हेल्थ

सड़क किनारे बिकने वाले मोमोज़ बच्चों के लिए जहर, पेरेंट्स को क्यों नहीं देने चाहिए ये फास्टफूड, बता रहें हैं डॉक्टर

Why Momos Are Bad For Children: क्या आप जानते हैं बच्चों के फेवरेट तीखे-चटपटे मोमोज़ उनकी सेहत के लिए जहर साबित हो सकते हैं? हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सड़क किनारे बिकने वाले मोमोज़ में गंदगी, मिलावट और बैक्टीरिया भरे होते हैं, जो बच्चों में उल्टी-दस्त, फूड प्वॉइजनिंग और जानलेवा संक्रमण तक का कारण बन सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, यह कुछ मामलों में जानलेवा भी हो सकते हैं। हाल ही में मोमोज़ खाने की वजह से यूपी में कई मासूमों ने अपनी जान गवा दी। चलिए जानते हैं डॉक्टरों की राय में ये क्यों हैं खतरे की असली वजह और पेरेंट्स को क्या जरूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
मोमोज़ क्यों हैं खतरनाक

मोमोज़ क्यों हैं खतरनाक

Why Momos Are Bad For Kids Children: आजकल के बच्चों को अगर कोई स्ट्रीट फूड सबसे ज्यादा भाता है तो वो है मोमोज़। छोटे-छोटे गर्मागर्म मोमोज़ और साथ में लाल-तीखी चटनी का मजेदार कॉम्बो उन्हें खूब पसंद आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वादिष्ट दिखने वाला फास्टफूड बच्चों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन चुका है? डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट बार-बार अलर्ट कर रहे हैं कि सड़क किनारे बिकने वाले मोमोज़ अस्वच्छ और खतरनाक होते हैं। लेकिन फिर भी इसे नजरअंदाज किया जाता है। हाल ही में यूपी में कई मासूम बच्चों ने मोमोज़ खाने की वजह से अपनी जान भी गंवाई है, जो इसके खतरनाक दुष्प्रभावों दर्शाता है।

कई बार पेरेंट्स बच्चों की जिद के आगे हारकर बाहर के मोमोज़ खिलाने लगते हैं, लेकिन यही आदत बच्चों को अस्पताल तक पहुंचा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट बताती है कि हर साल दुनियाभर में लाखों बच्चे गंदे खाने की वजह से बीमार पड़ते हैं और भारत इसका बड़ा हिस्सा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि मोमोज़ में छुपा खतरा क्या है और पेरेंट्स को क्यों सावधान रहना चाहिए? आइए एक्सपर्ट्स की विशेष सलाह के माध्यम से समझते हैं...

सड़क किनारे बिकने वाले मोमोज़ क्यों खतरनाक?

बच्चों की हेल्थ एक्सपर्ट बालरोग विशेषज्ञ डॉ. पूनम खन्ना (सीनियर कंसल्टेंट, जनरल पीडियाट्रिक्स, अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद) बताती हैं कि 'करीब 70% रोडसाइड फूड सैंपल बेसिक हाइजीन टेस्ट में फेल हो जाते हैं।' सड़क किनारे मिलने वाले मोमोज़ अक्सर गंदे पानी से बनाए जाते हैं। इनमें इस्तेमाल होने वाली सब्जियां और मांस कई बार बासी होते हैं और इन्हें खुले वातावरण में बिना किसी ढकाव के बेचा जाता है। ऐसे माहौल में हानिकारक बैक्टीरिया जैसे ई.कोली (E.coli) और साल्मोनेला (Salmonella) तेजी से पनपते हैं।

बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) अभी पूरी तरह विकसित नहीं होती, इसलिए ऐसे खाने का असर उनके शरीर पर तुरंत पड़ता है। यही वजह है कि मोमोज़ खाने के कुछ घंटों के भीतर बच्चों को उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार की शिकायत हो जाती है।

लाल चटपटी चटनी है सबसे बड़ा खतरा

मोमोज़ की प्लेट चटनी के बिना अधूरी मानी जाती है। लेकिन यही चटनी बच्चों की सेहत पर सबसे भारी पड़ती है। डॉ. पूनम खन्ना के मुताबिक, यह लाल तीखी चटनी अक्सर घंटों तक बिना फ्रिज में रखे खुले में पड़ी रहती है। इस दौरान इसमें बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं और यह बच्चों के पेट में इंफेक्शन पैदा करते हैं।

क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट प्रियंका अग्रवाल (मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली) कहती हैं, 'बाजार की चटनियों में अक्सर नकली रंग, सस्ता तेल और खराब मिर्च मिलाई जाती है। यह बच्चों के लिए पेट में जलन, अल्सर और फूड प्वॉइजनिंग तक का कारण बन सकती है।' चटनी का असर बच्चों पर और ज्यादा खतरनाक इसलिए होता है क्योंकि उनका पाचन तंत्र कमजोर होता है।

बच्चों के लिए खतरा और भी ज्यादा क्यों?

