क्या ग्रेच्युटी के पैसों पर भी लगता है इनकम टैक्स? जानिए क्या है नियम

​Income Tax on Gratuity : जब कोई कर्मचारी किसी कंपनी या सरकारी विभाग में काम करने के बाद रिटायर होता है या नौकरी छोड़ता है, तो उसे ग्रेच्युटी के रूप में एकमुश्त राशि मिलती है। यह कर्मचारी की सर्विस अवधि और अंतिम वेतन पर निर्भर करती है। क्या ग्रेच्युटी टैक्स-फ्री होती है। आइए सच्चाई जानते हैं।​

ग्रेच्युटी क्या है
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​ग्रेच्युटी क्या है?​

​Income Tax on Gratuity : जब कोई कर्मचारी किसी सरकारी विभाग या प्राइवेट कंपनी में काम करने के बाद रिटायर होता है या नौकरी छोड़ता है, तो उसे "ग्रेच्युटी" के रूप में एकमुश्त राशि दी जाती है। यह राशि उस कर्मचारी के वर्षों की सर्विस और अंतिम वेतन के आधार पर तय होती है। यह एक तरह की सर्विस के लिए दी जाने वाली सम्मान राशि होती है। (तस्वीर-istock)​

क्या ग्रेच्युटी पर टैक्स लगता है
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​क्या ग्रेच्युटी पर टैक्स लगता है?​

हां, ग्रेच्युटी पर टैक्स लग सकता है, लेकिन केवल तब जब यह तय सीमा से अधिक हो। वर्तमान में इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, ₹20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स-फ्री होती है। अगर किसी कर्मचारी को ₹20 लाख से अधिक की ग्रेच्युटी मिलती है, तो अतिरिक्त राशि पर टैक्स देना पड़ता है। (तस्वीर-istock)

ग्रेच्युटी टैक्स को एक उदाहरण से समझें
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​ग्रेच्युटी टैक्स को एक उदाहरण से समझें​

मान लीजिए, रामकिशोर नामक कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ₹30 लाख की ग्रेच्युटी मिली है। टैक्स-फ्री राशि = ₹20 लाख, टैक्स योग्य राशि = ₹30 लाख – ₹20 लाख = ₹10 लाख। इस तरह ₹10 लाख पर टैक्स लगेगा और यह टैक्स दर उनकी कुल सालाना आय के अनुसार तय होगी। (तस्वीर-istock)

कब-कब टैक्स देना होता है
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​कब-कब टैक्स देना होता है?​

सेवा के दौरान मिलने वाली ग्रेच्युटी पूरी तरह टैक्स योग्य होती है। रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली ग्रेच्युटी ₹20 लाख तक टैक्स फ्री है। अगर ग्रेच्युटी की राशि इस सीमा से अधिक है, तो अतिरिक्त राशि पर टैक्स देना होगा। (तस्वीर-istock)

सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों पर नियम
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​सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों पर नियम​

केंद्र/राज्य सरकार के कर्मचारी, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों को पूरा ₹20 लाख तक टैक्स में छूट मिलती है। प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों के लिए भी यही नियम लागू होते हैं, लेकिन यह छूट कुछ शर्तों और अधिसूचनाओं के अधीन हो सकती है। (तस्वीर-istock)

ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है
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​ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है?​

ग्रेच्युटी की गणना इस फॉर्मूले से की जाती है। (अंतिम वेतन × सेवा के वर्ष × 15) ÷ 26 या आधे महीने का वेतन × कार्य के पूरे वर्ष। (तस्वीर-istock)

आईटीआर में ग्रेच्युटी दिखाना क्यों जरूरी है
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​आईटीआर में ग्रेच्युटी दिखाना क्यों जरूरी है?​

ग्रेच्युटी की राशि चाहे टैक्स-फ्री हो या टैक्स योग्य, उसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में सही ढंग से दिखाना जरूरी होता है। इससे टैक्स विभाग को यह जानकारी मिलती है कि आपको कितनी छूट मिली और टैक्स कितना बनता है। (तस्वीर-istock)

गलत जानकारी देने पर क्या हो सकता है
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​गलत जानकारी देने पर क्या हो सकता है?​

अगर आप ITR में ग्रेच्युटी से जुड़ी जानकारी को गलत या अधूरी देते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग आप पर जुर्माना लगा सकता है या नोटिस भेज सकता है। इसलिए टैक्स प्लानिंग करते समय ग्रेच्युटी की सही जानकारी देना बेहद जरूरी है। (तस्वीर-istock)

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