EXPLAINED: क्या है भारतीय क्रिकेटर्स की फिटनेस जांचने के लिए किया जा रहा ब्रोंको टेस्ट? अचानक क्यों पड़ी इसकी जरूरत

बीसीसीआई ने बदला फिटनेस जांचने का तरीका (फोटो- PTI)
What is Bronco Test: क्रिकेट में फिटनेस का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। आधुनिक क्रिकेट में खिलाड़ी से न सिर्फ कौशल बल्कि उच्चतम स्तर की फिटनेस भी अपेक्षित होती है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब तक खिलाड़ियों की फिटनेस जांचने के लिए यो-यो टेस्ट को मानक के रूप में अपनाता रहा है। लेकिन अब टीम इंडिया के नए स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रूक्स ने खिलाड़ियों के लिए एक नया टेस्ट लाने का फैसला किया है, जिसे ब्रोंको टेस्ट कहा जाता है। इस टेस्ट का उपयोग रग्बी और फुटबॉल के खिलाड़ियों की फिटनेस लेवल जांचने के लिए भी किया जाता है। आइए जानते हैं क्या है ये टेस्ट और इसकी क्यों जरूरत पड़ी है।
ब्रोंको टेस्ट क्या है?
ब्रोंको टेस्ट की शुरुआत रग्बी खेल से हुई थी और इसे खासतौर पर खिलाड़ियों की सहनशक्ति और फिटनेस को परखने के लिए तैयार किया गया है। इस टेस्ट में खिलाड़ियों को लगातार दौड़ना होता है जिससे उनकी पूरी जांच हो जाती है। आइए जानते हैं कि ये कैसे काम करता है।
ऐसे होता है ब्रोंको टेस्ट
- पहले 20 मीटर, फिर 40 मीटर और उसके बाद 60 मीटर की दौड़ लगानी होती है।
- इन तीनों को मिलाकर एक सेट बनता है।
- खिलाड़ियों को ऐसे कुल 5 सेट पूरे करने होते हैं।
- यानी कुल मिलाकर खिलाड़ी को 1200 मीटर की दौड़ लगानी होती है।
- सबसे बड़ी चुनौती यह है कि सभी पांच सेट खिलाड़ियों को 6 मिनट के अंदर पूरे करने होते हैं। लगातार तेज़ रफ्तार से दौड़ना ही इस टेस्ट को मुश्किल और चुनौतीपूर्ण बनाता है।
इसीलिए पड़ी ब्रोंको टेस्ट की जरूरत
कोचिंग स्टाफ का मानना है कि क्रिकेटर मैदान से ज्यादा समय जिम में बिता रहे हैं। लेकिन क्रिकेट का असली दबाव मैदान पर ही झेलना पड़ता है। खासतौर पर तेज गेंदबाजों के लिए स्टेमिना और निरंतरता बेहद अहम होती है।ब्रोंको टेस्ट की मदद से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि तेज गेंदबाज लंबे स्पेल तक अपनी गति और ऊर्जा बनाए रखें।हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दौरे पर भारतीय तेज गेंदबाजों, खासकर जसप्रीत बुमराह, को लंबे स्पेल करने में दिक्कत हुई थी।इंग्लैंड सीरीज में केवल मोहम्मद सिराज ही ऐसे गेंदबाज थे जिन्होंने सभी पांच टेस्ट मैच खेले थे।इसी कमी को दूर करने और गेंदबाजों की फिटनेस व सहनशक्ति बढ़ाने के लिए ब्रोंको टेस्ट लागू किया गया है।
यो-यो टेस्ट और ब्रोंको टेस्ट का संयोजन
बीसीसीआई पहले से ही खिलाड़ियों के लिए यो-यो टेस्ट और 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल जैसी फिटनेस परीक्षाएं लेती रही है। अब ब्रोंको टेस्ट को भी इस मानक में शामिल कर लिया गया है।इसका फायदा यह होगा कि दोनों टेस्ट प्रणालियों को मिलाकर खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर का और बेहतर मूल्यांकन किया जा सकेगा। यानी अब खिलाड़ी को केवल तेज दौड़ ही नहीं बल्कि लंबे समय तक निरंतर खेल दिखाने की क्षमता भी साबित करनी होगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। क्रिकेट (Sports News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
सिद्धार्थ शर्मा, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर अक्टूबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह न्यूज 24 और इन्शॉर्ट्स जैस...और देखें

सबसे बड़ा फैसलाः महिला ODI क्रिकेट वर्ल्ड कप में इतिहास बदलेगा, जानिए क्या नया होने वाला है

Hong Kong Open: सात्विक-चिराग की जोड़ी हांगकांग ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंची

IND A vs AUS A: भारत दौरे पर ऐसी होगी ऑस्ट्रेलिया-ए टीम, आरोन हार्डी हुए बाहर

Asia Cup 2025, PAK vs OMA Preview: भारत के खिलाफ मैच से पहले ओमान को चुनौती देने उतरेगा पाकिस्तान, जानिए इस मैच से जुड़ी खास बातें

क्रिस्टियानो रोनाल्डो का खेल देखकर प्रेरणा लेते हैं एशिया कप के स्टार हॉकी खिलाड़ी अभिषेक नैन
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited