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'या तो शपथपत्र पर हस्ताक्षर कीजिए या माफी मांगिए', वोट चोरी के आरोप पर EC ने राहुल गांधी को दिए 2 विकल्प

EC ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस सांसद या तो महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारियों के शपथपत्र पर हस्ताक्षर करें या अपने 'बेतुके आरोपों' के लिए माफी मांगें। दरअसल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने चुनाव आयोग पर 'वोटों की चोरी' करने का आरोप लगाया है। राहुल का आरोप है कि 2024 लोकसभा चुनाव के समय कर्नाटक के एक विधानसभा में करीब एक लाख वोटरों के नाम फर्जी तरीके से मतदाता सूची में जोड़े गए।

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Rahul Gandhi Vs Election Commission : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोप पर चुनाव आयोग (EC) सख्त हो गया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि EC ने कांग्रेस सांसद से या तो महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारियों के शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने या अपने 'बेतुके आरोपों' के लिए माफी मांगने के लिए कहा है। दरअसल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने चुनाव आयोग पर 'वोटों की चोरी' करने का आरोप लगाया है। राहुल का आरोप है कि 2024 लोकसभा चुनाव के समय कर्नाटक के एक विधानसभा में करीब एक लाख वोटरों के नाम फर्जी तरीके से मतदाता सूची में जोड़े गए।

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगाया है। तस्वीर-PTI

राहुल के आरोपों का EC ने लिया संज्ञान

दरअसल, राहुल गांधी के आरोपों का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है। इस पर चुनाव आयोग ने एक शपथ पत्र भेजा था और कहा था कि इस पर हस्ताक्षर करें कि जो भी वह कह रहे हैं वह सही है। यदि उनके आरोप गलत पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस शपथ पत्र पर कांग्रेस सांसद या पार्टी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। इस बीच, 'वोट अधिकार रैली' में शामिल होने के लिए कांग्रेस सांसद शुक्रवार को कर्नाटक पहुंचे।

कांग्रेस सांसद ने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र का हवाला दिया

कांग्रेस नेता ने गुरुवार को भाजपा पर निर्वाचन आयोग के साथ मिलीभगत कर चुनावों में ‘बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी’करने का आरोप लगाया। उन्होंने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में किए गए विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा कि यह ‘संविधान के खिलाफ एक अपराध’है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने यह भी कहा कि न्यायपालिका को भी इसमें शामिल होने की जरूरत है, क्योंकि ‘जिस लोकतंत्र से हम इतना प्यार करते हैं, वह अब अस्तित्व में नहीं है।’

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