बच्चों के शरीर का पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम वयस्कों की तुलना में कहीं ज्यादा संवेदनशील होता है। यही वजह है कि गंदे या संक्रमित खाने का सीधा असर उनकी हेल्थ पर पड़ता है। बाहर के मोमोज़ खाने से बच्चों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे,

  • उल्टी और दस्त
  • पेट में तेज दर्द
  • एलर्जी और रैशेज
  • बुखार और डिहाइड्रेशन
  • सांस लेने में दिक्कत।

इस तरह की समस्याएं तुरंत हो सकती हैं। वहीं, छोटे बच्चे तो मोमोज़ निगलते समय दम घुटने (choking) का भी शिकार हो सकते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित होता है।

डॉक्टरों का अलर्ट और रिसर्च रिपोर्ट्स

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल दुनियाभर में हर 10 में से 1 व्यक्ति असुरक्षित खाने की वजह से बीमार पड़ता है। भारत में यह समस्या और भी गंभीर है क्योंकि यहां सड़क किनारे बिकने वाले फास्टफूड की क्वालिटी और हाइजीन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता।

डॉ. पूनम खन्ना बताती हैं, 'हमारे अस्पतालों में अक्सर बच्चे मोमोज़ खाने के तुरंत बाद तेज बुखार, उल्टी और डायरिया की शिकायत लेकर आते हैं। कई मामलों में उन्हें इमरजेंसी वार्ड तक भर्ती करना पड़ता है।'

इसी तरह प्रियंका अग्रवाल कहती हैं, 'सड़क किनारे बिकने वाले मोमोज़ बच्चों की सेहत के लिए सबसे बड़े दुश्मन हैं। इनमें मिलावट और गंदगी इतनी होती है कि छोटे बच्चों में यह फूड प्वॉइजनिंग और इंफेक्शन का कारण बन जाते हैं।'

मोमोज़ खाने से बच्चों की मौत के पीछे छुपा सच

कई बार मोमोज़ खाने के बाद बच्चों की मौत की खबरें भी सामने आती हैं। इसका कारण सिर्फ फूड प्वॉइजनिंग ही नहीं, बल्कि दम घुटना और एलर्जी भी हो सकता है। छोटे बच्चों का गला छोटा होता है और अगर मोमोज़ सही से चबाए बिना निगल लिए जाएं तो दम घुटने का खतरा रहता है। वहीं नकली मसालों और गंदी चटनी से एलर्जिक रिएक्शन भी गंभीर हालात पैदा कर सकता है।

घर पर बनाएं हेल्दी और सुरक्षित मोमोज़

अगर आपके बच्चे मोमोज़ बहुत पसंद करते हैं, तो सबसे अच्छा विकल्प है उन्हें घर पर बनाना। घर के बने मोमोज़ न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि सुरक्षित भी। इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए,

  • गेहूं के आटे से मोमोज़ बनाएं और मैदा के प्रयोग से बचें।
  • मोमोज़ की फिलिंग के लिए ताजी और उबली हुई सब्जियों का इस्तेमाल करें।
  • अगर नॉनवेज इस्तेमाल कर रहे हैं तो साफ और फ्रेश मांस ही लें।
  • मोमोज़ को स्टीम करके पकाएं और फ्राई करने से बचें।
  • चटनी बनाने के लिए ताजे टमाटर, अदरक-लहसुन और हल्की मिर्च का प्रयोग करें।
इस तरह आप बच्चों की पसंद भी पूरी करे पाएंगे और इससे उनके स्वास्थ्य को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।

माता-पिता को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

बच्चों की सेहत पेरेंट्स की जिम्मेदारी है। इसलिए उन्हें मोमोज़ और अन्य जंक या स्ट्रीड फूड देते समय कुछ बातों जरूर ध्यान रखना चाहिए,

  • बच्चों को बाहर का जंक फूड जितना हो सके, कम से कम खिलाएं।
  • बच्चों को स्कूल भेजते समय टिफिन में हमेशा हेल्दी और घर का बना खाना दें।
  • बच्चे अगर मोमोज़ की जिद करें तो उन्हें मान करने के बजाए घर पर ही हेल्दी मोमोज़ बनाकर दें।
  • खाने के बाद बच्चों में उल्टी, एलर्जी या पेट दर्द दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
  • इसके अलावा, बच्चों के लिए जब भोजन की बात हो तो हमेशा साफ-सुथरा और सुरक्षित खाना ही चुनें।

निष्कर्ष

इसमें कोई संदेह नहीं है कि मोमोज़ खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं और बच्चों को खूब पसंद आते हैं। लेकिन बच्चों के लिए यह सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन साबित हो सकते हैं। सड़क किनारे बिकने वाले मोमोज़ में गंदगी, मिलावट और खतरनाक बैक्टीरिया भरे होते हैं। एक्सपर्ट्स और डॉक्टर साफ चेतावनी दे रहे हैं कि बच्चों को बाहर के मोमोज़ बिल्कुल न खिलाएं। अगर बच्चों को मोमोज़ बहुत पसंद हैं तो उन्हें घर पर हेल्दी और सुरक्षित तरीके से बनाकर दें। पेरेंट्स की छोटी-सी समझदारी और सावधानी बच्चों की बड़ी बीमारी और अस्पताल जाने से बचा सकती है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। हेल्थ (Health News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Vineet author

विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्हें हेल्थ, फिटनेस और न्य...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited