ChatGPT की कंपनी कंटेंट के लिए दे रही नौकरी, 3.4 करोड़ रुपये मिलेगी सैलरी, एक्सपर्ट हैं तो अप्लाई करें

jobs at chatgpt/Photo-timesnowhindi
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स जैसे ChatGPT और Gemini जब तेजी से लेख, विज्ञापन और ब्लॉग तैयार कर रहे हैं, तब लेखन के भविष्य को लेकर चिंता और बढ़ गई है। लेकिन इसी बीच ChatGPT की पैरेंट कंपनी OpenAI ने एक ऐसा पद निकाला है, जो साबित करता है कि मानव कंटेंट क्रिएटर्स की अभी भी काफी मांग है। कंपनी ChatGPT.com के लिए कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट की भर्ती कर रही है, जिसकी सालाना सैलरी करीब 3,93,000 डॉलर (लगभग 3.4 करोड़ रुपये) तक होगी। तकनीक से खतरे में दिखने वाली नौकरी के लिए यह पैकेज चौंकाने वाला है।
कंटेंट स्ट्रैटजी के पोस्ट के लिए है नौकरी
जॉब पोस्टिंग में साफ किया गया है कि अनुभवी लेखक और रणनीतिकार अब भी AI ब्रांड्स की पहचान तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। आवेदकों से उम्मीद की गई है कि उनके पास कंटेंट स्ट्रैटेजी, कॉपीराइटिंग या ग्रोथ मार्केटिंग में 6 से 10 साल का अनुभव हो। यह पद सैन फ्रांसिस्को स्थित है, जहां चुना गया स्ट्रैटेजिस्ट OpenAI के इंजीनियरों और डिजाइनरों के साथ मिलकर विचारों को शब्दों में ढालेगा।
यह सिर्फ एक सामान्य मार्केटिंग जॉब नहीं है। OpenAI ने इस पद को “क्रिटिकल” और “हाई-इंपैक्ट” बताया है। कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट कंपनी की ब्रांड वॉयस तय करेगा, टोन और गाइडलाइंस बनाएगा और खुद लेखन, एडिटिंग और पब्लिशिंग का काम करेगा, ताकि वैश्विक स्तर पर बिजनेस और कंज्यूमर्स दोनों से जुड़ाव मजबूत हो। इस भूमिका में सफल उम्मीदवार को ऐसा कंटेंट तैयार करना होगा जो न सिर्फ अच्छा लगे बल्कि ट्रैफिक बढ़ाए, ब्रांड की पहचान मजबूत करे और SEO के जरिए सही ऑडियंस तक पहुंचे।
खत्म नहीं हुई इंसानों की जरूरत
दिलचस्प बात यह है कि जिस कंपनी ने डिजिटल लेखन की परिभाषा बदल दी, वही अब मानव कहानीकारों की अहमियत को उजागर कर रही है। AI दक्षता जरूर बढ़ा सकता है, लेकिन सूक्ष्मता, सांस्कृतिक जुड़ाव और ब्रांड की व्यक्तित्व अभी भी इंसानों से ही संभव है। यह पद साबित करता है कि AI पूरी तरह से लेखकों की जगह नहीं ले सकता। बल्कि OpenAI जैसी कंपनियां भी मानती हैं कि ब्रांड की आवाज और दृष्टि तय करने के लिए इंसानों की जरूरत है।
यह पहली बार नहीं है जब किसी टेक कंपनी ने AI को बेहतर बनाने के लिए मानव विशेषज्ञता पर भरोसा जताया है। Google और Meta जैसी कंपनियां भी बड़े संपादकीय और मॉडरेशन टीमों की मदद लेती हैं, ताकि AI आधारित सेवाएं नीरस या असुरक्षित न लगें।
हालांकि इस जॉब से जुड़ी सैलरी सबसे ज्यादा ध्यान खींचती है। करीब 3.4 करोड़ रुपये सालाना का पैकेज दिखाता है कि सही पद पर कंटेंट स्ट्रैटेजी इंजीनियरिंग जितनी ही मूल्यवान हो सकती है। यह इस बात का भी संकेत है कि तकनीक की दुनिया में शब्द उतने ही अहम हैं जितना कोड। कुल मिलाकर, AI के लेखकों को अप्रासंगिक बनाने की चर्चाओं के बीच OpenAI का यह कदम बताता है कि इंसानी लेखन और रणनीति अब भी विश्वास, पहचान और जुड़ाव का सबसे मजबूत आधार है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। टेक एंड गैजेट्स (Tech-gadgets News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
जय प्रकाश यूनिवर्सिटी, छपरा (बिहार) से ग्रेजुएशन करके नोएडा आने वाले प्रदीप पाण्डेय ने टेक जर्नलिज्म में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। प्रदीप पाण्डेय टाइ...और देखें

iPhone 17 Series लॉन्च से पहले बढ़ीं Apple की मुश्किलें, जानें कारण

Instagram 10 सितंबर से क्या सच में बंद होने जा रहा है? जान लें सोशल मीडिया में वायरल दावे की सच्चाई

हिंदी बोलेगा मेटा का एआई चैटबॉट! भारतीय यूजर्स के लिए शुरू हुई नई पहल: रिपोर्ट

एप्पल की भारत में धूम: सालाना बिक्री पहली बार 9 अरब डॉलर पार, दो नए स्टोर भी खुले

काउंटडाउन शुरू! 2 दिन बाद Apple का मेगा इवेंट, iPhone 17 के साथ लॉन्च होंगे ये धांसू प्रोडक्ट
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited