Second Largest Economy By 2038: EY की इकोनॉमी वॉच (August 2025 एडिशन) रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि भारत दुनिया के सबसे गतिशील पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो मजबूत बचत और निवेश दरों, अनुकूल जनसांख्यिकी और टिकाऊ राजकोषीय स्थिति पर आधारित है।
साल 2030 तक भारत का जीडीपी 20.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंच सकता है और 2038 तक इसके 34.2 ट्रिलियल डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यदि ईवाई (Ernst and Young) की इस रिपोर्ट का अनुमान सच निकलता है तो 2038 तक भारत दुनिया का दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपनी मजबूत रणनीति के तहत चुनिंदा आयातों पर उच्च अमेरिकी टैरिफ के प्रतिकूल प्रभाव को कम कर सकता है, जिससे वास्तविक जीडीपी वृद्धि पर पड़ने वाले प्रभाव को लगभग 10 आधार अंकों तक सीमित रखा जा सकता है।
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सबसे गतिशील पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक है भारत
EY की इकोनॉमी वॉच (August 2025 एडिशन) रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि भारत दुनिया के सबसे गतिशील पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो मजबूत बचत और निवेश दरों, अनुकूल जनसांख्यिकी और टिकाऊ राजकोषीय स्थिति पर आधारित है, हालांकि चीन 2030 तक अनुमानित 42.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ ओवरऑल साइज में सबसे आगे है, लेकिन इसकी बढ़ती आबादी और बढ़ता कर्ज चुनौतियां हैं। अमेरिका मजबूत बना हुआ है, लेकिन उसे जीडीपी के 120 प्रतिशत से ज्यादा कर्ज और धीमी विकास दर का सामना करना पड़ रहा है।
जर्मनी और जापान हाईटेक हैं, लेकिन युवा वर्ग की कमी और वैश्विक व्यापार पर भारी निर्भरता से विवश हैं। वैश्विक चुनौतियों जैसे टैरिफ दबाव और धीमी होती व्यापार गति के बावजूद भारत की मजबूती बनी रहने की उम्मीद जताई गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह घरेलू मांग पर निर्भरता और आधुनिक तकनीकों में बढ़ती ताकत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्थाओं की तुलना मार्केट एक्सचेंज रेट की बजाय परचेजिंग पावर पैरिटी (PPP) के आधार पर करना ज्यादा उचित है। इसी आधार पर IMF ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की GDP (PPP) 14.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगी, जो मार्केट एक्सचेंज रेट से करीब 3.6 गुना बड़ी है। इस तरह भारत पहले से ही अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यदि 2030 के बाद भारत और अमेरिका की औसत विकास दरें क्रमशः 6.5% और 2.1% रहीं, तो भारत 2038 तक PPP के आधार पर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ सकता है। इसमें यह भी कहा गया कि भारत के पास युवा जनसंख्या, बढ़ती घरेलू मांग और टिकाऊ राजकोषीय दृष्टिकोण जैसे फायदे हैं, जो लंबे समय तक विकास को स्थिर बनाए रखेंगे।
भारत मजबूती से बढ़ रहा है आगे: डी.के. श्रीवास्तव
EY इंडिया के चीफ पॉलिसी एडवाइजर डी.के. श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की मजबूती उसके युवा और कुशल कार्यबल, मजबूत बचत और निवेश दरों तथा टिकाऊ कर्ज प्रोफाइल में निहित है। वैश्विक अस्थिरता के बीच भी ये कारक भारत को ऊंची विकास दर बनाए रखने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि भारत अपनी मजबूती पर टिके रहते हुए महत्वपूर्ण तकनीकों में क्षमताएं बढ़ाता है, तो वह 2047 तक "विकसित भारत" के सपने के और करीब पहुंच जाएगा।
ट्रंप के टैरिफ का भारत पर मामूली असर
EY ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी टैरिफ का असर भारत की जीडीपी पर मामूली यानी 0.9% ही पड़ेगा लेकिन यदि उचित कदम उठाए जाएं जैसे कि निर्यात का विविधीकरण, घरेलू मांग को मजबूत करना और व्यापार साझेदारियों को आगे बढ़ाना, तो इसका असर GDP ग्रोथ पर सिर्फ 0.1 प्रतिशत अंक तक सीमित किया जा सकता है।