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केंद्रीय मंत्री अठावले ने छेड़ी तान, प्राइवेट सेक्टर में जाति आधारित कोटा की उठाई मांग, पीएम मोदी की जमकरी की तारीफ

अठावले ने कहा- हालांकि मैं सरकार में हूं, लेकिन मेरी पार्टी की मांग है कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू किया जाए। जाति गणना के फैसले के बारे में पूछे जाने पर अठावले ने कहा कि लंबे कांग्रेस शासन के दौरान इस तरह की कवायद कभी नहीं की गई।

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Union minister Athawale- केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने निजी क्षेत्र में जाति आधारित नौकरी कोटा की वकालत करते हुए कहा कि कई सरकारी उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है। मंगलवार को रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष ने आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की सराहना की और इसे ऐतिहासिक कदम बताया।

रामदास अठावले ने उठाई निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग

निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत

निजी क्षेत्र में वंचित और पिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण के बारे में पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि वह लंबे समय से इस तरह के उपाय की मांग कर रहे हैं। अठावले ने जोर देकर कहा, यह हमारी लंबे समय से मांग रही है। रामविलास पासवान, उदित राज और मैंने निजी क्षेत्र में आरक्षण दिए जाने की मांग की थी। अब सरकारी उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में बाल्को कंपनी का भी निजीकरण किया गया। निजी क्षेत्र में कोई आरक्षण नहीं है। हम अनुसूचित जाति/जनजाति, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को (सरकारी नौकरियों में) आरक्षण दे रहे हैं। हालांकि मैं सरकार में हूं, लेकिन मेरी पार्टी की मांग है कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू किया जाए। जाति गणना के फैसले के बारे में पूछे जाने पर अठावले ने कहा कि लंबे कांग्रेस शासन के दौरान इस तरह की कवायद कभी नहीं की गई।

कहा- जाति जनगणना मोदी जी का ऐतिहासिक फैसला

उन्होंने कहा, जाति जनगणना मोदी जी का ऐतिहासिक फैसला है। कांग्रेस के कार्यकाल में ऐसा नहीं हुआ। मैंने कई बार मांग की थी कि ओबीसी जनगणना की जाए। यह मांग काफी बार उठाई गई है। जब मैं लोकसभा में कांग्रेस के साथ था, तब मैंने मांग की थी कि हर जाति की जनगणना की जाए। इससे आबादी में हर जाति का प्रतिशत जानने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, उनमें से कितने लोग रोजगार करते हैं, कितनों के पास उद्योग हैं, उनके पास कितनी कृषि भूमि है, ये सब बातें जनगणना से पता चलेंगी। जाति जनगणना से सरकार को उन्हें सुविधाएं देने में मदद मिलेगी।

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