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अंतरिक्ष से धरती पर आने के लिए निकले शुभांशु शुक्ला, स्पेस स्टेशन से अलग हुआ स्पेसएक्स ड्रैगन यान; कल करेंगे लैंड

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर आने के लिए निकल चुके हैं। उनका यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हो चुका है। यान के मंगलवार को भारतीय समयानुसार अपराह्न 3:01 बजे कैलिफ़ोर्निया के तट पर पहुंचने की उम्मीद है।
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अंतरिक्ष से पृथ्वी पर वापस आने के लिए स्पेस से निकले शुभांशु शुक्ला और टीम (फाइल फोटो- Axiom Space)

स्पेसएक्स ने पुष्टि की है कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और चालक दल को लेकर जा रहा स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सफलतापूर्वक अनडॉक हो गया है। यानि कि शुभांशु शुक्ला का यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से सफलतापूर्वक अलग हो चुका है और वापस पृथ्वी की ओर आने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।

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वापसी की प्रक्रिया शुरू

ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान के सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से अलग होने के साथ शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक एक्सिओम-4 मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी की वापसी यात्रा शुरू हो गई। पिछले 18 दिनों से चारों अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर थे। ड्रैगन अंतरिक्ष यान आईएसएस से भारतीय समयानुसार शाम 4:45 बजे अलग हुआ। इसमें मूल कार्यक्रम से 10 मिनट की देरी हुई तथा कक्षीय प्रयोगशाला से दूर जाने के लिए उसने दो बार थ्रस्टर्स चालू किए।

कल करेगा लैंड

अनडॉकिंग के लगभग 22.5 घंटे बाद कैलिफोर्निया के तट पर यान के पहुंचने की उम्मीद है, और अंतरिक्ष कैप्सूल को एक विशेष जहाज द्वारा वापस लाया जाएगा। पैराशूट दो चरण में तैनात किए जाएंगे - पहले लगभग 5.7 किमी की ऊंचाई पर स्थिरीकरण पैराशूट, उसके बाद लगभग दो किमी की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट। यान के मंगलवार को भारतीय समयानुसार अपराह्न 3:01 बजे कैलिफ़ोर्निया के तट पर पहुंचने की उम्मीद है।

सात दिन का होगा आइसोलेशन

अंतरिक्ष स्टेशन के आसपास के सुरक्षित क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद, अंतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी पर वापसी की 22.5 घंटे की आरामदायक यात्रा के लिए अपने स्पेससूट उतार दिए। ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान द्वारा मंगलवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे कैलिफ़ोर्निया तट पर पहुंचने के लिए डी-ऑर्बिट प्रक्रिया शुरू करने से पहले, अंतरिक्ष यात्री एक बार फिर स्पेससूट पहनेंगे। चारों अंतरिक्ष यात्रियों को पुनर्वास में सात दिन बिताने होंगे, क्योंकि उन्हें कक्षा में अनुभव की जाने वाली भारहीनता के विपरीत, गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में पृथ्वी पर जीवन के लिए खुद को ढालना होगा।

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शिशुपाल कुमार author

शिशुपाल कुमार टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल के न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं और उन्हें पत्रकारिता में 13 वर्षों का अनुभव है। पटना से ताल्लुक रखने वाले शिशुपा...और देखें

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