दिल्ली

आखिर दस साल बाद मिल गई पेड़ हटाने की मंजूरी, मयूर विहार से AIIMS का सफर होगा आसान

बरापुल्ला फेज-3 परियोजना को CEC से मंजूरी मिल गई है। 3.5 किमी लंबे इस कॉरिडोर के जरिए सराय काले खां और पूर्वी दिल्ली में मयूर विहार फेज-1 आपस में जुड़ जाएंगे। इस परियोजना का लगभग 90 फीसद काम पूरा हो चुका है। परियोजना से NH-24, DND और रिंग रोड का जाम कम होगा।
Barapullah Flyover

बरापुल्ला फेज-3 परियोजना को मिली CEC से मंजूरी (फोटो - PTI)

दिल्ली में करीब एक दशक से अटकी पड़ी बरापुल्ला फेज-3 परियोजना को आखिरकार केंद्रीय सशक्त समिति (CEC) से मंजूरी मिल गई है। समिति ने प्रभावित पेड़ों की कटाई, प्रत्यारोपण और छंटाई की इजाजत दे दी है, जिससे अब इस परियोजना का कार्य तेजी से पूरा किया जा सकेगा। इस परियोजना का काम पूरा होने के बाद पूर्वी दिल्ली (मयूर विहार फेस-1) से दक्षिण दिल्ली की ओर आवाजाही आसान हो जाएगी। एम्स और सफदरजंग जैसे इलाकों के अलावा लोदी रोड पहुंचना भी आसान हो जाएगा। इसके अलावा इसका निर्माण पूरा होने से NH-24 पर भी ट्रैफिक का दबाव कम होगा।

लोक निर्माण विभाग (PWD) और वन विभाग ने संयुक्त सर्वे कर पेड़ों का रिकॉर्ड तैयार किया। इसमें पेड़ों की प्रजाति, आकार और लोकेशन भी दर्ज की गई। अंतिम आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय वन प्रभाग में 155 पेड़ इस परियोजना से प्रभावित होंगे, जिनमें से 10 काटे जाएंगे या वे पहले से सूख चुके हैं, 34 का प्रत्यारोपण होगा और 111 को सुरक्षित रखा जाएगा। वहीं दक्षिणी वन प्रभाग में 178 पेड़ प्रभावित होंगे, जिनमें से 75 या तो सूख चुके हैं या काटे जाएंगे, 53 पेड़ों का प्रत्यारोपण होगा और 50 सुरक्षित रहेंगे।

PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, 'CEC और वन विभाग के मार्गदर्शन से हमने पियर की स्थिति बदलकर, स्पैन को बढ़ाकर और प्रत्यारोपण-छंटाई का उपयोग कर अधिकतम पेड़ों को बचाने का प्रयास किया है। इस हरी झंडी के बाद हम परियोजना को जल्द पूरा कर जनता को समर्पित करेंगे। अगले साल तक यह कॉरिडोर तैयार हो जाएगा, जिससे NH-24, DND और रिंग रोड पर लगने वाले ट्रैफिक से कुछ राहत मिलेगी।'

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यह परियोजना सराय काले खां को मयूर विहार फेज-1 से जोड़ने के लिए बनाई जा रही है। 2014 में स्वीकृत इस 3.5 किमी लंबे कॉरिडोर का निर्माण 2015 में शुरू हुआ था, लेकिन पर्यावरणीय कारणों से काम अटक गया। शुरुआत में इसकी लागत 964 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर लगभग 1,330 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

यह कॉरिडोर तीन-लेन का होगा, जिसमें आठ लूप्स, साइकिल ट्रैक और फुटपाथ भी शामिल होंगे। परियोजना का काम पूरा होने से एनएच-24, डीएनडी फ्लाईवे और रिंग रोड पर ट्रैफिक का दबाव काफी कम होने की उम्मीद है। साथ ही यह सराय काले खां ट्रांसपोर्ट हब से भी जुड़ेगा, जिसमें रैपिड रेल, रेलवे स्टेशन, ISBT और दिल्ली मेट्रो शामिल हैं। अनुमान है कि इसके शुरू होने से रोजाना लगभग 2 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। यह 30 हजार पेड़ लगाने के बराबर है।

अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना का 90 फीसद काम पूरा हो चुका है और फ्लाईओवर को जोड़ने के बाद ब्लैक टॉपिंग का कार्य किया जाएगा। इसके शुरू होने से पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली के बीच यात्रा समय घटकर मात्र 20 मिनट रह जाएगा।

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Digpal Singh author

साल 2006 से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। शुरुआत में हिंदुस्तान, अमर उजाला और दैनिक जागरण जैसे अखबारों में फ्रीलांस करने के बाद स्थानीय अखबारों और मै...और देखें

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