Hand of God: अंतरिक्ष में दिखा 'भगवान का हाथ', ब्रह्मांड के इस रहस्य को जानकर NASA के वैज्ञानिक रह गए हैरान!
Hand of God: ब्रह्मांड में अनंत रहस्य छिपे हैं। चाहे ISRO हो या NASA के वैज्ञानिक, सभी अंतरिक्ष के रहस्यों से पर्दा हटाने में जुटे हैं। हालांकि, कभी-कभी ब्रह्मांड में ऐसी चीजें भी दिखती है, जिसे डिकोड कर पाना वैज्ञानिकों के लिए भी असंभव कार्य लगता है। हाल ही में नासा ने एक ऐसी तस्वीर साक्षा की, जो इनदिनों खूब चर्चा में है। दरअसल, ब्रह्मांड में एक दुर्लभ संरचना की तस्वीर सामने आई है। देखने में यह तस्वीर एक विशाल इंसानी हाथ के बराबर लग रही है, जिसे लोग हैंड ऑफ गॉड (Hand of God) भी बोल रहे हैं। आइए जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने इस तस्वीर को लेकर क्या जानकारी साझा की है।

क्या है तस्वीर की हकीकत?
तस्वीर में देखा जा सकता है कि, बैकग्राउंड में गहरा, काला और चमकीला रंग का अंतरिक्ष दिखाई दे रहा है। NASA द्वार इंस्टाग्राम पर साझा की गई इस तस्वीर को लेकर बताया गया है कि, चमकीले और सुनहरे आकार वाली यह तस्वीर एनर्जी का एक नेबुला है जोकि, तारे के टूटने के बाद बचा रह गया। पल्सर को PSR B1509-58 के नाम से जाना जाता है। यह उसी से फैला पार्टिकल्स या अंश है। (फोटो सोर्स: NASA)

पृथ्वी से करीब 17 हजार वर्ष दूर है यह आकृति
NASA के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस हाथ जैसी दिखने वाली यह आकृति 12 मील चौड़ी और काफी ताकतवर है। यह एक सेकेंड में 7 बार घूमती है। इसका चुंबकीय क्षेत्र भी धरती से 15 ट्रिलियन गुना ज्यादा है। यह पृथ्वी से करीब 17 हजार वर्ष दूर है। (फोटो सोर्स: NASA)

क्यों मिला हैंड ऑफ गॉड का नाम?
सवाल ये है कि लोग इसे हैंड ऑफ गॉड क्यों कह रहे हैं? दरअसल, नेबुला ऑफ एनर्जी की इस फोटो में पंजे से लेकर ऊंगलियों की संरचना ऊभरी हुई दिख रही है। इसलिए लोग इसे ‘भगवान का हाथ’ कह रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इस आकृति के बारे में आगे बताया कि सेंटर में मौजूद पल्सर का नाम B1509-58 है। पल्सर की तेज रफ्तार और ताकतवर चुंबकीय ताकत की वजह से निकलने वाले कण हवा में इकट्ठा हो गए हैं, जिसकी वजह से यह आकृति किसी इंसान का हाथ जैसी दिख रही है। (फोटो सोर्स: NASA)

समझ लें चार रंगों का रहस्य
शुरुआती स्टडी में यह तस्वीर काफी धुंधली थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया टेलीस्कोप की मदद से रेडियो तरंगे और नासा के चंद्र X-ray ऑब्जर्वेटरी एक्सरे किरणें लेकर इन्हें मर्ज किया गया। मर्ज करने के बाद साफ तस्वीर दुनिया के सामने आई। इस तस्वीर में मुख्य तौर पर चार रंग दिख रही है। लाल, नीला, नारंगी और पीला। वैज्ञानिकों ने बताया कि रेडियो तरंगों की पहचान लाल रंग से हुई है। वहीं,एक्सरे वाली किरणें नीले, नारंगी और पीले रंग की है।(फोटो सोर्स: NASA)

समय के साथ धुंधली हो रही यह तस्वीर
पिछले 15 साल से इसे तस्वीर पर स्टडी चल रही थी। वैज्ञानिक भी लगातार नेबुला ऑफ एनर्जी की तस्वीरें शेयर करते रहे हैं। पिछली कुछ तस्वीरों को देखने से पता चलता है कि, नेबुला के बादलों का घनत्व लगातार कम होता जा रहा है, जिसकी वजह से तस्वीर धुंधली होती जा रही है। (फोटो सोर्स: NASA)

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