22 करोड़ KM दूर NASA के Perseverance रोवर ने किया ऐसा कमाल; दुनियाभर में हो रही वाहवाही

NASA Perseverance Rover Record: धरती से 22 करोड़ किलोमीटर दूर मौजूद मंगल ग्रह से जुड़े कई रहस्यों से एक के बाद एक पर्दा उठाने का श्रेय अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के पर्सिवियरेंस रोवर को जाता है और हाल ही में पर्सिवियरेंस रोवर ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है कि दुनियाभर में उसकी वाहवाही हो रही है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि मंगल ग्रह पर नासा का महज एक ही रोवर मौजूद है, वहां पर Curiosity और Opportunity जैसे रोवर भी चौंकाने वाली तस्वीरों को कैप्चर कर रहे हैं, लेकिन उनकी रफ्तार पर्सिवियरेंस रोवर की तुलना में काफी कम है तो चलिए विस्तार से पर्सिवियरेंस रोवर की नई उपलब्धि के बारे में जानते हैं।

पर्सिवियरेंस रोवर ने रचा इतिहास
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Image Credit : NASA/NASAPersevere

पर्सिवियरेंस रोवर ने रचा इतिहास

नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर सबसे लंबी एकल यात्रा कर इतिहास रचा है। रोवर ने चट्टानों से भरी सतह पर 411 मीटर से ज्यादा की दूरी तय की। (फोटो साभार: NASA/NASAPersevere)

मंगल पर दौड़ रहा रोवर
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मंगल पर दौड़ रहा रोवर

नासा के क्यूरियोसिटी (Curiosity) और ऑपर्चुनिटी (Opportunity) जैसे अन्य रोवर भी रेड प्लैनेट में रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन इन तमाम रोवरों की तुलना में पर्सिवियरेंस की रफ्तार ज्यादा रही है। (फोटो साभार: NASA/NASAPersevere)

रेड प्लैनेट में क्या कर रहा रोवर
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रेड प्लैनेट में क्या कर रहा रोवर

मंगल ग्रह से जुड़ी आए दिन जो तस्वीरें नासा जारी करता है उन्हें इन्हीं रोवरों की मदद से कैप्चर किया जाता है और फिर वैज्ञानिक उनका विश्लेषण करते हैं। (फोटो साभार: NASA/NASAPersevere)

पर्सिवियरेंस रोवर कब हुआ था लॉन्च
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पर्सिवियरेंस रोवर कब हुआ था लॉन्च

नासा के पर्सिवियरेंस रोवर की 18 फरवरी, 2021 को मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर में लैंडिंग हुई थी। इसका मकसद मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के संकेतों की खोज, मिट्टी और चट्टानों के नमूने एकत्र करने और भविष्य के मिशनों के लिए डेटा एकत्रित करना है। (फोटो साभार: NASA/NASAPersevere)

एक और रिकॉर्ड है नाम
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एक और रिकॉर्ड है नाम

पर्सिवियरेंस रोवर के नाम बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के 700 मीटर की ऑटोनॉमस ड्राइव करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। पिछले डेढ़ माह से रोवर जेजेरो क्रेटर पर मौजूद क्रोकोडिलन चट्टान पर मिट्टी वाली चट्टानों की खोज कर रहा है। अगर रोवर की खोज पूरी हो जाती है तो यह कहा जा सकता है कि मंगल ग्रह पर बड़ी मात्रा में पानी मौजूद था। (फोटो साभार: NASA/NASAPersevere)

सबसे पुरानी चट्टानों में से एक
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सबसे पुरानी चट्टानों में से एक

पर्सिवियरेंस विज्ञानी केन फार्ले ने कहा कि क्रोकोडिलन चट्टानें जेजेरो क्रेटर के निर्माण से पहले मंगल के सबसे प्रारंभिक भूगर्भिक काल, नोआचियन के दौरान बनी थीं, और मंगल ग्रह की सबसे पुरानी चट्टानों में से हैं। (फोटो साभार: NASA/NASAPersevere)

पर्सिवियरेंस ने ली थी सेल्फी
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पर्सिवियरेंस ने ली थी सेल्फी

हाल ही में पर्सिवियरेंस रोवर ने एक अद्भुत सेल्फी ली थी जिसमें 'शैतानी धूल' नजर आ रही है। दरअसल, 10 मई को ली रोवर ने उस वक्त सेल्फी ली थी जब वह विच हेजल हिल में सतह की जांच कर रहा था। (फोटो साभार: NASA/NASAPersevere)

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