देश

राज्यसभा में आज पेश होगा मणिपुर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने संबंधी संकल्प, लोकसभा में मिल चुकी है मंजूरी

इस पर सदन में हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए राय ने कहा कि आरक्षण से संबंधित उच्च न्यायालय के एक फैसले को लेकर हिंसा फैली और वह हिंसा जातीय थी। उन्होंने कहा, ‘दो धर्मों के बीच कोई संघर्ष नहीं हुआ और न अभी हो रहा है।’मंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद मात्र हिंसा की एक घटना हुई जिसमें एक व्यक्ति की जान गई। पिछले चार महीने में तो एक भी मौत नहीं हुई।

FollowGoogleNewsIcon

Manipur President Rule: मानसून सत्र के 11वें दिन राज्यसभा में कई अहम विधेयक पेश होने वाले हैं। इसमें मणिपुर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने की मांग वाला प्रस्ताव भी शामिल है। इसके अलावा 'कैरेज ऑफ गुड्स बॉय सी बिल 2025' भी पेश किया जाएगा। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करने वाले संकल्प को जारी रखने के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे। बता दें कि लोकसभा ने बुधवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीने और बढ़ाने के प्रावधान वाले सांविधिक संकल्प को मंजूरी दे दी।

राज्यसभा में पेश होंगे कई विधेयक। तस्वीर-PTI

13 अगस्त से छह और महीने के लिए बढ़ाया जाना है

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन से संबंधित सांविधिक संकल्प प्रस्तुत किया जिसके तहत राज्य में 13 फरवरी 2025 को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लागू राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से छह और महीने के लिए बढ़ाया जाना है। संकल्प में कहा गया, ‘यह सभा राष्ट्रपति द्वारा मणिपुर के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 356 के अधीन जारी दिनांक 13 फरवरी, 2025 की उद्घोषणा को दिनांक 13 अगस्त, 2025 से आगे छह माह के लिए जारी रखने का अनुमोदन करती है।’

‘राष्ट्रपति शासन के बाद हिंसा की एक घटना हुई'

इस पर सदन में हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए राय ने कहा कि आरक्षण से संबंधित उच्च न्यायालय के एक फैसले को लेकर हिंसा फैली और वह हिंसा जातीय थी। उन्होंने कहा, ‘दो धर्मों के बीच कोई संघर्ष नहीं हुआ और न अभी हो रहा है।’मंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद मात्र हिंसा की एक घटना हुई जिसमें एक व्यक्ति की जान गई। पिछले चार महीने में तो एक भी मौत नहीं हुई। शांति व्यवस्था का इससे बड़ा प्रमाण नहीं हो सकता।’ राय ने इस बात पर जोर दिया कि शांति-व्यवस्था बहाल करने के लिए राष्ट्रपति शासन जरूरी है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने संकल्प को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

End Of Feed