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अनिल अंबानी को तगड़ा झटका, SBI, BOI के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को किया 'फ्रॉड' घोषित

भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने दिवालिया रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) के ऋण खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित कर दिया है। कंपनी को दो सितंबर को बैंक ऑफ बड़ौदा का पत्र मिला, जिसमें अनिल अंबानी (Anil Ambani) और कंपनी के ऋण खाते को धोखाधड़ी वाला वर्गीकृत करने की जानकारी दी गई है।
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बैंक ऑफ बड़ौदा की बड़ी कार्रवाई, RCom और अंबानी पर लगा फ्रॉड का तमगा (तस्वीर-pti)

Anil Ambani: भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने दिवालिया रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के ऋण खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित किया है। कंपनी को दो सितंबर को बैंक ऑफ बड़ौदा से एक पत्र मिला जिसमें इस वर्गीकरण की जानकारी दी गई। बैंक ने कंपनी और उसके प्रवर्तक अनिल अंबानी के खाते में कुल 2,462.50 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा दी थी, जिनमें से 1,656.07 करोड़ रुपये बकाया थे।

लोन खाते का एनपीए में तब्दील होना और दिवाला समाधान प्रक्रिया

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक रिलायंस कम्युनिकेशंस का यह ऋण खाता 5 जून 2017 से गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत है। कंपनी वर्तमान में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत है और उसे नियंत्रण एवं देनदारियों के समाधान के लिए उचित व्यक्ति की तलाश है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि इस धोखाधड़ी की घोषणा फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट पर आधारित है और राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा अनुमोदित कोई सक्रिय समाधान योजना फिलहाल मौजूद नहीं है।

अनिल अंबानी का बयान और बैंकिंग मामलों पर विवाद

अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने इस कार्रवाई को 12 साल से अधिक पुराने मामलों से संबंधित बताया और कहा कि अनिल अंबानी 2006 से 2019 तक कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक रहे, लेकिन वे कभी भी कंपनी के मुख्य प्रबंधकीय कर्मी या दैनिक संचालन में शामिल नहीं थे। उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ ऋणदाताओं ने अनुक्रमिक और चयनात्मक कार्रवाई शुरू की है।

बैंकिंग कानूनों के तहत कार्रवाई और ऋणदाता समिति की भूमिका

भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 14 बैंकों का ऋणदाता संघ आरकॉम की निगरानी कर रहा है और एक समाधान पेशेवर इस प्रक्रिया का संचालन कर रहा है। बैंकिंग नियमों के अनुसार, धोखाधड़ी वाले खातों को आपराधिक जांच के लिए भेजा जाता है और ऐसे उधारकर्ताओं को पांच वर्ष तक नई वित्तीय सुविधाओं से रोका जाता है। अप्रैल में आरकॉम ने बताया था कि मार्च 2023 तक उसका कुल ऋण 40,400 करोड़ रुपये था।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बिजनेस डेस्क के इंचार्ज हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वो बिहार के खगड़िया जिले के र...और देखें

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