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SIP मिस होने पर कितना लगेगा चार्ज, क्या बंद हो जाएगी स्कीम?

अगर SIP कटने वाले दिन आपके खाते में बैलेंस नहीं है तो बैंक का ट्रांजेक्शन फेल हो जाएगा। इसे SIP की मिस्ड इंस्टॉलमेंट कहा जाता है। यानी उस महीने आपके म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं हो पाएगा। इतना ही नहीं, बैंक इस पर "बाउंस चार्ज" भी लगा सकता है, जो अलग-अलग बैंकों में 150 से 500 रुपये तक हो सकता है। कुछ बैंक इस पर GST भी जोड़ते हैं।
Missed SIP

Missed SIP

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे आसान और अनुशासित तरीका है। देशभर में हर महीने करीब 26 हजार करोड़ रुपये SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश किए जाते हैं। आमतौर पर यह रकम तय तारीख को बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट हो जाती है। लेकिन कई बार लापरवाही या पैसों की कमी के कारण खाते में बैलेंस नहीं होता और SIP कट नहीं पाती। ऐसे में सवाल उठता है कि इसका असर आपके निवेश और जेब पर कितना पड़ता है।

अगर बैंक में नहीं हैं पैसे?

अगर SIP कटने वाले दिन आपके खाते में बैलेंस नहीं है तो बैंक का ट्रांजेक्शन फेल हो जाएगा। इसे SIP की मिस्ड इंस्टॉलमेंट कहा जाता है। यानी उस महीने आपके म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं हो पाएगा। इतना ही नहीं, बैंक इस पर "बाउंस चार्ज" भी लगा सकता है, जो अलग-अलग बैंकों में 150 से 500 रुपये तक हो सकता है। कुछ बैंक इस पर GST भी जोड़ते हैं।

SEBI के नियम के मुताबिक, अगर लगातार 3 से 5 किस्तें फेल हो जाती हैं तो म्यूचुअल फंड कंपनी आपकी SIP बंद कर सकती है। हर फंड हाउस की लिमिट अलग-अलग होती है, लेकिन आमतौर पर 3 फेल किश्तों के बाद SIP रोक दी जाती है। हालांकि SIP मिस होने से आपके क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर नहीं पड़ता। लेकिन अगर बार-बार ECS फेल होने की जानकारी बैंक CIBIL को भेज दे, तो उसका इनडायरेक्ट असर हो सकता है।

क्या होता है असर?

SIP की सबसे बड़ी ताकत नियमित निवेश और कंपाउंडिंग का असर है। बार-बार SIP मिस होने से न सिर्फ निवेश की निरंतरता टूटती है, बल्कि आपके बड़े वित्तीय लक्ष्य जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदना भी समय पर पूरे नहीं हो पाते। कंपाउंडिंग का फायदा भी काफी हद तक कम हो जाता है।

SIP मिस न हो, इसके लिए कुछ स्मार्ट रणनीति अपनाना जरूरी है। कोशिश करें कि SIP की तारीख सैलरी आने के तुरंत बाद की रखें। खाते में हमेशा थोड़ी अतिरिक्त रकम यानी बफर रखें, ताकि अचानक खर्चों के बावजूद SIP कट सके। अगर आर्थिक परेशानी हो तो SIP रद्द करने के बजाय उसे रोकने (Pause) या रकम कम करने का विकल्प चुनें। स्थिति सुधरने पर आप इसे फिर से शुरू कर सकते हैं।

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रिचा त्रिपाठी author

लखनऊ शहर से आने वाली रिचा त्रिपाठी ने नोएडा में अपनी अलग पहचान बनाई है। रिचा त्रिपाठी टाइम्स नाउ नवभारत में सीनियर कॉपी एडीटर हैं। रिचा 7 साल से मीडि...और देखें

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