Guna Cave Kodaikanal: तमिलनाडु के कोडाईकनाल में स्थित गुना गुफाओं को एक्सप्लोर करने का आप प्लान कर सकते हैं जिन्हें शैतान की रसोई भी कहा जाता है। चमगादड़ों की बस्तियों और पांडव कथाओं से इनका कनेक्शन है। कमल हासन की फिल्म Gunaa के नाम पर इसका नाम रखा गया है।
Guna Cave Kodaikanal: तमिलनाडु राज्य के पलानी हिल्स में स्थित खूबसूरत हिल स्टेशन कोडाईकनाल (Kodaikanal) की गुफाएं हमेशा से ही रहस्यों से घिरी रही हैं। रहस्यों की इस गुत्थी को सुलझाते हुए आज हम आपको गूना केव (Guna Cave) जिसे डेविल किचन (शैतान का रसोईघर) भी कहते हैं के बारे में डिटेल में जानकारी देने जा रहे हैं। धुंध से घिरे घने जंगलों के बीच बसी गुना गुफाएं रोमांच की चाह रखने वाले पर्यटकों के लिए जन्नत से कम नहीं है।
गहरी, अंधेरी, और खतरनाक बनावट इन गुफाओं की पहचान है। इन गुफाओं के नाम में हैरान कर देने वाला रहस्य छिपा हुआ है जो दो दिलचस्प सिद्धांतों से प्रेरित है। एक सिद्धांत के अनुसार, ये गुफाएं चमगादड़ों की झुंडों वाली बस्तियों का घर हैं जो प्रवेश द्वार के आसपास मंडराते रहते हैं, जिनका ऐतिहासिक रूप से अंधकार और शैतान से संबंध है। दूसरा सिद्धांत हिंदू महाकाव्य महाभारत से जुड़ा हुआ है जिसके अनुसार पांडवों ने अपने वनवास के दौरान इन गुफाओं का इस्तेमाल खाना पकाने के लिए किया था।
इन गुफाओं का इतिहास अति प्राचीन है, जो 1821 से जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश अधिकारी बी.एस. वॉर्ड ने इन्हें पहली बार खोजा था। उनके द्वारा ही इसे डेविल्स किचन नाम दिया गया था। हालांकि, बावजूद इसके ये गुफाएं दशकों तक एक छिपा हुआ खजाना बनी रहीं और ज्यादा मशहूर नहीं हो सकीं। इन गुफाओं की लोकप्रियता सीमित ही थी, लेकिन 1991 में कमल हासन की फिल्म गूना की शूटिंग ने इन गुफाओं को एक नई पहचान दिलाई। फिल्म में दिखाई गई रहस्यमयी और रोमांचक लोकेशन ने दर्शकों का ध्यान इस जगह की ओर खींचा। तभी से यह गुफाएं एक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो गईं।
Guna Cave Kodaikanal (photo credit pinterest)
मन मोह लेगी खूबसूरती
रोमांच की चाह रखने वाले पर्यटकों के लिए ये गुफाएं जन्नत से कम नहीं है। 2,230 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, गुना गुफाएं मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती हैं। गुफाओं तक का ट्रेक एक दिल खुश कर देने वाला अनुभव है। देवदार के जंगलों से होकर घुमावदार रास्ते यात्रा के दौरान आपके दिन में घर कर जाएंगे।
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वास्तविक घटना- सुभाष का हादसा (2006)
मण्जुम्मेल का रहने वाला 19 वर्षीय सुभाष अपने दोस्तों के साथ सितंबर 2006 में गुफा की सीमा पार कर अंदर गया और अचानक एक गहरे छेद में गिर गया था। इस गुफा में कई लोग लापता हो चुके थे इसलिए शुरुआत में पुलिस और फॉरेस्ट विभाग मदद नहीं करना चाहते थे। बाद में सुभाष का दोस्त सिजू डेविड पुलिस और फॉरेस्ट विभाग की मदद से अपनी जान जोखिम में डालते हुए रस्सी के सहारे गुफा में उतरता है और लगभग 60–120 फीट गहराई में जाकर शैतान की रसोई से अपने दोस्त को बचा लाता है।
Guna Cave Kodaikanal (photo credit pinterest)
रहस्यों से भरी हुई गुफा
जैसा की अब तक आपको पता चल ही गया होगा कि गुना गुफाएं रहस्यों से भरी हुई हैं। खबरों के अनुसार पिछले कुछ सालों में, कम से कम 16 लोग रहस्यमय तरीके से इन गुफाओं की गहराइयों में गायब हो चुके हैं। इन रहस्यों के जुड़ने की वजह से इन गुफाओं के आसपास का भयावह वातावरण और भी भयावह हो गया है। गुफाओं में प्रवेश बंद कर दिया गया है, लेकिन आप दूर से ही गुफाओं का नजारा देख सकते हैं।
Guna Cave Kodaikanal (photo credit pinterest)
कब जाएं घूमने
गुना गुफाओं की यात्रा के लिए सबसे परफेक्ट टाइम अप्रैल से जून तक का होता है। इस दौरान साफ आसमान और सुहावना मौसम ट्रैकिंग और बाहरी गतिविधियों के लिए आदर्श परिस्थितियां प्रदान करते हैं। इस टाइम आप गुना गुफाओं की सुंदरता और इतिहास का पूरा आनंद ले सकते हैं।
Guna Cave Kodaikanal (photo credit pinterest)
प्रवेश शुल्क और खुलने का समय
प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक गुना गुफाओं में जा सकते हैं। यहां प्रवेश शुल्क नाममात्र है। इस संबंध में नवीनतम जानकारी और ताजा अपडेट ऑनलाइन या स्थानीय पर्यटन कार्यालय से आप प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान दें कि छुट्टियों और वीकेंड के दौरान यहां भीड़भाड़ रहती है। भीड़भाड़ से बचने के लिए, सुबह जल्दी आना बेहतर है।
Guna Cave Kodaikanal (photo credit pinterest)
आस-पास की सुविधाएं
अगर आप खुदके वाहन से यहां घूमने के लिए आ रहे हैं तो जान लें कि गुफा से 10 मिनट की पैदल दूरी पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। यहां आप अपना सामान भी सुरक्षित रख सकते हैं। शौचालय का उपयोग भी आप यहां कर सकते हैं।