुलशन कुमार टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़े हैं। गुलशन कुमार उत्तर प्रदेश के खुर्जा शहर से ताल्लुक रखते हैं। इन्हें हेल्थ, लाइफस्टाइल ...और देखें

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