बरसात में हड्डियां हो सकती हैं कमजोर, ऑस्टियोपोरोसिस से बचना है अपनाएं ये जरूरी सावधानी, कम होगा फ्रैक्चर का रिस्क

Safety Tips For Osteoporosis Patient In Monsoon
Safety Tips For Osteoporosis Patient In Monsoon: बरसात का मौसम जहां ताज़गी और राहत लेकर आता है, वहीं हड्डियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण भी बन सकता है। खासकर ऑस्टियोपोरोसिस से जूझ रहे लोगों को इस दौरान ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। बारिश के मौसम में धूप कम मिलती है, जिससे विटामिन-डी की कमी हो जाती है। यही कारण है कि हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं और गिरने या हल्की चोट से भी फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में कुछ जरूरी सावधानियां और लाइफस्टाइल टिप्स अपनाकर आप इस जोखिम को कम कर सकते हैं और हड्डियों को मजबूत बनाए रख सकते हैं।
विटामिन-डी और कैल्शियम लें भरपूर
बरसात के मौसम में धूप कम निकलती है, जिससे विटामिन-डी की कमी हो जाती है। इस कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेना फायदेमंद रहता है। इसके साथ ही आहार में दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स शामिल करें, ताकि कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति हो सके।
व्यायाम से रखें शरीर सक्रिय
बारिश के मौसम में लोग अक्सर व्यायाम से दूरी बना लेते हैं, लेकिन यह गलती हड्डियों को और कमजोर कर सकती है। हल्के-फुल्के वॉक, स्ट्रेचिंग और योगासन नियमित रूप से करना जरूरी है। ये गतिविधियां हड्डियों की मजबूती के साथ-साथ बैलेंस बनाए रखने में भी मदद करती हैं।
गिरने से बचाव पर रखें खास ध्यान
बरसात में फिसलन भरी जमीन और गीले फर्श के कारण गिरने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में घर में एंटी-स्किड मैट का इस्तेमाल करें और सीढ़ियों या बाथरूम में सहारा देने वाले हैंडल लगवाएं। रोशनी पर्याप्त रखें ताकि चलते समय किसी तरह की दिक्कत न हो।
जीवनशैली में करें सकारात्मक बदलाव
धूम्रपान और शराब जैसी आदतें हड्डियों को और कमजोर करती हैं। इनसे दूरी बनाना जरूरी है। साथ ही नींद पूरी लें, तनाव से बचें और पौष्टिक भोजन करें। इससे न सिर्फ हड्डियां बल्कि पूरा शरीर स्वस्थ बना रहेगा।
समय-समय पर कराएं हेल्थ चेक-अप
बोन डेंसिटी टेस्ट और नियमित चेक-अप करवाना बेहद जरूरी है। इससे हड्डियों की मजबूती का अंदाजा लगाया जा सकता है और सही समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह से दवाइयों और सप्लीमेंट्स का सही इस्तेमाल करना भी हड्डियों को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्हें हेल्थ, फिटनेस और न्य...और देखें

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